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Monsoon Update: सूबे में कहीं आज मानसून का सुपर संडे, तो कहीं मायूस किसान

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश में आज जोरदार बारिश की संभावना है. एक के बाद एक किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में आईएमडी ने बताया है कि 16 जुलाई से पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बारिश की गतिविधियों में वृद्धि देखने को मिली है और 18 से लेकर 19 जुलाई तक भारी वर्षा की संभावना है.

meteorological department
मौसम विभाग
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Published : Jul 18, 2021, 11:10 AM IST

भोपाल। आज देश के कुछ हिस्सों के लिए मानसून का सुपर संडे है. गरज चमक के साथ कई जगह इंद्रदेव अपनी कृपा बरसा रहे हैं तो कई इलाके ऐसे हैं जहां आंखें आसमान की ओर टकटकी लगाए गड़ी हैं. मध्य प्रदेश में हालात कहीं धूप कहीं छांव की कहानी को चरितार्थ कर रहें हैं. कहीं झमाझम बारिश तो कहीं ना उम्मीदी साथ नहीं छोड़ रही है.

भोपाल समेत सूबे के उत्तर पश्चिम इलाकों के तरबतर होने का पूर्वानुमान जताया जा रहा है तो चंबल अंचल के लिए खबर कोई बहुत सुकूनदायक नहीं है.

अधिकतम तापमान से बढ़ रही बेचैनी
बारिश नहीं होने के कारण मध्य प्रदेश में 31 जिलों में पानी की जबरदस्त दरकार है. इससे खरीफ की फसल सूखने लगी है. उधर तीखी धूप ने भी बेचैनी बढ़ा दी है. इसी क्रम में शनिवार को प्रदेश में सबसे अधिक 41.4 डिग्री सेल्सियस तापमान ग्‍वालियर में दर्ज हुआ, जो सामान्य से आठ डिग्रीसे. अधिक रहा. ग्वालियर में लगातार दूसरे दिन लू चली। हालांकि मौसम विज्ञानियों ने सोमवार से मानसून ट्रफ के सामान्य स्थिति में आने के कारण प्रदेश में बारिश का सिलसिला शुरू होने की उम्मीद है. मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 36.3 डिग्रीसे. रिकार्ड हुआ। जो सामान्य से छह डिग्रीसे. अधिक रहा। साथ ही शुक्रवार के अधिकतम तापमान (33.7 डिग्रीसे.) की तुलना में 2.6 डिग्रीसे. अधिक रहा. न्यूनतम तापमान 25.8 डिग्रीसे. दर्ज हुआ। यह सामान्य से दो डिग्रीसे. अधिक है.

प्रदेश के 31 जिलों में सामान्य से काफी कम बरसात

इस सीजन में शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में 216.1 मिलीमीटर बारिश हुई है. यह सामान्य (280.2 मिमी.) की तुलना में 23 फीसद कम है. 31 जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. इनमें भिंड, ग्वालियर, दतिया, मुरैना, शिवपुरी, श्यौपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, सागर, राजगढ़, शाजापुर, आगर, मंदसौर, धार, आलीराजपुर, बड़वानी, इंदौर, खरगोन, खंडवा, होशंगाबाद, सिवनी, बालाघाट, डिंडोरी, अनूपपुर, जबलपुर, कटनी, दमोह, छतरपुर, पन्ना, सतना जिले शामिल हैं.

कल से बारिश का सिलसिला शुरू होने के आसार

मौसम विभाग के मुताबिक वर्तमान में मानसून ट्रफ का पूर्वी छोर हिमालय की तराई में है, जबकि पश्चिमी छोर राजस्थान, उत्तरप्रदेश के बरेली, गोरखपुर होकर गुजर रहा है. इसके सोमवार से अपनी सामान्य स्थिति में आने की संभावना है. हवा का रुख भी दक्षिण-पश्चिमी हो गया है. इससे वातावरण में नमी बढ़ने लगी है.

बंगाल की खाड़ी में बन रहा कम दबाव का क्षेत्र

जानकारी के मुताबिक वर्तमान में आंध्रा कोस्ट के पास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है. 21 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है. इस वजह से प्रदेश में तीन-चार दिन तक अच्छी बरसात होने की संभावना बन रही है.

किसान बेहाल

मौसम की आंख मिचौली से सबसे ज्यादा परेशान किसान है मालवा-निमाड, छिंदवाड़ा, भोपाल, होशंगाबाद, सागर में संभाग सोयाबीन, मक्का आदि सुरक्षित हैं, लेकिन अगर एक हफ्ते तक अगर बारिश नहीं हुई, तो फसलों को नुकसान हो सकता है. वैसे, खंडवा में 80% किसान दोबारा सोयाबीन की बोवनी कर चुके हैं. चूंकि सोयाबीन-मक्का के मामले में मालवा निमाड़ सबसे बड़ा उत्पादन करने वाला क्षेत्र हैं. यहां से विदेश तक निर्यात होता है.

गुना में 15 दिन पहले मानसून आ जाने के बाद भी पर्याप्त बारिश नहीं हुई है, जिससे सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंच रहा है. वैसे, मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इंदौर, भोपाल, सागर व होशंगाबाद के कुछ हिस्सों में 4-5 दिनों में बारिश हो सकती है और हो सकता है कि किसानों को कुछ राहत नसीब हो.

विंध्य में बारिश न होने से बढ़ी परेशानी

विंध्य में एक हफ्ते से बारिश नहीं होने के कारण खेतों की नमी चली गई है. ऐसे में रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली जिले में कम बारिश से किसानों के माथे में चिंता की लकीर साफ मंडराने लगी हैं.

भोपाल। आज देश के कुछ हिस्सों के लिए मानसून का सुपर संडे है. गरज चमक के साथ कई जगह इंद्रदेव अपनी कृपा बरसा रहे हैं तो कई इलाके ऐसे हैं जहां आंखें आसमान की ओर टकटकी लगाए गड़ी हैं. मध्य प्रदेश में हालात कहीं धूप कहीं छांव की कहानी को चरितार्थ कर रहें हैं. कहीं झमाझम बारिश तो कहीं ना उम्मीदी साथ नहीं छोड़ रही है.

भोपाल समेत सूबे के उत्तर पश्चिम इलाकों के तरबतर होने का पूर्वानुमान जताया जा रहा है तो चंबल अंचल के लिए खबर कोई बहुत सुकूनदायक नहीं है.

अधिकतम तापमान से बढ़ रही बेचैनी
बारिश नहीं होने के कारण मध्य प्रदेश में 31 जिलों में पानी की जबरदस्त दरकार है. इससे खरीफ की फसल सूखने लगी है. उधर तीखी धूप ने भी बेचैनी बढ़ा दी है. इसी क्रम में शनिवार को प्रदेश में सबसे अधिक 41.4 डिग्री सेल्सियस तापमान ग्‍वालियर में दर्ज हुआ, जो सामान्य से आठ डिग्रीसे. अधिक रहा. ग्वालियर में लगातार दूसरे दिन लू चली। हालांकि मौसम विज्ञानियों ने सोमवार से मानसून ट्रफ के सामान्य स्थिति में आने के कारण प्रदेश में बारिश का सिलसिला शुरू होने की उम्मीद है. मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 36.3 डिग्रीसे. रिकार्ड हुआ। जो सामान्य से छह डिग्रीसे. अधिक रहा। साथ ही शुक्रवार के अधिकतम तापमान (33.7 डिग्रीसे.) की तुलना में 2.6 डिग्रीसे. अधिक रहा. न्यूनतम तापमान 25.8 डिग्रीसे. दर्ज हुआ। यह सामान्य से दो डिग्रीसे. अधिक है.

प्रदेश के 31 जिलों में सामान्य से काफी कम बरसात

इस सीजन में शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में 216.1 मिलीमीटर बारिश हुई है. यह सामान्य (280.2 मिमी.) की तुलना में 23 फीसद कम है. 31 जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. इनमें भिंड, ग्वालियर, दतिया, मुरैना, शिवपुरी, श्यौपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, सागर, राजगढ़, शाजापुर, आगर, मंदसौर, धार, आलीराजपुर, बड़वानी, इंदौर, खरगोन, खंडवा, होशंगाबाद, सिवनी, बालाघाट, डिंडोरी, अनूपपुर, जबलपुर, कटनी, दमोह, छतरपुर, पन्ना, सतना जिले शामिल हैं.

कल से बारिश का सिलसिला शुरू होने के आसार

मौसम विभाग के मुताबिक वर्तमान में मानसून ट्रफ का पूर्वी छोर हिमालय की तराई में है, जबकि पश्चिमी छोर राजस्थान, उत्तरप्रदेश के बरेली, गोरखपुर होकर गुजर रहा है. इसके सोमवार से अपनी सामान्य स्थिति में आने की संभावना है. हवा का रुख भी दक्षिण-पश्चिमी हो गया है. इससे वातावरण में नमी बढ़ने लगी है.

बंगाल की खाड़ी में बन रहा कम दबाव का क्षेत्र

जानकारी के मुताबिक वर्तमान में आंध्रा कोस्ट के पास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है. 21 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है. इस वजह से प्रदेश में तीन-चार दिन तक अच्छी बरसात होने की संभावना बन रही है.

किसान बेहाल

मौसम की आंख मिचौली से सबसे ज्यादा परेशान किसान है मालवा-निमाड, छिंदवाड़ा, भोपाल, होशंगाबाद, सागर में संभाग सोयाबीन, मक्का आदि सुरक्षित हैं, लेकिन अगर एक हफ्ते तक अगर बारिश नहीं हुई, तो फसलों को नुकसान हो सकता है. वैसे, खंडवा में 80% किसान दोबारा सोयाबीन की बोवनी कर चुके हैं. चूंकि सोयाबीन-मक्का के मामले में मालवा निमाड़ सबसे बड़ा उत्पादन करने वाला क्षेत्र हैं. यहां से विदेश तक निर्यात होता है.

गुना में 15 दिन पहले मानसून आ जाने के बाद भी पर्याप्त बारिश नहीं हुई है, जिससे सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंच रहा है. वैसे, मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इंदौर, भोपाल, सागर व होशंगाबाद के कुछ हिस्सों में 4-5 दिनों में बारिश हो सकती है और हो सकता है कि किसानों को कुछ राहत नसीब हो.

विंध्य में बारिश न होने से बढ़ी परेशानी

विंध्य में एक हफ्ते से बारिश नहीं होने के कारण खेतों की नमी चली गई है. ऐसे में रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली जिले में कम बारिश से किसानों के माथे में चिंता की लकीर साफ मंडराने लगी हैं.

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