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'ईट राइट हैबिट' को बढ़ावा देने के लिए सात संभागों को मिली स्वचलित खाद्य लैब की सौगात

प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई और दूध एवं खाद्य पदार्थों की जांच के लिए सात संभागों को चलित खाद्य लैब की सौगात मिली है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों में 'ईट राइट हैबिट' को बढ़ावा देना है.

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Published : Sep 3, 2020, 8:56 AM IST

Seven divisions including Bhopal found food lab for identification of adulteration
मोबाइल लैब से मिलावट की पहचान

भोपाल। प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य शासन की ओर से प्रयास तेज कर दिए गए हैं. प्रदेश में अब खाद्य पदार्थों की जांच और आसानी से की जा सकेगी, जबकि दूध में पानी की मिलावट आधे घंटे में पता चल जाएगी. इसके लिए भोपाल सहित सात संभागों को चलित खाद्य लैब की सौगात मिली है, ये चलित खाद्य लैब दूध में मिलावट की जांच करेगी, जिसके बाद ऐसा करने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

पहले दूध में मिलावट की जांच के लिए काफी इंतजार करना पड़ता था, लेकिन चलित खाद्य लैब में तुरंत मिलावट के बारे में पता चल जाएगा. इसके अलावा खाद्य पदार्थों में तेल और शक्कर की मिलावट का भी रिजल्ट मात्र आधे घंटे में ही पता चल जाएगा, जबकि तेल और शक्कर जैसे अन्य खाद्य पदार्थों की जांच के लिए करीब 14 दिन का इंतजार करना पड़ता था. चलित खाद्य प्रयोगशालाओं में ये सुविधाएं आसानी से मिल सकेंगी, इसके लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने प्रदेश को सात चलित लैब की सौगात दी है.

खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. संजय गोयल ने ड्राइवरों को चाबी सौंप कर प्रयोगशालाओं को अपने-अपने संभागों के लिए रवाना कर दिया, भोपाल के मुख्य खाद्य कार्यालय को ये नई चलित खाद्य लैब की सौगात मिलने से मिलावट के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में और तेजी आएगी. प्रदेश में सिर्फ दो चलित लैब हैं, जो पूरे प्रदेश में चलती हैं. अब संभाग में एक लैब रहेगी, जो बाजार एवं कॉलोनियों में जाकर लैब के माध्यम से खाद्य पदार्थों की जांच आसानी से कर सकेगी.

लैब में पहले तो निगरानी के लिए सैंपल लिए जाएंगे, जिसके बाद सैंपल फेल होने पर वैधानिक सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी. नई लैब पहले से काफी छोटी है, जिसे आसानी से संकरे रास्तों में भी ले जाया जा सकता है, इसके अलावा इस लैब में फ्रिज की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. जिसमें सब्जियों एवं फलों के सैंपल आसानी से लिए जा सकते हैं और उन्हें सुरक्षित भी रखा जा सकता है. इस लैब में कंप्यूटर भी अटैच किया गया है, वर्तमान में प्रदेश में जो चलित लैब पहले से हैं, उनमें ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी. ये चलित खाद्य लैब भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर, ग्वालियर एवं रीवा संभाग में चलाई जाएगी.

खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिलों में निरंतर मोबाइल लैब्स से नमूनों की जांच और जागरूकता कैंपेन अधिक से अधिक चलाया जाए और इसका लाभ सभी नागरिकों को सुलभता से मिल सके. साथ ही ये सुनिश्चित किया जाए कि इन चलित प्रयोगशालाओं को शुरु करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि आम नागरिकों में 'ईट राइट हैबिट' को बढ़ावा मिल सके और जो लोग दूध एवं अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट कर रहे हैं, उन लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सके.

भोपाल। प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य शासन की ओर से प्रयास तेज कर दिए गए हैं. प्रदेश में अब खाद्य पदार्थों की जांच और आसानी से की जा सकेगी, जबकि दूध में पानी की मिलावट आधे घंटे में पता चल जाएगी. इसके लिए भोपाल सहित सात संभागों को चलित खाद्य लैब की सौगात मिली है, ये चलित खाद्य लैब दूध में मिलावट की जांच करेगी, जिसके बाद ऐसा करने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

पहले दूध में मिलावट की जांच के लिए काफी इंतजार करना पड़ता था, लेकिन चलित खाद्य लैब में तुरंत मिलावट के बारे में पता चल जाएगा. इसके अलावा खाद्य पदार्थों में तेल और शक्कर की मिलावट का भी रिजल्ट मात्र आधे घंटे में ही पता चल जाएगा, जबकि तेल और शक्कर जैसे अन्य खाद्य पदार्थों की जांच के लिए करीब 14 दिन का इंतजार करना पड़ता था. चलित खाद्य प्रयोगशालाओं में ये सुविधाएं आसानी से मिल सकेंगी, इसके लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने प्रदेश को सात चलित लैब की सौगात दी है.

खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. संजय गोयल ने ड्राइवरों को चाबी सौंप कर प्रयोगशालाओं को अपने-अपने संभागों के लिए रवाना कर दिया, भोपाल के मुख्य खाद्य कार्यालय को ये नई चलित खाद्य लैब की सौगात मिलने से मिलावट के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में और तेजी आएगी. प्रदेश में सिर्फ दो चलित लैब हैं, जो पूरे प्रदेश में चलती हैं. अब संभाग में एक लैब रहेगी, जो बाजार एवं कॉलोनियों में जाकर लैब के माध्यम से खाद्य पदार्थों की जांच आसानी से कर सकेगी.

लैब में पहले तो निगरानी के लिए सैंपल लिए जाएंगे, जिसके बाद सैंपल फेल होने पर वैधानिक सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी. नई लैब पहले से काफी छोटी है, जिसे आसानी से संकरे रास्तों में भी ले जाया जा सकता है, इसके अलावा इस लैब में फ्रिज की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. जिसमें सब्जियों एवं फलों के सैंपल आसानी से लिए जा सकते हैं और उन्हें सुरक्षित भी रखा जा सकता है. इस लैब में कंप्यूटर भी अटैच किया गया है, वर्तमान में प्रदेश में जो चलित लैब पहले से हैं, उनमें ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी. ये चलित खाद्य लैब भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर, ग्वालियर एवं रीवा संभाग में चलाई जाएगी.

खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिलों में निरंतर मोबाइल लैब्स से नमूनों की जांच और जागरूकता कैंपेन अधिक से अधिक चलाया जाए और इसका लाभ सभी नागरिकों को सुलभता से मिल सके. साथ ही ये सुनिश्चित किया जाए कि इन चलित प्रयोगशालाओं को शुरु करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि आम नागरिकों में 'ईट राइट हैबिट' को बढ़ावा मिल सके और जो लोग दूध एवं अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट कर रहे हैं, उन लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सके.

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