भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच लोग पहले से ही नौकरी से जूझ रहे हैं, आलम यह है कि लॉकडाउन हटने के बाद भी लोगों की आर्थिक स्थिति पटरी पर नहीं लौट पाई है. वहीं राज्य सरकार ने प्रदेश के जिला, ब्लॉक, एवं संकुल केंद्रों पर कार्यरत 5 हजार से ज्यादा डाटा एंट्री और कंप्यूटर ऑपेरटर्स की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दे दिए हैं. जिसके बाद शिक्षक कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
शिक्षक कांग्रेस ने स्कूल शिक्षा विभाग को चेतावनी दी है कि अगर आर्थिक तंगी से जूझ रहे डाटा एंट्री और कंप्यूटर ऑपेरटर्स को सेवाओं में वापस नहीं लिया गया तो मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस प्रदेशभर में स्कूल शिक्षा विभाग के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी. इसके लिए शिक्षक कांग्रेस ने विभाग की प्रमुख सचिव से मुलाकात कर डाटा एंट्री और कंप्यूटर ऑपेरटर्स की सेवाएं वापस लेने की मांग की है.
शिक्षक कांग्रेस की मांग
मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुभाष सक्सेना का कहना है कि कोरोना महामारी में हर वर्ग परेशान है. कोरोना के बीच देशभर में लॉकडाउन के कारण लोग आर्थिक तंगी जूझ रहे हैं. आधे से ज्यादा व्यवसाय अब भी बंद हैं, ऐसे में मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग इस संकट के समय 5 हजार से ज़्यादा लोगों से रोजगार छीन रहा है जिससे डाटा एंट्री ऑपरेटर्स बहुत परेशान हैं.
शिक्षक कांग्रेस की विभाग को चेतावनी
शिक्षक कांग्रेस का कहना है कि डाटा एंट्री ऑपेरटर्स की सेवाएं समाप्त होने से विभाग के आधे काम रुक जाएंगे और शिक्षकों पर काम का भार बढ़ जाएगा, जो काम जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और संकुल केंद्रों पर डाटा एंट्री ऑपेरटर्स करते हैं वह काम शिक्षकों को करना पड़ेगा. जिससे बड़ा नुकसान विभाग और स्कूलों को झेलना पड़ेगा. ऐसे में शिक्षक कांग्रेस की सरकार से मांग है कि जिन भी डाटा एंट्री ऑपेरटर्स को सेवाओं से वंचित किया है, उन्हें वापस लिया जाए. नहीं तो शिक्षक कांग्रेस प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन करेगा जिसकी ज़िम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.