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भोपाल, इंदौर एयरपोर्ट और लंदन में भी खुलेगा मृगनयनी एंपोरियम, खादी को बढ़ावा देना मकसद

भोपाल में कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री ने हथकरघा और रेशम संचालनालय, हस्तशिल्प विकास निगम, माटी कला बोर्ड और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की गतिविधियों की समीक्षा बैठक ली. बैठक में खादी के वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए.

Minister of Cottage and Village Industries took review meeting
कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री ने ली समीक्षा बैठक
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Published : Jan 15, 2020, 9:25 AM IST

Updated : Jan 15, 2020, 9:35 AM IST

भोपाल। मंत्रालय में हथकरघा और रेशम संचालनालय, हस्तशिल्प विकास निगम, माटी कला बोर्ड और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की गतिविधियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में प्रमुख रूप से कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री हर्ष यादव उपस्थित रहे.

कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री ने ली समीक्षा बैठक

कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री ने दिए निर्देश

बैठक के दौरान मंत्री हर्ष यादव ने खादी के वस्त्रों को बढ़ावा देने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं . साथ ही बुनकर और कारीगरों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध हो सके इसके लिए भी योजना बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है. विभाग की समीक्षा करते हुए कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री ने कहा कि बुनकरों, कारीगरों, किसानों और शिल्प कलाकारों के हितों को ध्यान में रखकर योजनाओं के क्रियान्वयन में गति लायें. हर महीने नियमित रूप से योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें. राज्य सरकार के वचन-पत्र में इन वर्गों से संबंधित बिन्दुओं पर शीघ्र कार्रवाई करें.

लंदन में भी खोला मृगनयनी जाएगा एम्पोरियम

बैठक में बताया गया कि 2019 में जबलपुर में नेशनल हैण्डलूम एक्सपो आयोजित किया गया था . होशंगाबाद में 16 जनवरी को शिल्प बाजार लगाया जा रहा है. भोपाल के साथ ही विभिन्न नगरों में पूरे साल हस्तशिल्प मेले लगाये गये हैं. हस्तशिल्प निगम ने विभिन्न प्रदेशों में एम्पोरियम खोलने के प्रयास किये हैं. गुजरात के केवड़िया स्थित एकता मॉल में एम्पोरियम शुरू करने के बाद प्रदेश में भोपाल और इंदौर एयरपोर्ट पर मृगनयनी एम्पोरियम की स्थापना की जाएगी. लंदन में भी एम्पोरियम के लिये उपयुक्त स्थान की तलाश की जा रही है . सागर और छिंदवाड़ा में इस साल एम्पोरियम प्रारंभ करने की कार्रवाई की गई है.

मृगनयनी एम्पोरियम में मिलेगी दूल्हे की शेरवानी

बैठक में बताया गया कि हस्तशिल्प विकास निगम ने वैवाहिक वस्त्रों की उपलब्धता की दिशा में कदम उठाया है. अब तक दुल्हन के लिये चंदेरी और महेश्वरी साड़ियां ही मृगनयनी एम्पोरियम में मिलती थीं. अब दूल्हे के लिये शेरवानी भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही शादी के बाजार में मिलने वाले सूट और टाई की विभिन्न वेरायटी भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा. भोपाल के मिन्टो हॉल में 22 जनवरी को रॉयल हैरीटेज कलेक्शन के अन्तर्गत युवा वर्ग को आकर्षित करने के लिये इन परिधानों का विशेष शो भी किया जाएगा.

कलेक्टर्स को किए गए निर्देश जारी

बैठक में बताया गया कि माटी कला बोर्ड ने मिट्टी खनन की बिना रॉयल्टी अनुमति के लिये सभी कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये हैं. शिल्पकार परिवारों को मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में सात साल तक रियायती दर पर ऋण दिया जा रहा है. बैंक की प्रचलित ब्याज दर पर पुरूष कारीगरों को पांच प्रतिशत और महिला उद्यमियों को छह प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जा रहा है. पारम्परिक रूप से माटी कला से जुड़े कारीगरों को नई तकनीक का प्रशिक्षण दिलवाने की कार्रवाई की गई है. खादी बोर्ड ने इंदौर में नए खादी उत्पादन केन्द्र प्रारंभ करने की पहल की है.

खादी वस्त्रों को मिला कबीरा ब्रांड

खादी उत्पादों पर बीस प्रतिशत छूट को बढ़ाते हुए दस प्रतिशत अतिरिक्त छूट प्रदान की जा रही है. खादी बोर्ड ने पीपीपी मोड में छिंदवाड़ा में खादी ग्रामोद्योग विक्रय केन्द्र शुरू किया है. खंडवा, होशंगाबाद, गुना, सतना, शहडोल और सागर में केन्द्र प्रारंभ करने की कार्रवाई की जा रही है. खादी वस्त्रों को कबीरा ब्रांड दिया गया है. अब खादी वस्त्र इसी ब्रांड से बेचे जा रहे हैं. खादी को जीएसटी से भी मुक्त किया गया है.

रेशम उत्पादक किसानों को किया जाएगा प्रोत्साहित

यादव ने रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिये रेशम उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये. आयुक्त रेशम कविंद्र कियावत ने बताया कि साल 2020-21 में किसानों की निजी भूमि और शासकीय रेशम केन्द्रों की भूमि के 2 हजार 200 एकड़ क्षेत्र में मलबरी पौधारोपण किया जाएगा.वर्तमान में प्रदेश के शासकीय रेशम केन्द्रों पर 90 एकड़ क्षेत्र में शहतूत नर्सरी का रोपण किया गया है. हितग्राहियों के चयन, पंजीकरण और भुगतान प्रक्रिया के लिये ई-रेशम पोर्टल शुरू किया गया है, जिसमें दो हजार किसानों ने पंजीयन कराया है.

छह हजार से ज्यादा हितग्राही हुए लाभान्वित

सिल्क फेडरेशन ने दो साल पहले खरीदे गये ककून और हितग्राहियों के मानदेय का शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है. मलबरी और टसर विकास योजना से 6 हजार 7 सौ 24 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं. रेशम उत्पादक किसानों को कृमि पालन के लिये ट्रे, चंद्रिका, एंगल ऑयरन स्टेंड आदि उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं. रेशम केन्द्रों पर सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. प्रदेश की सभी धागाकरण इकाईयों को क्रियाशील किया जा रहा है. इस साल नरसिंहपुर में नए मलबरी ग्रेनेज केन्द्र की स्थापना के साथ ही दो ऑटोमेटिक रीलिंग मशीन और मल्टी रीलिगं मशीन स्थापित की जाएगी.बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव अनिरूद्ध मुखर्जी , प्रबंध संचालक हस्तशिल्प विकास निगम राजीव शर्मा, प्रबंध संचालक खादी बोर्ड मनोज खत्री और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.

भोपाल। मंत्रालय में हथकरघा और रेशम संचालनालय, हस्तशिल्प विकास निगम, माटी कला बोर्ड और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की गतिविधियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में प्रमुख रूप से कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री हर्ष यादव उपस्थित रहे.

कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री ने ली समीक्षा बैठक

कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री ने दिए निर्देश

बैठक के दौरान मंत्री हर्ष यादव ने खादी के वस्त्रों को बढ़ावा देने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं . साथ ही बुनकर और कारीगरों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध हो सके इसके लिए भी योजना बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है. विभाग की समीक्षा करते हुए कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री ने कहा कि बुनकरों, कारीगरों, किसानों और शिल्प कलाकारों के हितों को ध्यान में रखकर योजनाओं के क्रियान्वयन में गति लायें. हर महीने नियमित रूप से योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें. राज्य सरकार के वचन-पत्र में इन वर्गों से संबंधित बिन्दुओं पर शीघ्र कार्रवाई करें.

लंदन में भी खोला मृगनयनी जाएगा एम्पोरियम

बैठक में बताया गया कि 2019 में जबलपुर में नेशनल हैण्डलूम एक्सपो आयोजित किया गया था . होशंगाबाद में 16 जनवरी को शिल्प बाजार लगाया जा रहा है. भोपाल के साथ ही विभिन्न नगरों में पूरे साल हस्तशिल्प मेले लगाये गये हैं. हस्तशिल्प निगम ने विभिन्न प्रदेशों में एम्पोरियम खोलने के प्रयास किये हैं. गुजरात के केवड़िया स्थित एकता मॉल में एम्पोरियम शुरू करने के बाद प्रदेश में भोपाल और इंदौर एयरपोर्ट पर मृगनयनी एम्पोरियम की स्थापना की जाएगी. लंदन में भी एम्पोरियम के लिये उपयुक्त स्थान की तलाश की जा रही है . सागर और छिंदवाड़ा में इस साल एम्पोरियम प्रारंभ करने की कार्रवाई की गई है.

मृगनयनी एम्पोरियम में मिलेगी दूल्हे की शेरवानी

बैठक में बताया गया कि हस्तशिल्प विकास निगम ने वैवाहिक वस्त्रों की उपलब्धता की दिशा में कदम उठाया है. अब तक दुल्हन के लिये चंदेरी और महेश्वरी साड़ियां ही मृगनयनी एम्पोरियम में मिलती थीं. अब दूल्हे के लिये शेरवानी भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही शादी के बाजार में मिलने वाले सूट और टाई की विभिन्न वेरायटी भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा. भोपाल के मिन्टो हॉल में 22 जनवरी को रॉयल हैरीटेज कलेक्शन के अन्तर्गत युवा वर्ग को आकर्षित करने के लिये इन परिधानों का विशेष शो भी किया जाएगा.

कलेक्टर्स को किए गए निर्देश जारी

बैठक में बताया गया कि माटी कला बोर्ड ने मिट्टी खनन की बिना रॉयल्टी अनुमति के लिये सभी कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये हैं. शिल्पकार परिवारों को मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में सात साल तक रियायती दर पर ऋण दिया जा रहा है. बैंक की प्रचलित ब्याज दर पर पुरूष कारीगरों को पांच प्रतिशत और महिला उद्यमियों को छह प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जा रहा है. पारम्परिक रूप से माटी कला से जुड़े कारीगरों को नई तकनीक का प्रशिक्षण दिलवाने की कार्रवाई की गई है. खादी बोर्ड ने इंदौर में नए खादी उत्पादन केन्द्र प्रारंभ करने की पहल की है.

खादी वस्त्रों को मिला कबीरा ब्रांड

खादी उत्पादों पर बीस प्रतिशत छूट को बढ़ाते हुए दस प्रतिशत अतिरिक्त छूट प्रदान की जा रही है. खादी बोर्ड ने पीपीपी मोड में छिंदवाड़ा में खादी ग्रामोद्योग विक्रय केन्द्र शुरू किया है. खंडवा, होशंगाबाद, गुना, सतना, शहडोल और सागर में केन्द्र प्रारंभ करने की कार्रवाई की जा रही है. खादी वस्त्रों को कबीरा ब्रांड दिया गया है. अब खादी वस्त्र इसी ब्रांड से बेचे जा रहे हैं. खादी को जीएसटी से भी मुक्त किया गया है.

रेशम उत्पादक किसानों को किया जाएगा प्रोत्साहित

यादव ने रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिये रेशम उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये. आयुक्त रेशम कविंद्र कियावत ने बताया कि साल 2020-21 में किसानों की निजी भूमि और शासकीय रेशम केन्द्रों की भूमि के 2 हजार 200 एकड़ क्षेत्र में मलबरी पौधारोपण किया जाएगा.वर्तमान में प्रदेश के शासकीय रेशम केन्द्रों पर 90 एकड़ क्षेत्र में शहतूत नर्सरी का रोपण किया गया है. हितग्राहियों के चयन, पंजीकरण और भुगतान प्रक्रिया के लिये ई-रेशम पोर्टल शुरू किया गया है, जिसमें दो हजार किसानों ने पंजीयन कराया है.

छह हजार से ज्यादा हितग्राही हुए लाभान्वित

सिल्क फेडरेशन ने दो साल पहले खरीदे गये ककून और हितग्राहियों के मानदेय का शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है. मलबरी और टसर विकास योजना से 6 हजार 7 सौ 24 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं. रेशम उत्पादक किसानों को कृमि पालन के लिये ट्रे, चंद्रिका, एंगल ऑयरन स्टेंड आदि उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं. रेशम केन्द्रों पर सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. प्रदेश की सभी धागाकरण इकाईयों को क्रियाशील किया जा रहा है. इस साल नरसिंहपुर में नए मलबरी ग्रेनेज केन्द्र की स्थापना के साथ ही दो ऑटोमेटिक रीलिंग मशीन और मल्टी रीलिगं मशीन स्थापित की जाएगी.बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव अनिरूद्ध मुखर्जी , प्रबंध संचालक हस्तशिल्प विकास निगम राजीव शर्मा, प्रबंध संचालक खादी बोर्ड मनोज खत्री और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.

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भोपाल , इंदौर एयरपोर्ट और लंदन में भी मृगनयनी एंपोरियम खोलने की तैयारी , खादी को बढ़ावा देने आयोजित किया जाएगा फैशन शो


भोपाल | मंत्रालय में हाथकरघा और रेशम संचालनालय, हस्तशिल्प विकास निगम, माटी कला बोर्ड और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की गतिविधियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई बैठक में प्रमुख रूप से कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री हर्ष यादव उपस्थित रहे . बैठक के दौरान मंत्री हर्ष यादव ने खादी के वस्त्रों को बढ़ावा देने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं . साथ ही बुनकर और कारीगरों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध हो सके इसके लिए भी योजना बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है .
बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव अनिरूद्ध मुखर्जी , प्रबंध संचालक हस्तशिल्प विकास निगम राजीव शर्मा, प्रबंध संचालक खादी बोर्ड मनोज खत्री और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.
Body:विभाग की समीक्षा करते हुए कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री ने कहा कि बुनकरों, कारीगरों, किसानों और शिल्प कलाकारों के हितों को ध्यान में रखकर योजनाओं के क्रियान्वयन में गति लायें . हर माह नियमित रूप से योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें. राज्य सरकार के वचन-पत्र में इन वर्गों से संबंधित बिन्दुओं पर शीघ्र कार्यवाही करें .

बैठक में बताया गया कि इस वर्ष जबलपुर में नेशनल हैण्डलूम एक्सपो आयोजित किया गया . होशंगाबाद में 16 जनवरी को शिल्प बाजार लगाया जा रहा है . भोपाल के साथ ही विभिन्न नगरों में पूरे वर्ष हस्तशिल्प मेले लगाये गये हैं . हस्तशिल्प निगम ने विभिन्न प्रदेशों में एम्पोरियम खोलने के प्रयास किये हैं . गुजरात के केवड़िया स्थित एकता मॉल में एम्पोरियम शुरू करने के बाद प्रदेश में भोपाल और इंदौर एयरपोर्ट पर मृगनयनी एम्पोरियम की स्थापना की जाएगी . लंदन में भी एम्पोरियम के लिये उपयुक्त स्थान की तलाश की जा रही है . सागर और छिंदवाड़ा में इस वर्ष एम्पोरियम प्रारंभ करने की कार्यवाही की गई है .

मृगनयनी एम्पोरियम में मिलेगी दूल्हे की शेरवानी

बैठक में बताया गया कि हस्तशिल्प विकास निगम ने वैवाहिक वस्त्रों की उपलब्धता की दिशा में कदम उठाया है . अब तक दुल्हन के लिये चंदेरी और महेश्वरी साड़ियाँ ही मृगनयनी एम्पोरियम में उपलब्ध रहती थीं . अब दूल्हे के लिये शेरवानी भी उपलब्ध कराई जाएगी . इसके साथ ही शादी के बाजार में मिलने वाले सूट और टाई की विभिन्न वेरायटी भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा . भोपाल के मिन्टो हॉल में 22 जनवरी को रॉयल हैरीटेज कलेक्शन के अन्तर्गत युवा वर्ग को आकर्षित करने के लिये इन परिधानों का विशेष शो भी किया जाएगा .

Conclusion:बैठक में बताया गया कि माटी कला बोर्ड ने मिट्टी खनन की बिना रॉयल्टी अनुमति के लिये सभी कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये हैं . शिल्पकार परिवारों को मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में 7 साल तक रियायती दर पर ऋण दिया जा रहा है . बैंक की प्रचलित ब्याज दर पर पुरूष कारीगरों को 5 प्रतिशत और महिला उद्यमियों को 6 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जा रहा है . पारम्परिक रूप से माटी कला से जुड़े कारीगरों को नई तकनीक का प्रशिक्षण दिलवाने की कार्यवाही की गई है . खादी बोर्ड ने इंदौर में नवीन खादी उत्पादन केन्द्र प्रारंभ करने की पहल की है .

खादी वस्त्रों को मिला कबीरा ब्रांड

खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत छूट को बढ़ाते हुए 10 प्रतिशत अतिरिक्त छूट प्रदान की जा रही है . खादी बोर्ड ने पीपीपी मोड में छिंदवाड़ा में खादी ग्रामोद्योग विक्रय केन्द्र शुरू किया है . खंडवा, होशंगाबाद, गुना, सतना, शहडोल और सागर में केन्द्र प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा रही है . खादी वस्त्रों को कबीरा ब्रांड दिया गया है . अब खादी वस्त्र इसी ब्रांड से बेचे जा रहे हैं . खादी को जीएसटी से भी मुक्त किया गया है .

यादव ने रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिये रेशम उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये . आयुक्त रेशम कविंद्र कियावत ने बताया कि वर्ष 2020-21 में किसानों की निजी भूमि और शासकीय रेशम केन्द्रों की भूमि के 2200 एकड़ क्षेत्र में मलबरी पौध-रोपण किया जाएगा . वर्तमान में प्रदेश के शासकीय रेशम केन्द्रों पर 90 एकड़ क्षेत्र में शहतूत नर्सरी का रोपण किया गया है . हितग्राहियों के चयन, पंजीकरण और भुगतान प्रक्रिया के लिये ई-रेशम पोर्टल शुरू किया गया है, जिसमें 2000 किसानों ने पंजीयन कराया है . सिल्क फेडरेशन ने 2 साल पहले खरीदे गये ककून और हितग्राहियों के मानदेय का शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है . मलबरी और टसर विकास योजना से 6724 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं . रेशम उत्पादक किसानों को कृमि पालन के लिये ट्रे, चंद्रिका, एंगल ऑयरन स्टेंड आदि उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं . रेशम केन्द्रों पर सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं . प्रदेश की सभी धागाकरण इकाईयों को क्रियाशील किया जा रहा है . इस वर्ष नरसिंहपुर में नवीन मलबरी ग्रेनेज केन्द्र की स्थापना के साथ ही 2 ऑटोमेटिक रीलिंग मशीन और मल्टी रीलिगं मशीन स्थापित की जाएगी.






Last Updated : Jan 15, 2020, 9:35 AM IST
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