भोपाल। एमपी में चुनाव प्रचार थम गया है. अपनी जमीनी मेहनत और जनता की ताकत के दम पर शिवराज ने आखिर बता ही दिया कि उनको किनारे कर पाना इतना आसान नहीं. एमपी में बीजेपी के चुनावी सीन में कतार में खड़े कर दिए गए. सीएम शिवराज पर फिर भरोसे की मुहर माना जाए क्या इसे. क्या वजह है कि एमपी में धुआंधार चुनाव को लेकर चुप्पी तोड़ ही दी. निमाड़ इलाके में अपनी चुनावी सभा में पीएम मोदी ने लाड़ली बहना योजना के साथ सीएम शिवराज का भी जिक्र किया. आज से ठीक डेढ़ महीने पहले भोपाल में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में पीएम मोदी ने अपने भाषण में एक बार सीएम शिवराज के नाम का जिक्र भी नहीं किया था.
तो बता दिया आखिर एमपी में शिवराज से ही मुमकिन है: बावजूद इसके कि शिवराज सिंह चौहान 2023 के विधानसभा चुनाव में किनारे कर दिए गए. बावजूद इसके कि एमपी के मन में मोदी का नारा देकर शिवराज और एमपी के बीच की मजबूती भी तोड़ दी गई. शिवराज उस विद्यार्थी की तरह अपने इम्तेहान की नतीजोंको बदलने में लगे रहे. जो इस बात की बिल्कुल भी परवाह नहीं करता कि क्लास में उसके साथ बर्ताव क्या हो रहा है. पीछे की सीट पर बिठा दिए जाने के बाद भी अपनी मेहनत और लगन से जो बता देता है कि काबिल वही है. चुनाव प्रचार जब आखिरी दौर में है तब तक शिवराज हर दिन बारह से चौदह चुनावी सभाएं करते रहे. लाड़ली बहनों से आत्मीय संवाद और भावुक बातचीत ने माहौल बनाया और पीएम मोदी की जुबान पर भी शिवराज के नाम और काम का जिक्र आ ही गया. पीएम मोदी ने आखिरी दौर के प्रचार में नीमच से लेकर बड़वानी तक लाड़ली बहना योजना समेत शिवराज सरकार की योजनाओं और काम काज की तारीफ की.
जब पीएम मोदी की जुबान पर नहीं आया था शिवराज का नाम: याद कीजिए 25 सितम्बर को बीजेपी के महाकुंभ को. जिसके साथ बीजेपी एमपी में चुनावी शुरुआत करने जा रहे थे. इस चुनावी महाकुंभ के भाषण से ही पीएम मोदी ने तय कर दिया था कि एमपी में बीजेपी की सत्ता का रिकार्ड बनाने वाले सीएम अब अकेले बीजेपी का चेहरा नहीं होंगे. इस भाषण में पीएम मोदी की जुबान पर एक बार भी सीएम शिवराज का नाम नहीं आया. और जब चुनाव प्रचार के चेहरे आए तो उसमें पीएम मोदी के साथ टीम 11 थी. जिसमें शिवराज समेत बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव केन्द्रीय मंत्री और सासद शामिल किए गए थे. इस होर्डिंग ने कहानी कह दी थी कि पीएम मोदी ने शिवराज का नाम क्यों नहीं लिया. और तब ये माना जा रहा था कि एक झटके में ना सही लेकिन हौले हौले पार्टी शिवराज से किनारा कर रही है.