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कम उम्र में नहीं होनी चाहिए बच्चियों की शादी, बाल अधिकारों की सुरक्षा बेहद जरूरी: मंत्री इमरती देवी

बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के मकसद से भोपाल में महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कार्यशाला का शुभारंभ किया. जिसमें उन्होंने बाल विवाह को कुरीति बताते हुए इससे होने वाले नुकसानों को लेकर लोगों को जागरूक किया.

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Published : Jul 26, 2019, 11:04 AM IST

मंत्री इमरती देवी ने किया कार्यशाला का शुभारंभ

भोपाल| प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा को बेहद जरूरी बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार ये भी सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी बच्चा सुरक्षा तंत्र से न छूटे. भोपाल में मंत्री इमरती देवी ने महिला एवं बाल विकास पर आयोजित 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया. प्रशिक्षण कार्यशाला में IPC, पॉक्सो एक्ट और जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम की जानकारी दी गई.

मंत्री इमरती देवी ने किया कार्यशाला का शुभारंभ

इमरती देवी का कहना है कि 18 साल के पहले अगर लड़की की शादी की जाती है, तो उसका जीवन गंभीर परिस्थितियों में पहुंच जाता है. कम उम्र में गर्भवती होने से बच्चों में कुपोषण का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसा न हो इसके लिए सरकार के साथ समाज भी आगे आए और बाल विवाह नहीं होने दे. इमरती देवी का कहना है कि यूनिसेफ और महिला एवं बाल विकास विभाग प्रदेश में बच्चों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा को रोकने और बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिये काम कर रहा है.

वहीं यूनिसेफ अधिकारी माइकल जुमा का कहना है कि यह हमारी प्रतिबद्धता है कि बच्चों के अधिकार सुरक्षित रहें. उन्होंने कहा कि भारत में बच्चों के अधिकार सुरक्षित करने के लिए कानून और योजनाएं बनाई गई हैं, इन पर अमल करना न सिर्फ महत्वपूर्ण है, बल्कि जिले और ब्लॉक स्तर पर भी सभी अधिकारियों को इसके लिए काम करने की आवश्यकता है. जुमा ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि समुदाय और तंत्र को कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूक करें. कार्यक्रम में भोपाल नर्मदा पुरम, रीवा, शहडोल, भिंड और मुरैना जिले के बाल विकास अधिकारी शामिल हुए. बताया जा रहा है कि इसी तरह की कार्यशाला इंदौर, उज्जैन और सागर में भी आयोजित की जाएगी.

भोपाल| प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा को बेहद जरूरी बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार ये भी सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी बच्चा सुरक्षा तंत्र से न छूटे. भोपाल में मंत्री इमरती देवी ने महिला एवं बाल विकास पर आयोजित 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया. प्रशिक्षण कार्यशाला में IPC, पॉक्सो एक्ट और जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम की जानकारी दी गई.

मंत्री इमरती देवी ने किया कार्यशाला का शुभारंभ

इमरती देवी का कहना है कि 18 साल के पहले अगर लड़की की शादी की जाती है, तो उसका जीवन गंभीर परिस्थितियों में पहुंच जाता है. कम उम्र में गर्भवती होने से बच्चों में कुपोषण का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसा न हो इसके लिए सरकार के साथ समाज भी आगे आए और बाल विवाह नहीं होने दे. इमरती देवी का कहना है कि यूनिसेफ और महिला एवं बाल विकास विभाग प्रदेश में बच्चों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा को रोकने और बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिये काम कर रहा है.

वहीं यूनिसेफ अधिकारी माइकल जुमा का कहना है कि यह हमारी प्रतिबद्धता है कि बच्चों के अधिकार सुरक्षित रहें. उन्होंने कहा कि भारत में बच्चों के अधिकार सुरक्षित करने के लिए कानून और योजनाएं बनाई गई हैं, इन पर अमल करना न सिर्फ महत्वपूर्ण है, बल्कि जिले और ब्लॉक स्तर पर भी सभी अधिकारियों को इसके लिए काम करने की आवश्यकता है. जुमा ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि समुदाय और तंत्र को कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूक करें. कार्यक्रम में भोपाल नर्मदा पुरम, रीवा, शहडोल, भिंड और मुरैना जिले के बाल विकास अधिकारी शामिल हुए. बताया जा रहा है कि इसी तरह की कार्यशाला इंदौर, उज्जैन और सागर में भी आयोजित की जाएगी.

Intro:कम उम्र में नहीं होनी चाहिए बच्चियों की शादी , बाल अधिकारों की सुरक्षा बेहद जरूरी = मंत्री इमरती देवी

भोपाल | महिला बाल विकास विभाग के द्वारा राजधानी के एक निजी होटल में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ महिला बाल विकास मंत्री एवं थी देवी के द्वारा किया गया इस प्रशिक्षण शाला में आईसीपीएस पास्को एक्ट और जेजे अधिनियम की जानकारी दी जाएगी प्रशिक्षण में भोपाल नर्मदा पुरम रीवा शहडोल भिंड और मुरैना जिले के अधिकारी शामिल हुए हैं . इसके बाद इसी प्रकार की कार्यशाला इंदौर ,उज्जैन और सागर में भी आयोजित की जाएगी . Body:कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों के लिए उनकी सुरक्षा करना बेहद जरूरी है यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी बच्चा सामाजिक सुरक्षा और हमारे सुरक्षा तंत्र से ना छूटे उन्होंने कहा कि 18 वर्ष के पहले अगर लड़की की शादी की जाती है तो उसका जीवन गंभीर परिस्थितियों में पहुंच जाता है कम उम्र में गर्भवती होने से बच्चों में कुपोषण का खतरा भी बढ़ जाता है उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होनी चाहिए कि बहुत छोटी उम्र में आश्रम में आने वाली अनाथ बच्चों को जल्द ही उनके परिवार से मिलाया जाए साथ ही किसी भी बच्चे की शादी छोटी उम्र में ना हो यह हमारे समाज का भी दायित्व बनता है . Conclusion:यूनिसेफ के माइकल जुमा ने कहा कि यह हमारी प्रतिबद्धता है कि बच्चों के अधिकार सुरक्षित रहें. उन्होंने कहा कि भारत में बच्चों के अधिकार सुरक्षित करने के लिए कानून और योजनाएँ बनाई गई हैं. इन पर अमल करना न सिर्फ महत्वपूर्ण है बल्कि जिले और ब्लाक स्तर पर भी सभी अधिकारियों को इसके लिए काम करने की आवश्यकता है.उन्होंने कहा यूनिसेफ और महिला-बाल विकास प्रदेश में बच्चों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा को रोकने और बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिये काम कर रहे हैं. जुमा ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि समुदाय और तंत्र को कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूक करें . उन्होंने बताया कि बाल-विवाह को रोकने के लिए महिला-बाल विकास विभाग और यूनिसेफ मिलकर कार्य-योजना तैयार कर रहे हैं, जिसमें सभी विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी .

प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास अनुपम राजन ने कहा कि बच्चों को उनके अधिकार नहीं मिलना भी हिंसा की एक श्रेणी हैं और व्यवस्था से जुड़े सभी लोग इसके लिए जिम्मेदार होते हैं . उन्होंने कहा कि हमारी सफलता इसमें है कि हमारे झूला घरों में एक भी बच्चा न हो, सभी को पूरा परिवार मिले . राजन ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास और उन्हें सशक्त तथा जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए सक्षम और सुरक्षात्मक वातावरण बनाने की जिम्मेदारी हम सबकी है .
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