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अधिकारियों के साथ मंत्री तुलसी सिलावट ने की बैठक, मजदूरों की वापसी का रोडमैप तैयार

लॉकडाउन के चलते प्रदेश के कई श्रमिक अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं, जिन्हें लाने की कवायद लगातार जारी है, जिसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही अब प्रदेश के मंत्री भी काम में जुड़ गए हैं, इसी के तहत व्यवस्थाओं को लेकर मंत्री तुलसीराम सिलावट ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है.

Minister Tulsiram Silavat's review meeting with senior officials in bhopal
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने की समीक्षा बैठक
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Published : May 2, 2020, 8:52 AM IST

Updated : May 2, 2020, 10:52 AM IST

भोपाल| कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन लागू किया गया है, वहीं अन्य राज्यों में काम करने वाले श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से इन सभी श्रमिकों को लाने की कवायद शुरू कर दी गई है. जिसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही, अब प्रदेश के मंत्री भी इस काम में जुड़ गए हैं, मंत्री तुलसीराम सिलावट ने विभिन्न राज्यों में फंसे प्रदेश के श्रमिकों को वापस लाने की आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है.

इस समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने निर्देश दिए हैं कि, प्रदेश वापस लौटे श्रमिकों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना हो, जितने भी श्रमिक अन्य राज्यों में फंसे हैं और अन्य राज्यों की सीमाओं पर रुके हुए हैं, उन्हें स्वास्थ्य परीक्षण कर वापस प्रदेश लाया जाए.

श्रमिकों का किया जा रहा स्वास्थ्य परीक्षण

इस बैठक के दौरान बताया गया है कि, अब तक प्रदेश में करीब 40 हजार से अधिक श्रमिक लौट चुके हैं और इन सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है. इसके अलावा प्रशासन के द्वारा इन सभी श्रमिकों के खाने-पीने के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बैठक में बताया गया कि, प्रशासन की बसों के माध्यम से इन सभी श्रमिकों को उनके गृह जिलों के लिए रवाना भी कर दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि, श्रमिकों की वापसी अन्य राज्यों से जल्द हो सके और उनकी सहूलियत को भी ध्यान में रखते हुए संबंधित राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क रखा जा रहा है.

करीब तीन हजार छात्रों को प्रदेश लाया गया

इस बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव आईसीपी केसरी ने बताया है कि, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए राजस्थान के कोटा से 140 बसें भेजकर करीब 3 हजार छात्रों को प्रदेश में लाया गया है. हरियाणा से भी एक हजार से अधिक श्रमिकों को वापस लाया जा चुका है. इसके अलावा राजस्थान से 20 हजार श्रमिक भी प्रदेश वापस लाए गए हैं.

श्रमिकों के खाने-पीने की समुचित व्यवस्था

अधिकारियों ने बताया कि, अन्य जितने भी राज्यों में मध्यप्रदेश के श्रमिक फंसे हुए हैं, उन्हें जल्द से जल्द लाने की कवायद की जा रही है. इन सभी श्रमिकों का अन्य राज्यों में भी ध्यान रखा जा रहा है और जितने भी श्रमिक अन्य राज्यों में रुके हुए हैं, वहां पर उनके रहने, खाने-पीने की समुचित व्यवस्था स्थानीय प्रशासन के द्वारा की जा रही है.

भोपाल| कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन लागू किया गया है, वहीं अन्य राज्यों में काम करने वाले श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से इन सभी श्रमिकों को लाने की कवायद शुरू कर दी गई है. जिसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही, अब प्रदेश के मंत्री भी इस काम में जुड़ गए हैं, मंत्री तुलसीराम सिलावट ने विभिन्न राज्यों में फंसे प्रदेश के श्रमिकों को वापस लाने की आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है.

इस समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने निर्देश दिए हैं कि, प्रदेश वापस लौटे श्रमिकों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना हो, जितने भी श्रमिक अन्य राज्यों में फंसे हैं और अन्य राज्यों की सीमाओं पर रुके हुए हैं, उन्हें स्वास्थ्य परीक्षण कर वापस प्रदेश लाया जाए.

श्रमिकों का किया जा रहा स्वास्थ्य परीक्षण

इस बैठक के दौरान बताया गया है कि, अब तक प्रदेश में करीब 40 हजार से अधिक श्रमिक लौट चुके हैं और इन सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है. इसके अलावा प्रशासन के द्वारा इन सभी श्रमिकों के खाने-पीने के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बैठक में बताया गया कि, प्रशासन की बसों के माध्यम से इन सभी श्रमिकों को उनके गृह जिलों के लिए रवाना भी कर दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि, श्रमिकों की वापसी अन्य राज्यों से जल्द हो सके और उनकी सहूलियत को भी ध्यान में रखते हुए संबंधित राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क रखा जा रहा है.

करीब तीन हजार छात्रों को प्रदेश लाया गया

इस बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव आईसीपी केसरी ने बताया है कि, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए राजस्थान के कोटा से 140 बसें भेजकर करीब 3 हजार छात्रों को प्रदेश में लाया गया है. हरियाणा से भी एक हजार से अधिक श्रमिकों को वापस लाया जा चुका है. इसके अलावा राजस्थान से 20 हजार श्रमिक भी प्रदेश वापस लाए गए हैं.

श्रमिकों के खाने-पीने की समुचित व्यवस्था

अधिकारियों ने बताया कि, अन्य जितने भी राज्यों में मध्यप्रदेश के श्रमिक फंसे हुए हैं, उन्हें जल्द से जल्द लाने की कवायद की जा रही है. इन सभी श्रमिकों का अन्य राज्यों में भी ध्यान रखा जा रहा है और जितने भी श्रमिक अन्य राज्यों में रुके हुए हैं, वहां पर उनके रहने, खाने-पीने की समुचित व्यवस्था स्थानीय प्रशासन के द्वारा की जा रही है.

Last Updated : May 2, 2020, 10:52 AM IST
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