भोपाल। उज्जैन में देश विरोधी नारेबाजी को लेकर बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है. भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने उज्जैन की घटना के लिए वामपंथी विचारधारा और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. सारंग ने कहा कि उज्जैन की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है.
"दिग्विजय, शशि थरूर, चिदंबरम करते हैं पाकिस्तान परस्ती की बातें"
उज्जैन में देश विरोधी नारेबाजी के लिए विश्वास सारंग ने कहा कि "इस तरह की गतिविधियों का समर्थन वामपंथी और कांग्रेसी लोग करते हैं, जेएनयू में जब कन्हैया ने पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी की थी, तो तथाकथित कांग्रेस के नेताओं ने उसे संरक्षण देने की बात कही थी. मुनव्वर राणा जैसे देशद्रोही तालिबान का समर्थन करते हैं और कांग्रेस के नेता उन्हें संरक्षण देने की बात करते हैं. कांग्रेस के नेता चिदंबरम, शशि थरूर और दिग्विजय सिंह पाकिस्तान परस्ती की बाते करते हैं"
"वामपंथी और कांग्रेस नेता हैं इसके जिम्मेदार"
मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि "देश में इस तरह की घटनाएं होती है, तो उसका कारण कांग्रेस और वामपंथी नेताओं की पाकिस्तान परस्ती है. जब वो पाकिस्तान परस्ती बताते हैं तो समाज में कुछ तथाकथित लोग उनकी बातों में बरगला जाते हैं. इस तरह की घटनाएं मध्य प्रदेश में होगी, तो इसे न स्वीकार किया जाएगा, न आगे होने दिया जाएगा. जो लोग इस तरह की बाते करते हैं उन्हें समाज में रहने का अधिकार नहीं है, उनकी जगह सिर्फ जेल में है."
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25-26 अगस्त को वैक्सीनेशन का विशेष अभियान
मध्य प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए विशेष अभियान के बारे में भी चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने जानकारी दी. सारंग ने बताया कि "25 और 26 अगस्त को प्रदेश में वैक्सीनेशन का विशेष अभियान चलाया जाएगा. सीएम शिवराज खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं." वहीं 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने के बारे में बोलते हुए सारंग ने कहा कि इस मामले में केन्द्र से मिले निर्देशों का पालन किया जाएगा.
पहली से आठवीं तक के स्कूल खोलने पर हो रहा है विचार
मध्य प्रदेश में सरकार पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को खोलने पर विचार कर रही है. यह जानकारी मंत्री विश्वास सारंग ने दी है. मंत्री ने कहा कि समस्या बच्चों को स्वास्थ्य से जुड़ी है इसलिए अभिभावकों की सहमति के बिना कोई कदम नहीं उठाया जाएगा. 10वीं से 12वीं तक के स्कूल भी अभिभावकों की सहमति के बाद ही खोले गए हैं. स्कूलों को खोलने से पहले सभी टीचर्स का वैक्सीनेशन किया जाएगा.