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केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने की वन मंत्री सिंघार की तारीफ, गिर के शेर को लेकर लिखा था पत्र

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Published : Nov 22, 2019, 11:29 PM IST

केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा देश में एशियाई सिंह के संरक्षण के लिये व्यक्त चिंता की सराहना की है.

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने की वन मंत्री सिंघार की सराहना

भोपाल। केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा देश में एशियाई सिंह के संरक्षण के लिये व्यक्त चिंता की सराहना की है. वन मंत्री सिंघार ने प्रधानमंत्री को गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान से प्रदेश के कूनो अभयारण्य में सिंह शिफ्ट करने के लिये पत्र लिखा था.

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने की वन मंत्री सिंघार की सराहना

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने वन मंत्री सिंघार को पत्र में लिखा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने एशियाई सिंह की आबादी बढ़ाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश के कूनो में गिर राष्ट्रीय उद्यान से सिंह प्रतिस्थापन के निर्देश दिये थे.

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में केंद्रीय वन मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. ये समिति एशियाई सिंहों का मध्यप्रदेश के कूनो में प्रतिस्थापन के लिए की जाने वाली प्रक्रिया का परीक्षण करवा रही है. इसके अलावा, गुजरात और मध्यप्रदेश सरकार ने भी अपने-अपने राज्य में वन्य-प्राणी अभिरक्षक की अध्यक्षता में एशियाई सिंहों के प्रतिस्थापन के संबंध में स्टेट स्पेसिफिक एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया है.

मंत्री जावड़ेकर ने कहा है कि दोनों राज्यों की इन समितियों के सिंहों की सुरक्षा, देखभाल, प्रतिस्थापन की प्रक्रिया में गाइड-लाइन, हेबीटेट के मूल्यांकन के गहन विचार-विमर्श के बाद सिंहों का प्रतिस्थापन होगा.

वर्तमान में एशियाटिक लॉयन अभी केवल गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में बचे हैं। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फेडरेशन और वन्य-प्राणी विशेषज्ञों का मानना है कि प्रजाति को विलुप्त होने से बचाने के लिये, इनकी किसी अन्य अनुकूल वातावरण में भी आबादी होना आवश्यक है। मध्यप्रदेश के कूनो अभयारण्य में सिंहों के लिये हर तरह से अनुकूल वातावरण उपलब्ध है.

भोपाल। केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा देश में एशियाई सिंह के संरक्षण के लिये व्यक्त चिंता की सराहना की है. वन मंत्री सिंघार ने प्रधानमंत्री को गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान से प्रदेश के कूनो अभयारण्य में सिंह शिफ्ट करने के लिये पत्र लिखा था.

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने की वन मंत्री सिंघार की सराहना

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने वन मंत्री सिंघार को पत्र में लिखा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने एशियाई सिंह की आबादी बढ़ाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश के कूनो में गिर राष्ट्रीय उद्यान से सिंह प्रतिस्थापन के निर्देश दिये थे.

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में केंद्रीय वन मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. ये समिति एशियाई सिंहों का मध्यप्रदेश के कूनो में प्रतिस्थापन के लिए की जाने वाली प्रक्रिया का परीक्षण करवा रही है. इसके अलावा, गुजरात और मध्यप्रदेश सरकार ने भी अपने-अपने राज्य में वन्य-प्राणी अभिरक्षक की अध्यक्षता में एशियाई सिंहों के प्रतिस्थापन के संबंध में स्टेट स्पेसिफिक एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया है.

मंत्री जावड़ेकर ने कहा है कि दोनों राज्यों की इन समितियों के सिंहों की सुरक्षा, देखभाल, प्रतिस्थापन की प्रक्रिया में गाइड-लाइन, हेबीटेट के मूल्यांकन के गहन विचार-विमर्श के बाद सिंहों का प्रतिस्थापन होगा.

वर्तमान में एशियाटिक लॉयन अभी केवल गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में बचे हैं। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फेडरेशन और वन्य-प्राणी विशेषज्ञों का मानना है कि प्रजाति को विलुप्त होने से बचाने के लिये, इनकी किसी अन्य अनुकूल वातावरण में भी आबादी होना आवश्यक है। मध्यप्रदेश के कूनो अभयारण्य में सिंहों के लिये हर तरह से अनुकूल वातावरण उपलब्ध है.

Intro:भोपाल। केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा देश में एशियाई सिंह के संरक्षण के लिये व्यक्त चिंता की सराहना की है। वन मंत्री सिंघार ने प्रधानमंत्री को 30 सितम्बर को गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान से प्रदेश के कूनो अभयारण्य में सिंह शिफ्ट करने के लिये पत्र लिखा था। एशियाई सिंह बहुत कम तादाद में विश्व में मात्र गिर वन में ही बचे हैं।
Body:केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने वन मंत्री सिंघार को प्रेषित पत्र में कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 15 अप्रैल, 2013 को देश के अन्य स्थान पर भी एशियाई सिंह की आबादी बढ़ाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश के कूनो में गिर राष्ट्रीय उद्यान से सिंह प्रतिस्थापन के निर्देश दिये थे। सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिस्थापन इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर की गाइड-लाइन के आधार पर करने और केन्द्रीय वन मंत्रालय को इसके लिये विशेषज्ञ समिति गठित करने के निर्देश दिये थे।
केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में केन्द्रीय वन मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। यह समिति एशियाई सिंहों का मध्यप्रदेश के कूनो में प्रतिस्थापन के लिये की जाने वाली प्रक्रिया का परीक्षण करवा रही है। इसके अलावा, गुजरात और मध्यप्रदेश शासन ने भी अपने-अपने राज्य में वन्य-प्राणी अभिरक्षक (चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन) की अध्यक्षता में एशियाई सिंहों के प्रतिस्थापन के संबंध में स्टेट स्पेसिफिक एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया है। जावड़ेकर ने कहा है कि दोनों राज्यों की इन समितियों के सिंहों की सुरक्षा, देखभाल, प्रतिस्थापन की प्रक्रिया में गाइड-लाइन, हेबीटेट के मूल्यांकन आदि के परस्पर गहन विचार-विमर्श के बाद सिंहों का प्रतिस्थापन होगा।
वर्तमान में एशियाटिक लॉयन अभी केवल गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में बचे हैं। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फेडरेशन और वन्य-प्राणी विशेषज्ञों का मानना है कि प्रजाति को विलुप्त होने से बचाने के लिये इनकी किसी अन्य अनुकूल वातावरण में भी आबादी होना आवश्यक है। मध्यप्रदेश के कूनो अभयारण्य में सिंहों के लिये हर तरह से अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। Conclusion:
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