भोपाल। वित्तीय आपातकाल से गुजर रहे मध्यप्रदेश की विधानसभा में चुनकर आए नए विधायकों को 6 माह बाद भी लैपटॉप नहीं मिल पाया है. 2008 से विधायकों को हाईटेक बनाने के लिए लैपटॉप देने की व्यवस्था शुरू की गई है. 2013 के बाद से विधानसभा में प्रश्न भी ऑनलाइन लगाए जाना शुरू हो चुके हैं, लेकिन इस बार विधायकों को लैपटॉप नहीं दिए जा सके हैं. हालांकि विधानसभा सचिवालय का कहना है कि इसका प्रस्ताव संसदीय कार्य विभाग को भेज दिया गया है.
मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्यों को 2008 से लैपटॉप देने की व्यवस्था शुरू की गई थी. शुरुआत में विधायकों को इसके लिए 25-25 हज़ार के लैपटॉप दिए गए. जबकि पिछले बार यानी 2013 में 35 हजार रुपए के कीमत के लैपटॉप खरीदने के लिए पैसों का भुगतान सभी विधायकों को किया गया था. ताकि सभी विधायक अपनी पसंद से लैपटॉप खरीद सकें. लेकिन इस बार सरकार चुनने के 6 महीने बाद भी विधायकों को लैपटॉप नहीं दिए जा सके हैं.
विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह का कहना है कि इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर संसदीय कार्य विभाग को सौंप दिया है. बताया जा रहा है कि अभी तक इस पर वित्त विभाग से अनुमति नहीं मिली है. दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में 92 नए विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं. जबकि 138 विधायक पुराने हैं.