भोपाल। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से श्रमिकों को गांव में ही रोजगार मुहैया हो सकेगा, इसके लिए साढ़े 13 करोड़ अतिरिक्त मानव दिवस रोजगार सृजित किए जाएंगे. मानसून काल में मनरेगा के माध्यम से पौधरोपण और जल संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके लिए पूर्व निर्धारित लेबर बजट में बढ़ोतरी कर सभी जिलों को अतिरिक्त लक्ष्य आवंटित किया गया है.
कोरोना काल में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों और पूर्व से कार्यरत श्रमिकों को वर्षा काल में नियमित रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा की कार्य योजना में संशोधन किया गया है. प्रदेश के वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूर्व निर्धारित लेबर बजट 20.50 करोड़ मानव दिवस से बढ़ाकर 34 करोड़ मानव दिवस किया गया है. सभी जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को ऐसे सामुदायिक कार्यों को प्राथमिकता से कराने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे अधिक से अधिक श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हो सके.
मानसून अवधि में पौधरोपण के तहत सामुदायिक भूमि पर पौधरोपण, निजी भूमि पर फलोद्यान, मंदिर कुंज, हैबिटेट रेस्टोरेशन जैसे कार्य कराने और जल संरक्षण और संवर्धन के कार्यों के तहत कंटूर ट्रेंच, बोल्डर चेकडैम, गोबियन संरचना जैसे कार्यों को प्राथमिकता से कराने के निर्देश दिए गए हैं.
स्व-सहायता समूह के लिए कैटल शेड, गोट सेट, पोल्ट्री सेट जैसी संरचना स्थानीय आवश्यकता के अनुसार बनाई जा सकेगी. गांव में चारागाह विकास के कार्य भी प्राथमिकता से कराने के निर्देश दिए गए हैं. स्थानीय परिस्थितियों और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सामुदायिक संरचना के कार्यों के तहत ग्राम पंचायत भवन, आंगनवाड़ी भवन, शासकीय भवनों के लिए अप्रोच रोड, शालाओं की बाउंड्री वाल का निर्माण, नाडेप टांका, वर्मी कंपोस्ट पिट गौशालाओं का निर्माण जैसे कार्य भी मनरेगा योजना के अंतर्गत अब कराए जा सकेंगे.