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मुरैना पीड़ितों से मिले तोमर-सिंधिया, दूर क्यों रह गए 'शिव'राज ?

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Published : Jan 18, 2021, 5:24 PM IST

Updated : Jan 18, 2021, 5:35 PM IST

मुरैना शराब कांड में 25 लोगों की जान जाने के बाद नेताओं का मुरैना पहुंचने का सिलसिला जारी है. लेकिन मुरैना से शिवराज सरकार गायब है. मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे, गृहमंत्री भी नहीं गए यहां तक कि कोई भी मंत्री नहीं पहुंचा, हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जरूर मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे. अब कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि शिवराज का न पहुंचना और तोमर-सिंधिया का मुरैना जाना क्या शिवराज के लिए कोई संदेश है ?

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शिवराज क्यों नहीं पहुंचे मुरैना ?

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुरैना में 25 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई. कई अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. 4 लोगों की आंखों की रोशनी धीरे-धीरे जाने लगी है. लेकिन इतनी बड़ी घटना हो गई और मध्यप्रदेश में आजकल माफियाओं-अपराधियों के लिए अपने बयानों के जरिए काल बने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुरैना नहीं पहुंचे, घटना के एक हफ्ते बीतने के बाद भी सीएम शिवराज ने मुरैना ना पहुंचकर मृतकों के परिजनों से संवेदना जताना भी जायज नहीं समझा. कितना अच्छा होता अगर शिवराज मुरैना पहुंचकर मृतकों के परिजनों के सामने दुख जताते और वहीं से शराब माफिया को कड़ा संदेश देते कि अगर आज से आपने हमारे मध्यप्रदेश से खिलवाड़ करने की कोशिश की तो आपको गाड़ और लटका दिया जाएगा, लेकिन शिवराज ने ऐसा नहीं किया. मुख्यमंत्री से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर वहां पहुंच गए. चलिए जरा समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर शिवराज मुरैना क्यों नहीं पहुंचे लेकिन सिंधिया और तोमर पहुंच गए.

11 और 12 की दरमियानी रात में मुरैना में जो हुआ वो पूरे देश ने देखा. देसी शराब पीने से एक के बाद एक मौत होती चली गई. 12 की सुबह होते ही पूरे मध्यप्रदेश में ये खबर आग की तरह फैलने लगी सिस्टम समझता उससे पहले ही 11 लोगों ने जान गंवा चुकी थी. धीरे-धीरे शराब के जाम से हुई मौत की जानकारी सियासत में घुलने लगी. आरोप प्रत्यारोप लगने लगे. समय सुबह 10 बज गए थे लेकिन मुख्यमंत्री जी अभी तक न तो सरकारी एजेंसी पर थे न ही सोशल मीडिया पर, शायद वो उज्जैन जाने की तैयारी कर रहे थे..जहां उनका कार्यक्रम था. इस बीच 10 नवंबर को उपचुनाव हार के बाद पूरी तरह सत्ता गंवा देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सतर्क हो गए और ठीक 10 बजकर 52 मिनट पर ट्वीट कर दिया कि गाड़ दूंगा, टांग दूंगा, लटका दूंगा सब दिखावटी व गुमराह करने वाली बातें, कमलनाथ ने मुरैना पर ही नहीं शिवराज को ये भी याद दिला दिया कि आपके राज में उज्जैन में 16 मौत और अब मुरैना में जहरीली शराब से मौत का खेल आपके ही राज में हुआ है.

Kamal Nath's tweet on Morena poisonous alcohol scandal
मुरैना जहरीली शराब कांड पर कमलनाथ का ट्वीट

शायद कमलनाथ के ट्वीट को देखने के बाद बीजेपी की आईटी सेल भी चौकस हो गई और ठीक एक बजकर 20 मिनट पर मुख्यमंत्री का ट्वीट आ गया...शिवराज ने लिखा...डिस्ट्रिक एक्साइज ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया गया है. और हम दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे. इसके बाद शिवराज ने बैठकें भी ली और डीएम और एसपी भी हटाए गए. लेकिन सवाल वहीं शिवराज मुरैना क्यों पहुंचे ?

Shivraj's tweet on Morena poisonous liquor scandal
मुरैना जहरीली शराब कांड पर शिवराज का ट्वीट

ये भी पढ़े: शिव'राज' में खाने को राशन नहीं, पीने को जहरीली शराबः कमलनाथ

शिवराज को समझना चाहिए अब ये पहले का मध्यप्रदेश नहीं !

6 जून मध्यप्रदेश के इतिहास का वो काला दिन है जो मंदसौर किसान आंदोलन के नाम से जाना जाता है. जिसे याद करते ही यहां के किसानों की आंखें भर आती हैं. किसान आंदोलन में 6 किसानों की मौत हो गई थी. तब भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे, और सीएम तब भी मंदसौर जाने में हिचकते रहे...उन्होंने मुख्यमंत्री होते हुए भी भोपाल में धरना दे दिया और कुछ दिन बाद मंदसौर पहुंचे थे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी क्योंकि कांग्रेस ने ये मुद्दा शिवराज से छीन लिया था. हालांकि शिवराज तब संभल जरुर गए थे और आगे बढ़े.लेकिन आज वो स्थिति नहीं है. मध्यप्रदेश में आज सियासत बदल चुकी है. भले ही मुख्यमंत्री शिवराज हो लेकिन उनके इर्द-गिर्द अब कई चेहरे हैं जो सिर्फ मौके की तलाश में हैं.

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मृतकों के परिजनों से मिलते केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर

न नरोत्तम पहुंचे और न ही सरकार...!

शायद ऐसा आपको देखने को नहीं मिलता..इतना बड़ा कांड हो जाए और सरकार गायब रहे. सरकार ने कार्रवाई जरूर की बैठकें लीं लेकिन न तो वहां कोई मंत्री पहुंचा और न मुख्यमंत्री. गृहमंत्री के नाते नैतिक जिम्मेदारी तो नरोत्तम मिश्रा की भी थी लेकिन वो भी बयानों से कड़ा संदेश देते रहे. मुरैना के जख्मों में मरहम भरना सरकार की जिम्मेदारी थी, जिन तीन गांवों में ये घटना घटी वहां के ग्रामीण भी सहमें हैं महिलाएं डरी हैं क्या हो जाता अगर सरकार का एक भी मंत्री वहां पहुंच जाता.

पहले सिंधिया पहुंचे...फिर तोमर पहुंच गए

बीजेपी का अगर कोई बड़ा नेता सबसे पहले मुरैना पहुंचा तो वो ज्योतिरादित्य सिंधिया थे, हालांकि सिंधिया भी मुरैना लेट पहुंचे. महाराज 16 तारीख को मुरैना पहुंचे मतलब शराब कांड के चार दिन बाद. इसके बाद कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ट्रेन से मुरैना पहुंच गए और मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी.

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मुरैना जहरीली शराब से मृतकों के परिजनों से मिलते हुए सिंधिया

ये भी पढ़े: मुरैना शराब कांड: मृतकों के परिजनों से मिले नरेंद्र सिंह तोमर

शिवराज से पहले तोमर और सिंधिया का जाना क्या संदेश ?

ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, लेकिन अब वो बीजेपी के बड़े नेता हैं और संघ से भी नजदीकियां बढ़ा रहे हैं. मुरैना पहुंचते ही सिंधिया ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया है कि वह किसी भी तरह के माफिया हो उन्हें बख्शें नहीं और उन पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करें, और मुझे तसल्ली है कि मुख्यमंत्री जी ने छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े बड़े अधिकारियों तक सब के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं और आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी साथ ही जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, अब संदेश साफ है कि सिंधिया ये भी नहीं जताना देना चाहते हैं कि वो शिवराज से पहले मुरैना पहुंच गए और शिवराज की तारीफ भी कर गए. हालांकि मुरैना सिंधिया का गढ़ है. इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री रविवार रात यानि कि 17 तारीख को मुरैना पहुंचे, ये भी दिलचस्प हो जाता है कि नरेंद्र सिंह तोमर एक तरफ किसान आंदोलन के मसले में फंसे हैं. हर दिन उन्हें बैठकें और रणनीति बनानी पड़ रही है और तब भी नरेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना में मृतकों के परिजनों के लिए समय निकाल दिया, वो भी ट्रेन से पहुंचकर. अगर सिंधिया और तोमर दिल्ली से पहुंचकर मुरैना जा सकते हैं तो शिवराज भोपाल में रहकर मुरैना नहीं पहुंचे. कहा तो ये भी जा रहा है कि सिंधिया और तोमर की सीएम शिवराज की हर हरकत पर नजर है. क्योंकि जब सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे तो मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के दावेदारों में नरेंद्र सिंह तोमर और सिंधिया का नाम भी राजनीतिक पंडित ले रहे थे. बहराल मध्यप्रदेश में अगले कुछ महीने अब सियासत के लिए जरूर बड़े होने वाले हैं. इंतजार किजिए...

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुरैना में 25 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई. कई अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. 4 लोगों की आंखों की रोशनी धीरे-धीरे जाने लगी है. लेकिन इतनी बड़ी घटना हो गई और मध्यप्रदेश में आजकल माफियाओं-अपराधियों के लिए अपने बयानों के जरिए काल बने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुरैना नहीं पहुंचे, घटना के एक हफ्ते बीतने के बाद भी सीएम शिवराज ने मुरैना ना पहुंचकर मृतकों के परिजनों से संवेदना जताना भी जायज नहीं समझा. कितना अच्छा होता अगर शिवराज मुरैना पहुंचकर मृतकों के परिजनों के सामने दुख जताते और वहीं से शराब माफिया को कड़ा संदेश देते कि अगर आज से आपने हमारे मध्यप्रदेश से खिलवाड़ करने की कोशिश की तो आपको गाड़ और लटका दिया जाएगा, लेकिन शिवराज ने ऐसा नहीं किया. मुख्यमंत्री से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर वहां पहुंच गए. चलिए जरा समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर शिवराज मुरैना क्यों नहीं पहुंचे लेकिन सिंधिया और तोमर पहुंच गए.

11 और 12 की दरमियानी रात में मुरैना में जो हुआ वो पूरे देश ने देखा. देसी शराब पीने से एक के बाद एक मौत होती चली गई. 12 की सुबह होते ही पूरे मध्यप्रदेश में ये खबर आग की तरह फैलने लगी सिस्टम समझता उससे पहले ही 11 लोगों ने जान गंवा चुकी थी. धीरे-धीरे शराब के जाम से हुई मौत की जानकारी सियासत में घुलने लगी. आरोप प्रत्यारोप लगने लगे. समय सुबह 10 बज गए थे लेकिन मुख्यमंत्री जी अभी तक न तो सरकारी एजेंसी पर थे न ही सोशल मीडिया पर, शायद वो उज्जैन जाने की तैयारी कर रहे थे..जहां उनका कार्यक्रम था. इस बीच 10 नवंबर को उपचुनाव हार के बाद पूरी तरह सत्ता गंवा देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सतर्क हो गए और ठीक 10 बजकर 52 मिनट पर ट्वीट कर दिया कि गाड़ दूंगा, टांग दूंगा, लटका दूंगा सब दिखावटी व गुमराह करने वाली बातें, कमलनाथ ने मुरैना पर ही नहीं शिवराज को ये भी याद दिला दिया कि आपके राज में उज्जैन में 16 मौत और अब मुरैना में जहरीली शराब से मौत का खेल आपके ही राज में हुआ है.

Kamal Nath's tweet on Morena poisonous alcohol scandal
मुरैना जहरीली शराब कांड पर कमलनाथ का ट्वीट

शायद कमलनाथ के ट्वीट को देखने के बाद बीजेपी की आईटी सेल भी चौकस हो गई और ठीक एक बजकर 20 मिनट पर मुख्यमंत्री का ट्वीट आ गया...शिवराज ने लिखा...डिस्ट्रिक एक्साइज ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया गया है. और हम दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे. इसके बाद शिवराज ने बैठकें भी ली और डीएम और एसपी भी हटाए गए. लेकिन सवाल वहीं शिवराज मुरैना क्यों पहुंचे ?

Shivraj's tweet on Morena poisonous liquor scandal
मुरैना जहरीली शराब कांड पर शिवराज का ट्वीट

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शिवराज को समझना चाहिए अब ये पहले का मध्यप्रदेश नहीं !

6 जून मध्यप्रदेश के इतिहास का वो काला दिन है जो मंदसौर किसान आंदोलन के नाम से जाना जाता है. जिसे याद करते ही यहां के किसानों की आंखें भर आती हैं. किसान आंदोलन में 6 किसानों की मौत हो गई थी. तब भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे, और सीएम तब भी मंदसौर जाने में हिचकते रहे...उन्होंने मुख्यमंत्री होते हुए भी भोपाल में धरना दे दिया और कुछ दिन बाद मंदसौर पहुंचे थे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी क्योंकि कांग्रेस ने ये मुद्दा शिवराज से छीन लिया था. हालांकि शिवराज तब संभल जरुर गए थे और आगे बढ़े.लेकिन आज वो स्थिति नहीं है. मध्यप्रदेश में आज सियासत बदल चुकी है. भले ही मुख्यमंत्री शिवराज हो लेकिन उनके इर्द-गिर्द अब कई चेहरे हैं जो सिर्फ मौके की तलाश में हैं.

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मृतकों के परिजनों से मिलते केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर

न नरोत्तम पहुंचे और न ही सरकार...!

शायद ऐसा आपको देखने को नहीं मिलता..इतना बड़ा कांड हो जाए और सरकार गायब रहे. सरकार ने कार्रवाई जरूर की बैठकें लीं लेकिन न तो वहां कोई मंत्री पहुंचा और न मुख्यमंत्री. गृहमंत्री के नाते नैतिक जिम्मेदारी तो नरोत्तम मिश्रा की भी थी लेकिन वो भी बयानों से कड़ा संदेश देते रहे. मुरैना के जख्मों में मरहम भरना सरकार की जिम्मेदारी थी, जिन तीन गांवों में ये घटना घटी वहां के ग्रामीण भी सहमें हैं महिलाएं डरी हैं क्या हो जाता अगर सरकार का एक भी मंत्री वहां पहुंच जाता.

पहले सिंधिया पहुंचे...फिर तोमर पहुंच गए

बीजेपी का अगर कोई बड़ा नेता सबसे पहले मुरैना पहुंचा तो वो ज्योतिरादित्य सिंधिया थे, हालांकि सिंधिया भी मुरैना लेट पहुंचे. महाराज 16 तारीख को मुरैना पहुंचे मतलब शराब कांड के चार दिन बाद. इसके बाद कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ट्रेन से मुरैना पहुंच गए और मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी.

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मुरैना जहरीली शराब से मृतकों के परिजनों से मिलते हुए सिंधिया

ये भी पढ़े: मुरैना शराब कांड: मृतकों के परिजनों से मिले नरेंद्र सिंह तोमर

शिवराज से पहले तोमर और सिंधिया का जाना क्या संदेश ?

ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, लेकिन अब वो बीजेपी के बड़े नेता हैं और संघ से भी नजदीकियां बढ़ा रहे हैं. मुरैना पहुंचते ही सिंधिया ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया है कि वह किसी भी तरह के माफिया हो उन्हें बख्शें नहीं और उन पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करें, और मुझे तसल्ली है कि मुख्यमंत्री जी ने छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े बड़े अधिकारियों तक सब के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं और आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी साथ ही जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, अब संदेश साफ है कि सिंधिया ये भी नहीं जताना देना चाहते हैं कि वो शिवराज से पहले मुरैना पहुंच गए और शिवराज की तारीफ भी कर गए. हालांकि मुरैना सिंधिया का गढ़ है. इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री रविवार रात यानि कि 17 तारीख को मुरैना पहुंचे, ये भी दिलचस्प हो जाता है कि नरेंद्र सिंह तोमर एक तरफ किसान आंदोलन के मसले में फंसे हैं. हर दिन उन्हें बैठकें और रणनीति बनानी पड़ रही है और तब भी नरेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना में मृतकों के परिजनों के लिए समय निकाल दिया, वो भी ट्रेन से पहुंचकर. अगर सिंधिया और तोमर दिल्ली से पहुंचकर मुरैना जा सकते हैं तो शिवराज भोपाल में रहकर मुरैना नहीं पहुंचे. कहा तो ये भी जा रहा है कि सिंधिया और तोमर की सीएम शिवराज की हर हरकत पर नजर है. क्योंकि जब सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे तो मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के दावेदारों में नरेंद्र सिंह तोमर और सिंधिया का नाम भी राजनीतिक पंडित ले रहे थे. बहराल मध्यप्रदेश में अगले कुछ महीने अब सियासत के लिए जरूर बड़े होने वाले हैं. इंतजार किजिए...

Last Updated : Jan 18, 2021, 5:35 PM IST
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