भोपाल। देश में भले ही बाल विवाह को कानूनन प्रतिबंधित कर दिया गया हो. लेकिन इसके बाद भी कई जगह बाल विवाह के मामले सामने आते रहे हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी भोपाल में सामने आया है, जहां नाबालिग लड़की ने 2 वर्ष पहले हुए बाल विवाह को शून्य कराने के लिए चाइल्ड लाइन में गुहार लगाई है.
नाबालिग लड़की का विवाह 2 वर्ष पहले हुआ था, लेकिन नाबालिग इस रिश्ते से खुश नहीं थी और वह आगे पढ़ाई करना चाहती थी. इसीलिए अब नाबालिग अपने मजबूत इरादों के साथ आगे बढ़ना चाहती है और 2 वर्ष पहले हुए विवाह को कानूनन शून्य कराना चाहती है, ताकि वह आगे की जिंदगी अपने हिसाब से जी सके.
दरअसल उमरिया जिले की रहने वाली एक नाबालिग की शादी उसके सौतेले पिता ने 2 सास पहले मात्र 15 वर्ष की आयु में गुना जिले के मुआस गांव में रहने वाले 35 वर्षीय व्यक्ति से कर दी थी. नाबालिग शादी के बाद केवल 7 दिन ही ससुराल में रही और फिर वापस अपने मायके आ गई.
उसके बाद उसने ससुराल वापस जाने से साफ मना कर दिया. हालांकि इस दौरान ससुराल पक्ष वालों ने उसे वापस भेजने के लिए लगातार घरवालों पर दबाव भी बनाया. सौतेला पिता नाबालिग को वापस भेजना चाहता था. जिसे देखते हुए नाबालिग ने इसका जमकर विरोध किया.
नाबालिग के लिए अच्छी बात यह रही कि इस दौरान उसे परिवार के अन्य सदस्यों का साथ भी मिल गया, क्योंकि घर के अन्य सदस्य भी नहीं चाहते थे कि नाबालिग का विवाह इतनी कम उम्र में हो जाए.
क्योंकि वह आगे पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन सौतेले पिता को यह मंजूर नहीं था. लगातार हो रहे विवाद के बाद नाबालिग अपनी मां और भाई के साथ भोपाल आ गई और यहां पर आकर वह एक कपड़े की दुकान में नौकरी करने लगी.
दुकान में काम करने से मिलने वाली सैलरी से उसने अपनी पढ़ाई एक बार फिर से शुरू कर दी और अपने भाई की पढ़ाई को भी आगे शुरू करवा दिया. नाबालिग का भाई इस समय आईटीआई की पढ़ाई कर रहा है और नाबालिग की मां दूसरों के घरों में जाकर खाना बनाकर घर चलाने में मदद कर रही है.
मामले की गंभीरता को समझते हुए चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची से मुलाकात कर पूरे मामले को समझा है. लड़की अभी मात्र 17 वर्ष की है और कक्षा दसवीं की परीक्षा दे कर चुकी है. अर्चना सहाय ने बताया कि नाबालिग ने काफी हिम्मत का काम किया है, जो वह अपने इस बाल विवाह को निरस्त करवाना चाहती है.
हमारे पास इस तरह का यह पहला मामला आया है. जब किसी ने इस तरह से बाल विवाह को शून्य घोषित करने की मांग की है. लड़की के आवेदन को महिला बाल विकास विभाग के जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी और बाल कल्याण समिति को भेज दिया है.
अब लड़की के आवेदन पर फैसला कोर्ट के द्वारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि कोई अन्य बच्ची भी ऐसी है जिसका बाल विवाह हुआ है और वह इस रिश्ते से खुश नहीं है तो वह चाइल्ड लाइन की हेल्प ले सकती हैं. उन्होंने बताया कि हम भी अपनी ओर से नाबालिग लड़की की मदद के लिए विधि विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं. निश्चित रूप से बच्ची के उज्जवल भविष्य के लिए चाइल्डलाइन के द्वारा जो भी मदद हो सकेगी हम करेंगे.