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बैलगाड़ी खींच रहे युवकों का वीडियो वायरल, मंत्री तुलसी सिलावट ने दिए जांच के आदेश - भोपाल न्यूज

सिंधिया समर्थक और शिवराज मंत्रिमंडल के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के क्षेत्र में दो युवकों का बैल की जगह बैलगाड़ी खींचते हुए वीडियो वायरल हुआ. इसके बाद जल संसाधन मंत्री ने जांच के आदेश देते हुए दोषियों पर कार्रवाई और युवकों की मदद का ऐलान किया है.

tulsi silawat
जांच के आदेश
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Published : Jun 7, 2020, 9:09 AM IST

भोपाल। सिंधिया समर्थक और शिवराज मंत्रिमंडल के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के क्षेत्र में दो युवकों का बैल की जगह बैलगाड़ी खींचते हुए वीडियो वायरल हुआ था. दरअसल, अपने भाई बहन की बीमारी के चलते इलाज के लिए इन युवकों ने 18 हजार में बैल बेंच दिए थे, लेकिन न भाई बहन को बचा सके और न बैलगाड़ी चलाने के लिए बैल बचे. अपने मृतक भाई बहन की अस्थि विसर्जन के लिए दोनों युवक खुद बैलगाड़ी खींचते हुए क्षिप्रा गए, इस दौरान वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में मंत्री तुलसीराम सिलावट ने जांच के आदेश देते हुए दोषियों पर कार्रवाई और युवकों की मदद का ऐलान किया है.

तुलसी सिलावट ने दिए जांच के आदेश

वहीं इस मामले में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि मेरे संज्ञान में यह दुखद घटना आई है कि निनोरा गांव के सुनील और पवन क्षिप्रा जाने के लिए बैल की जगह खुद बैलगाड़ी खींच रहे थे. साथ ही तुलसी सिलावट ने कहा कि मैं संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि संपूर्ण घटना की जांच करें, कि क्या कारण है कि उन्हें खुद बैल की जगह बैलगाड़ी खींचना पड़ी, और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाए. वहीं इन युवकों की हर संभव मदद का ऐलान किया है.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री के कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां, कांग्रेस विधायक ने साधा निशाना

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के निर्देश के बाद कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मंत्री जी आपने बहुत देर कर दी. जब उनके भाई बहन मौत का शिकार हो गए, जब बैल मजबूरी में बेचना पड़ा और अस्थि विसर्जन के लिए खुद बैलगाड़ी खींचना पड़ी, तब आपको उनकी याद आई. कांग्रेस ने तुलसी सिलावट पर हमला बोलते हुए कहा कि जब आपको कोरोना से लड़ाई लड़ना थी, तब आप बैंगलुरु में सरकार का सौदा कर रहे थे. इसलिए नैतिकता के आधार पर अब आपको इस्तीफा दे देना चाहिए.


ये भी पढ़ें- मंदसौर गोलीकांड के बहाने कांग्रेस ने सिंंधिया को घेरा, कहा- हत्यारों की गोद में जा बैठे

इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि यह वह परिवार है, जिसने बीमारी में अपने दो लालों को खो दिया. यह वह परिवार है, जिसने अपने बीमार बच्चों के इलाज के लिए बैल बेच दिए और बैल की जगह खुद बैलगाड़ी खीचकर अस्थि विसर्जन के लिए जा रहे थे. दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस प्रदेश का मुखिया अपने आपको किसान पुत्र कहता हो. उस प्रदेश में किसान और मजदूर को जीवन यापन और इलाज के लिए संपत्ति बेचना पड़ती है.

भोपाल। सिंधिया समर्थक और शिवराज मंत्रिमंडल के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के क्षेत्र में दो युवकों का बैल की जगह बैलगाड़ी खींचते हुए वीडियो वायरल हुआ था. दरअसल, अपने भाई बहन की बीमारी के चलते इलाज के लिए इन युवकों ने 18 हजार में बैल बेंच दिए थे, लेकिन न भाई बहन को बचा सके और न बैलगाड़ी चलाने के लिए बैल बचे. अपने मृतक भाई बहन की अस्थि विसर्जन के लिए दोनों युवक खुद बैलगाड़ी खींचते हुए क्षिप्रा गए, इस दौरान वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में मंत्री तुलसीराम सिलावट ने जांच के आदेश देते हुए दोषियों पर कार्रवाई और युवकों की मदद का ऐलान किया है.

तुलसी सिलावट ने दिए जांच के आदेश

वहीं इस मामले में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि मेरे संज्ञान में यह दुखद घटना आई है कि निनोरा गांव के सुनील और पवन क्षिप्रा जाने के लिए बैल की जगह खुद बैलगाड़ी खींच रहे थे. साथ ही तुलसी सिलावट ने कहा कि मैं संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि संपूर्ण घटना की जांच करें, कि क्या कारण है कि उन्हें खुद बैल की जगह बैलगाड़ी खींचना पड़ी, और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाए. वहीं इन युवकों की हर संभव मदद का ऐलान किया है.

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जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के निर्देश के बाद कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मंत्री जी आपने बहुत देर कर दी. जब उनके भाई बहन मौत का शिकार हो गए, जब बैल मजबूरी में बेचना पड़ा और अस्थि विसर्जन के लिए खुद बैलगाड़ी खींचना पड़ी, तब आपको उनकी याद आई. कांग्रेस ने तुलसी सिलावट पर हमला बोलते हुए कहा कि जब आपको कोरोना से लड़ाई लड़ना थी, तब आप बैंगलुरु में सरकार का सौदा कर रहे थे. इसलिए नैतिकता के आधार पर अब आपको इस्तीफा दे देना चाहिए.


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इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि यह वह परिवार है, जिसने बीमारी में अपने दो लालों को खो दिया. यह वह परिवार है, जिसने अपने बीमार बच्चों के इलाज के लिए बैल बेच दिए और बैल की जगह खुद बैलगाड़ी खीचकर अस्थि विसर्जन के लिए जा रहे थे. दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस प्रदेश का मुखिया अपने आपको किसान पुत्र कहता हो. उस प्रदेश में किसान और मजदूर को जीवन यापन और इलाज के लिए संपत्ति बेचना पड़ती है.

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