भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी ने उन सीटों पर फोकस करने का प्लान बनाया है, जिनमें कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत का मार्जन बहुत कम था. ऐसी सीटों को बीजेपी आकांक्षी सीटें मानती है. इन्हीं सीटों को लेकर बीजेपी मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष वी शर्मा सहित संगठन और सत्ता के नेताओं के बीच रणनीतिक बैठक हुई. विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बीजेपी की लगातार बैठकें चल रही हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 दिन लगातार बीजेपी विधायकों से वन टू वन बात की. उन्हें उनका रिपोर्ट कार्ड बताया. इसके बाद बीजेपी कार्यालय में मंत्रियों को बुलाकर संगठन ने उनकी क्लास ली. सबसे कहा कि आप मैदान में जितना हो सके अपना समय दें और जनता की समस्याओं को सुलझाने में बिल्कुल देर न करें.
विधासनभा क्षेत्र प्रभारियों की बैठक : आकांक्षी विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों की बैठक में भी रणनीति बनाई गई. ये प्रभारी संगठन ने नियुक्त किए हैं. जो सत्ता और संगठन की रिपोर्ट पार्टी को देते हैं. बैठक में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार ज्यादा से ज्यादा करने पर जोर दिया गया. चाहे गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने की बात हो या फिर अन्य योजनाएं, इनको लेकर जनता के बीच जाएं. बीजेपी का फोकस गुजरात की तरह वोट प्रतिशत बढ़ाने पर है. प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि पार्टी इस बार वोट बैंक में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी चाहती है. बता दें कि 2018 के चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 41 प्रतिशत था.
mp assembly election 2023 शिवराज का मंत्रियों से वन-टू-वन, प्रदेश प्रभारी ने ली क्लास
बीजेपी की नजर में आकांक्षी सीटें : प्रदेश में 10 सीटें ऐसी हैं, जहां जीत-हार का अंतर 1000 वोट का था. ये सीटें ग्वालियर चंबल की हैं. 18 सीटें वे हैं जहां बीजेपी के कैंडिडेट 2000 वोट के अंतर से हारे. इसी तरह 30 सीटें हैं जहां पर जीत का अंतर 3,000 से कम रहा. वहीं 45 सीटें ऐसी हैं जहां जीत का अंतर 5,000 से कम रहा है. बीजेपी इन सीटों को आकांक्षी सीटें मान रही है. ऐसी सीटों को मिला लिया जाए तो 100 के आसपास का आंकड़ा पार्टी की नजर में है. बीजेपी को लग रहा है कि यदि इन सीटों को जीत लिया तो उसका मिशन 2023 पूरा हो जाएगा. :