भोपाल। पिछले कई सालों से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग पूरी नहीं होने से मध्यप्रदेश के वकील आक्रोशित हैं. प्रोटेक्शन एक्ट पर तीन मंत्रियों की आपत्ति जताने को लेकर शुक्रवार को स्टेट बार काउंसिल, एमपी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, एडवोकेट बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन की संयुक्त बैठक में सर्वसम्मति से इस मामले में आर- पार की लड़ाई का निर्णय लिया गया है. वहीं प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर अपना पक्ष साफ किया है.
मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने सभी अधिवक्ता संघों से न्यायालयीन कार्य से अलग रहकर प्रतिवाद दिवस मनाते हुए, प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया है. साथ ही राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिये जाने का आह्वान किया है. इसी बीच प्रदेश के दो कैबनेट मंत्रियों ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर अपना पक्ष साफ किया है.
मंत्री जीतू पटवारी और गोविंद सिंह ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में वकीलों के एक्ट को लेकर हमारी तरफ से कोई आपत्ति नहीं की गई थी. यह सिर्फ एक अफवाह है. उन्होंने वकीलों से अनुरोध किया है कि इस तरह की अफवाह पर ध्यान ना दें. क्योंकि किसी भी स्तिथि में एडवोकेट एक्ट जल्द से जल्द बनकर लागू किया जाएगा.
बताया जा रहा है कि, पिछली कैबिनेट में मंत्री जीतू पटवारी, गोविंद सिंह राजपूत और प्रभु राम चौधरी के विरोध के चलते एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का अनुमोदन टल गया था. वकीलों के विरोध को देखते हुए जीतू पटवारी का कहना है कि अब इसे आगामी कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा. सरकार की मंशा इस एक्ट को इसी सत्र में पारित करवाने की थी लेकिन हो नहीं पाया है.