भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार इन दिनों माफिया के खिलाफ अभियान चला रही है. इसी सिलसिले में मध्यप्रदेश सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को विरासत में गुंडा और माफिया राज मिला था, जो मध्यप्रदेश कभी देश भर में कला और संस्कृति के लिए जाना जाता था. उसे 15 साल में बीजेपी ने अपराधों और माफिया के गढ़ में तब्दील कर दिया. लेकिन मुख्यमंत्री के दृढ़ संकल्प के चलते अब मध्यप्रदेश माफिया मुक्त हो रहा है.
मंत्री पीसी शर्मा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संकल्प लिया है कि प्रदेश के कोने-कोने से चुनकर माफियाओं का सफाया किया जाएगा और कानून का राज स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्राथमिक रूप से 11 तरह के माफिया को चिन्हित किया गया है, जिनमें ड्रग माफिया, भू माफिया, वसूली-फिरौती माफिया, शराब माफिया, मिलावट माफिया, चिटफंड माफिया, अवैध कॉलोनी माफिया, ब्लैकमेल माफिया, माइनिंग माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया और सहकारी माफिया के खिलाफ प्रदेश भर में कार्रवाई की जा रही है. अब तक की कार्रवाई में 615 भू माफियाओं, 694 शराब माफिया, 149 वसूली माफिया तथा 150 मिलावट माफिया पर सहकारी माफिया पर और ट्रांसपोर्ट माफियाओं के 1053 वाहनों पर कार्रवाई की गई है.
उन्होंने बताया कि खनन माफिया के खिलाफ की गई कार्रवाई में अवैध उत्खनन के 1330 मामले, अवैध परिवहन के 8294 और अवैध भंडारण की 531 कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही गौण खनिज के मामले में 1833 कार्रवाई की गई है, जिसमें मध्यप्रदेश को 30 करोड़ 76 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है. उन्होंने बताया कि 2018 तक मध्यप्रदेश को रेत खनन से सिर्फ 223 करोड रुपए राजस्व प्राप्त होता था, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर बनाई गई नई रेत नीति के चलते 1234 करोड़ रुपए सालाना राजस्व प्राप्त होगा.
माफियाओं पर की गई कार्रवाई के आंकड़े
- माफिया मुक्त अभियान में मध्यप्रदेश में संगठित होकर अवैध शराब का कारोबार करने वाले 694 माफियाओं को पकड़ा गया है. उनसे 9 करोड से अधिक कीमत की शराब और 240 वाहन भी जब्त किए गए हैं.
- मिलावट माफिया के खिलाफ की गई कार्रवाई में दूध एवं उनके उत्पादों, खाद्य पदार्थ और पान मसाला से मामलों में 12536 नमूने जांच के लिए गए हैं, जिनमें 1467 नमूने गलत पाए गए हैं. इनमें 108 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और 41 कारोबारियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है.
- मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत 4227 अवैध ड्रग माफियाओं को पकड़ा गया है, जिनसे 12.11 किग्रा स्मैक, 172.754 किग्रा अफीम, 53018 नग अफीम के पौधे, 10189.73 किग्रा गांजा एवं 7949 गांजा पौधा, 6.154 किग्रा चरस, 39799 किग्रा डोडा चूरा, केमिकल ड्रग्स में 73123 सीरप, 41925 टैबलेट, 196.920 लीटर एसिटिक एनहाइड्राइड, 3.300 किग्रा अल्ट्राजोलम पाउडर जब्त किए गए.
- प्रदेशभर के सहकारी एवं भू माफिया की 90 सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं पर कमलनाथ सरकार ने शिकंजा कसता है और 65 से अधिक लोगों पर एफ आईआरदर्ज कराई है. 615 ऐसे भू माफियाओं पर कार्रवाई की गई है, जो आम लोगों की जमीन पर अवैध कब्जा कर लेते थे.
- कमलनाथ सरकार ने इंदौर, भोपाल, जबलपुर, सतना, सिंगरौली, ग्वालियर शहरों में फाइनेंस कंपनियों द्वारा बनाए गए 18 अवैध यार्डों पर कार्रवाई की है. लगभग 1745 वाहनों को जप्त कर राजस्व वसूला जा रहा है.
- प्रदेश में वसूली और फिरौती माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. पुलिस और प्रशासन को गुप्त रूप से जानकारी देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. प्रदेश में अब तक 149 ऐसे माफियाओं के खिलाफ रासुका और जिला बदर की कार्रवाई की गई है.
- जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने माफिया मुक्त मध्यप्रदेश की शुरुआत इंदौर शहर से की थी, जहां सालों से मीडिया संस्थान की आड़ में अवैध डांस बार और ब्लैक मेलिंग का कारोबार चलाया जा रहा था. इसमें कई लोगों को राहत दिलाई गई और 67 महिलाओं को माफिया के चंगुल से मुक्त कराया गया.
- मंदसौर में अंतरराष्ट्रीय फरार अफीम तस्कर मोहम्मद शकी और उसके भाई मोहम्मद अयूब के करोड़ों रुपए की आलीशान हवेलियों को ध्वस्त किया गया. साथ ही पशुपतिनाथ मंदिर की 250 करोड़ रुपए की भूमि पर इन दोनों ड्रग माफियाओं ने कब्जा किया था, जिसे मुक्त कराकर पशुपतिनाथ मंदिर ट्रस्ट को सौंपी गई है.
- भोपाल जिलों में 19 स्थानों पर माफियाओं ने 53.46 एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा कर लिया गया था, जिसे मुक्त कराया गया है.
- जबलपुर में अवैध वसूली और फिरौती माफिया राहुल कोरी, मंजू चक्रवर्ती, बबलू केवट, अनिराज नायडू जिन पर 30 से 40 प्रकरण पंजीबद्ध थे, उन्हें सलाखों के पीछे डाला गया है.
- ग्वालियर में भू माफियाओं से 139 बीघा सरकारी जमीन, जिसकी कीमत करीब 500 करोड रुपए है. इस जमीन को मुक्त कराया गया है. इस तरह पूरे मध्यप्रदेश में 15 सौ करोड़ रुपए की कीमत की सरकारी भूमियों को माफियाओं से मुक्त कराया गया. है.