भोपाल| प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा को बेहद जरूरी बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार ये भी सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी बच्चा सुरक्षा तंत्र से न छूटे. भोपाल में मंत्री इमरती देवी ने महिला एवं बाल विकास पर आयोजित 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया. प्रशिक्षण कार्यशाला में IPC, पॉक्सो एक्ट और जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम की जानकारी दी गई.
इमरती देवी का कहना है कि 18 साल के पहले अगर लड़की की शादी की जाती है, तो उसका जीवन गंभीर परिस्थितियों में पहुंच जाता है. कम उम्र में गर्भवती होने से बच्चों में कुपोषण का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसा न हो इसके लिए सरकार के साथ समाज भी आगे आए और बाल विवाह नहीं होने दे. इमरती देवी का कहना है कि यूनिसेफ और महिला एवं बाल विकास विभाग प्रदेश में बच्चों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा को रोकने और बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिये काम कर रहा है.
वहीं यूनिसेफ अधिकारी माइकल जुमा का कहना है कि यह हमारी प्रतिबद्धता है कि बच्चों के अधिकार सुरक्षित रहें. उन्होंने कहा कि भारत में बच्चों के अधिकार सुरक्षित करने के लिए कानून और योजनाएं बनाई गई हैं, इन पर अमल करना न सिर्फ महत्वपूर्ण है, बल्कि जिले और ब्लॉक स्तर पर भी सभी अधिकारियों को इसके लिए काम करने की आवश्यकता है. जुमा ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि समुदाय और तंत्र को कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूक करें. कार्यक्रम में भोपाल नर्मदा पुरम, रीवा, शहडोल, भिंड और मुरैना जिले के बाल विकास अधिकारी शामिल हुए. बताया जा रहा है कि इसी तरह की कार्यशाला इंदौर, उज्जैन और सागर में भी आयोजित की जाएगी.