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मुरैना जहरीली शराब कांडः कांग्रेस ने उठाई MP में पूर्ण शराबबंदी की मांग - Bhopal News

कांग्रेस ने मुरैना में जहरीली शराब की वजह से हुईं मौतों को लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही मांग की है कि मध्यप्रदेश में पूरी तरह शराबबंदी होनी चाहिए.

Former Minister PC Sharma
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा
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Published : Jan 13, 2021, 3:48 PM IST

भोपाल। मुरैना में जहरीली शराब से 21 लोगों की मौत हो चुकी है. इस पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए शिवराज सरकार पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस मांग कर रही है कि अगर इस तरह की घटनाओं पर रोक लगानी है, तो मध्यप्रदेश में शराबबंदी होनी चाहिए. सरकार को तमाम नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए.इससे बेटियां भी बचेंगीं. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि अगर सरकार की मंशा सही तो तत्काल इस पर अमल करे. लेकिन जिस तरह का रवैया इस सरकार का रहा है, उससे तो लग रहा है कि कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने सत्ताधारी दल पर शराब माफिया से मिले होने का आरोप लगाया है.

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा

उजड़ गईं कई जिंदगियां

पीसी शर्मा ने कहा है कि जिन परिवारों के सदस्यों की मौत हुई है,उनका तो सब-कुछ लुट गया है. रतलाम,इंदौर और उज्जैन में जब ऐसी घटना सामने आईं थीं, तभी कहा था कि इस पर पांबदी लगनी चाहिए. प्रदेश में ना केवल जहरीली शराब, बल्कि हम तो कह रहे हैं कि आप तो पूरी तरह शराब पर पाबंदी लगा दो.

ये भी पढ़ेंः43 मौतें, जिम्मेदार कौन? खोज जारी… मुरैना शराब कांड के आरोपियों पर इनाम घोषित

एसपी-कलेक्टर हटाए गए

हालांकि इस मामले को लेकर सीएम हाउस में उच्चस्तरीय बैठक हुई. जिसमें सीएम शिवराज ने मुरैना के कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी अनुराग सजानिया को हटाने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद दोनों अधिकारियों को पद से हटा दिया गया है. एसडीओपी पर भी गाज गिरी है.

ये भी पढ़ेंःमुरैना जहरीली शराब कांड: भरत यादव बनाए गए जिले के नए कलेक्टर

क्या है मामला ?

मुरैना जिले के गांवों में जहरीली शराब पीने से अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी हैं. मामले में आबकारी और पुलिस विभाग के 5 अधिकारी अभी तक निलंबित किए जा चुके हैं. बताया जा रहा है कि जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.

इन क्षेत्रों में छाया मातम

  • सबसे ज्यादा मौतें छैरा मानपुरा गांव- 12 (एक ही गांव से)
  • पहावली-3 ( दो सगे भाई और चाचा)
  • मुरैना सिविल लाइन थाना क्षेत्र- 1( मृतक उप्र के आगरा का निवासी)
  • बिलाइया पुरा- 3
  • हड़वांसी- 1
  • नूराबाद थाना का बिचौला गांव- 1

शराबबंदी से क्यों कतराती रही शिवराज सरकार ?

मध्यप्रदेश में शराब से आय पर नजर डाली जाए तो वर्ष 2011-2012 में 4317 करोड़ की आय हुई. वर्ष 2012-2013 में 5083 करोड़ रुपए खजाने में आए. वर्ष 2015-2016 में 7926 करोड़ तक सरकार के खजाने में आए. जबकि वित्तीय वर्ष 2016-2017 में ये आंकड़ 8 हजार करोड़ के पार पहुंच गया. इन आंकड़ों में हर साल बढ़ोतरी देखने को मिली है. शराब की खपत बढ़ती जा रही है.

भोपाल। मुरैना में जहरीली शराब से 21 लोगों की मौत हो चुकी है. इस पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए शिवराज सरकार पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस मांग कर रही है कि अगर इस तरह की घटनाओं पर रोक लगानी है, तो मध्यप्रदेश में शराबबंदी होनी चाहिए. सरकार को तमाम नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए.इससे बेटियां भी बचेंगीं. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि अगर सरकार की मंशा सही तो तत्काल इस पर अमल करे. लेकिन जिस तरह का रवैया इस सरकार का रहा है, उससे तो लग रहा है कि कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने सत्ताधारी दल पर शराब माफिया से मिले होने का आरोप लगाया है.

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा

उजड़ गईं कई जिंदगियां

पीसी शर्मा ने कहा है कि जिन परिवारों के सदस्यों की मौत हुई है,उनका तो सब-कुछ लुट गया है. रतलाम,इंदौर और उज्जैन में जब ऐसी घटना सामने आईं थीं, तभी कहा था कि इस पर पांबदी लगनी चाहिए. प्रदेश में ना केवल जहरीली शराब, बल्कि हम तो कह रहे हैं कि आप तो पूरी तरह शराब पर पाबंदी लगा दो.

ये भी पढ़ेंः43 मौतें, जिम्मेदार कौन? खोज जारी… मुरैना शराब कांड के आरोपियों पर इनाम घोषित

एसपी-कलेक्टर हटाए गए

हालांकि इस मामले को लेकर सीएम हाउस में उच्चस्तरीय बैठक हुई. जिसमें सीएम शिवराज ने मुरैना के कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी अनुराग सजानिया को हटाने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद दोनों अधिकारियों को पद से हटा दिया गया है. एसडीओपी पर भी गाज गिरी है.

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क्या है मामला ?

मुरैना जिले के गांवों में जहरीली शराब पीने से अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी हैं. मामले में आबकारी और पुलिस विभाग के 5 अधिकारी अभी तक निलंबित किए जा चुके हैं. बताया जा रहा है कि जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.

इन क्षेत्रों में छाया मातम

  • सबसे ज्यादा मौतें छैरा मानपुरा गांव- 12 (एक ही गांव से)
  • पहावली-3 ( दो सगे भाई और चाचा)
  • मुरैना सिविल लाइन थाना क्षेत्र- 1( मृतक उप्र के आगरा का निवासी)
  • बिलाइया पुरा- 3
  • हड़वांसी- 1
  • नूराबाद थाना का बिचौला गांव- 1

शराबबंदी से क्यों कतराती रही शिवराज सरकार ?

मध्यप्रदेश में शराब से आय पर नजर डाली जाए तो वर्ष 2011-2012 में 4317 करोड़ की आय हुई. वर्ष 2012-2013 में 5083 करोड़ रुपए खजाने में आए. वर्ष 2015-2016 में 7926 करोड़ तक सरकार के खजाने में आए. जबकि वित्तीय वर्ष 2016-2017 में ये आंकड़ 8 हजार करोड़ के पार पहुंच गया. इन आंकड़ों में हर साल बढ़ोतरी देखने को मिली है. शराब की खपत बढ़ती जा रही है.

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