भोपाल। राजीव गांधी फाउंडेशन में फंडिंग की जांच के लिए केंद्र सरकार ने कमेटी गठित कर दी है. शिवराज सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल ने मामले की सीबीआई जांच कराने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पिछले दिनों पत्र लिखा था. मामले में केंद्र सरकार द्वारा जांच कमेटी गठित करने को लेकर कृषि मंत्री कमल पटेल ने केंद्र सरकार का आभार जताया. उन्होंने कहा, जांच से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की गड़बड़ियां सामने आएंगी.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने 30 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राजीव गांधी फाउंडेशन की जांच की मांग की थी, जिसमें तत्कालीन यूपीए सरकार से चीन के संबंधों का उल्लेख करते हुए चीनी दूतावास से राजीव गांधी फाउंडेशन को करोड़ों रुपए की वित्तीय सहायता मिलने की बात कही गई थी. मंत्री कमल पटेल ने मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की भूमिका की भी जांच करने की मांग की थी. जो उस समय केंद्र की यूपीए सरकार में वाणिज्य मंत्री थे. कमल पटेल ने गृह मंत्रालय द्वारा जांच कमेटी गठित किए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि इसमें शामिल नेताओं की भूमिका की जांच भी होना चाहिए.
राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग को लेकर उठ रहे सवालों के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चेरिटेबल ट्रस्ट, इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट में वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप बनाया है. ये ग्रुप PMLA, FCRA और इनकम टैक्स उल्लंघन का जांच करेगा. वहीं प्रवर्तन निदेशालय के विशेष निदेशक इस अंतर मंत्रालय समिति के प्रमुख होंगे.
बीजेपी के राजीव गांधी फाउंडेशन पर आरोप
बीजेपी का कहना है, 'अगर ये मान भी लिया जाए कि राजीव गांधी फाउंडेशन एक शैक्षणिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है, तब भी सरकार को ये बताना होता है कि आपने पैसा चीन एम्बेसी से क्यों लिया, अगर लिया तो उसका कहां किया. राजीव गांधी फाउंडेशन ने न सिर्फ पैसे लिए बल्कि कानून का उल्लंघन भी किया है. अगर कोई इस कानून का उल्लंघन करता है तो इसके लिए 5 साल तक की सजा हो सकती है, ऐसे में देश इसका जवाब चाहता है.