भोपाल। राजधानी भोपाल के क्षेत्रीय श्वसन रोग संस्थान को अब जल्द ही रीजनल रेस्पिरेटरी डिसीज इंस्टिट्यूट बनाया जाएगा. जिसके लिए गांधी मेडिकल कॉलेज की ओर से प्रस्ताव बनाकर तैयार कर लिया गया है.
इस इंस्टिट्यूट की खास बात ये रहेगी कि यहां पर टीबी के अलावा सांस सम्बंधी सभी रोगों का इलाज किया जाएगा. साथ ही कठिन से कठिन से ऑपरेशन की भी सुविधा हॉस्पिटल में होगी. इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 71 करोड़ रुपये खर्च आयेगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये इंस्टीट्यूट मध्यभारत का सबसे बड़ा रेस्पिरेटरी डिसीज इंस्टीट्यूट होगा. जिसका निर्माण गांधी मेडिकल कॉलेज के पल्मोनरी विभाग की ओर से कराया जाएगा.
स्वास्थ्य विभाग ने इसी साल फरवरी में भोपाल समेत सागर और छिंदवाड़ा के टीबी अस्पतालों को चिकित्सा शिक्षा विभाग को सौंपा था. अब इस इंस्टीट्यूट के खुलने से जीएमसी में पोस्ट ग्रेजुएशन की 11-14 सीटें बढ़ जाएंगी. जिसके चलते विशेषज्ञों की कमी को दूर किया जा सकेगा. यहां पर लाइब्रेरी, एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक, मल्टी परपस हॉल, स्टाफ क्वार्टर और रैन बसेरा भी बनेगा जाएगा.