भोपाल। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने अपने समर्थकों के साथ नगर निगम ऑफिस का घेराव किया. इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ स्थानीय रहवासी भी मौजूद रहे. कार्यकर्ताओें और रहवासियों का आरोप है कि नगर निगम बीजेपी के इशारों पर उनके इलाकों में काम नहीं कर रहा है. वहीं विधायक आरिफ मसूद ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं की कठपुतली हैं नगर निगम कमिश्नर.
बीजेपी के इशारों पर काम कर रहे निगमायुक्त
मंगलवार को नगर निगम के माता मंदिर ऑफिस का घेराव करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. विधायक आरिफ मसूद ने नगर निगम ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान विधायक मसूद ने भोपाल नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी को बीजेपी सरकार का कठपुतली बताया. उन्होंने कहा कि निगम कमिश्नर बीजेपी के इशारों पर काम कर रहे हैं. अगर हमारी सुनवाई नहीं होती है तो आने वाले समय में जिस तरह से किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, वैसा ही यहां पर प्रदर्शन होगा. फिर प्रदर्शन तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती.
गरीबों की नहीं हो रही शिफ्टिंग
कांग्रेस विधायक ने सरकार पर आरोप लगाया कि गरीबों को यह बोलकर हटाया गया कि आपको दूसरी जगह पर मल्टी बनाकर शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन अब तक उन्हें शिफ्ट नहीं किया गया है. गरीब बेसहारा हो गए हैं. इसके अलावा विधायक ने उन ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करने की मांग कि जो काम नहीं कर रहे हैं. बीजेपी और नगर निगम कमिश्नर पर हमला बोलते हुए कहा निगम कमिश्नर उन्हीं ठेकेदारों के पैसे रिलीज कर रहे हैं जिनको बीजेपी नेता कहते हैं.
कौन हैं आरिफ मसूद
2018 के विधानसभा चुनाव में भोपाल मध्य से विधायक चुने गए आरिफ मसूद मुसलमानों से संबंधित मुद्दों पर पहले से भी मुखर होकर बोलते रहे हैं. मॉब लिंचिंग से लेकर राम मंदिर और ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर उनके बयान अक्सर चर्चा में रहे हैं. विधायक चुने जाने के थोड़े दिनों बाद ही उनके एक बयान को लेकर बवाल खड़ा हो गया था. उन्होंने कह दिया था कि मैं देश से प्यार करता हूं, लेकिन वंदे मातरम नहीं गाऊंगा. इसके खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए थे और कांग्रेस पार्टी से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
भड़काऊ भाषण देने के मामले में चल रहे थे फरार
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने राजधानी के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. इस विरोध प्रदर्शन में सिर्फ 30 लोगों को ही अनुमति दी गई थी, लेकिन देखते ही देखते इकबाल मैदान पर हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया गया. लिहाजा इस मामले पर आरिफ मसूद के खिलाफ धारा-188 के तहत FIR दर्ज की गई थी. वहीं दूसरी FIR गैर जमानती धाराओं के तहत दर्ज की गई थी, जिसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप आरिफ मसूद पर लगाए गए थे.
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आरिफ मसूद ने क्या कहा
हाईकोर्ट के फैसले के बाद आरिफ मसूद ने कहा कि, मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था. मेरे खिलाफ साजिश के तहत झूठा प्रकरण दर्ज किया गया था, लेकिन इंसाफ की जीत हुई है.
खारिज हुई थी याचिका
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंताने के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद मसूद ने भोपाल की विशेष अदालत में अग्रिम जमानच याचिका दायर की थी. हालांकि इस याचिका पर हुई सुनवाई के बाद विशेष कोर्ट ने मसूद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद आरिफ मसूद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया था, लेकिन आज आरिफ मसूद को जबलपुर हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है.
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हाईकोर्ट से मिली थी अग्रिम जमानत
इस मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को जबलपुर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत दे दी गई थी. जमानत मिलने के बाद भोपाल जिला अदालत में वकीलों ने एक-दूसरे को माला पहनाई और मिठाइयां बांटी थीं.