भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में चल रहा विवाद अब और गहराता जा रहा है. विश्वविद्यालय के दो अनुबंध प्रोफेसरों के विवादित ट्वीट किए जाने के बाद लगातार हंगामे की स्थिति बनी हुई है. जहां एक तरफ विश्वविद्यालय के छात्र इन दोनों प्रोफेसरों को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं, वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्त निर्णय लेते हुए 23 छात्रों को तत्काल निष्कासित कर दिया है.
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित की गई जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है. अब यह सभी 23 छात्र निष्कासन अवधि में ना तो कक्षा में उपस्थित हो सकते हैं और ना ही इन्हें परीक्षा में शामिल होने का अधिकार मिल पाएगा. साथ ही अब इन 23 छात्रों पर FIR दर्ज करने की भी तैयारी की जा रही है.
विश्वविद्यालय के फैसले पर गरमाई राजनीति
पत्रकारिता विश्वविद्यालय के 23 छात्रों को निष्कासित किए जाने के बाद राजनीति भी गरमा गई है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट करते हुए छात्रों पर की गई कार्रवाई का विरोध किया है और छात्रों का निष्कासन वापस लेने की मांग की है.
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मेरी मांग है कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के छात्रों की सभी जायज़ मांगें मानी जाएँ और उनका निष्कासन तुरंत वापस लिया जाए।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 17, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 17, 2019
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है कि विद्यालय द्वारा छात्रों पर कार्रवाई दमनकारी है. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की पढ़ाई करने वाले बच्चों पर की गई यह कार्रवाई तानाशाहीपूर्ण है. कमलनाथ सरकार के एक साल का यही तोहफा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन तत्काल बच्चों का निष्कासन समाप्त करे.
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माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों पर कार्रवाई निंदनीय और दमनकारी है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की पढ़ाई करने वाले इन बच्चों पर की गई कार्रवाई तानाशाही पूर्ण है। क्या @OfficeOfKNath सरकार के 1 साल का यही तोहफा है? #MCU प्रशासन तत्काल इन बच्चों का निष्कासन समाप्त करें। pic.twitter.com/jMu52fIBVS
— Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) December 17, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ मुलाकात की है और मुलाकात के बाद उन्होंने भी ट्वीट करते हुए बताया है कि आज उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की घटना के बारे में उपराष्ट्रपति को जानकारी दी है.
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माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया जी नायडू से भेंट की और अपने संसदीय क्षेत्र भोपाल के श्री माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की घटना के बारे में पत्र देकर चर्चा की तथा देश की अन्य परिस्थितियों के बारे में भी चर्चा हुई। pic.twitter.com/X1Pb7pz5DI
— Sadhvi Pragya Official (@SadhviPragya_MP) December 17, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने भी ट्वीट करते हुए कहा है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का आकार ले रहे इन नौजवानों के भविष्य पर सरकार ने जो कुठाराघात किया है, उसने कमलनाथ के इमरजेंसी स्वभाव की याद दिला दी है. गांधी की माला जपते हो और अमन के साथ दमन का विरोध करने वालों का गला घोंटते हो ये नाइंसाफी है.
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लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का आकार ले रहे इन नौजवानों के भविष्य पर सरकार ने जो कुठाराघात किया है, उसने कमलनाथ के इमरजेंसी स्वभाव की याद दिला दी है। गांधी की माला जपते हो और अमन के साथ दमन का विरोध करने वालों का गला घोटते हो...नाइंसाफी !! pic.twitter.com/zDm57sTFzv
— Rahul Kothari Bjp (@RahulKothariBJP) December 17, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Rahul Kothari Bjp (@RahulKothariBJP) December 17, 2019लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का आकार ले रहे इन नौजवानों के भविष्य पर सरकार ने जो कुठाराघात किया है, उसने कमलनाथ के इमरजेंसी स्वभाव की याद दिला दी है। गांधी की माला जपते हो और अमन के साथ दमन का विरोध करने वालों का गला घोटते हो...नाइंसाफी !! pic.twitter.com/zDm57sTFzv
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क्या था पूरा मामला
पत्रकारिता विश्वविद्यालय के अनुबंध प्रोफेसर दिलीप मंडल और मुकेश कुमार ने समाज विशेष को लेकर लगातार कई विवादित ट्वीट किए थे. इससे नाराज छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया था. इसे लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी ने पहले तो पुलिस को बुला लिया था, इसके बाद उन पर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में मामला भी दर्ज करवा दिया था. इस दौरान छात्रों की पुलिस ने जमकर पिटाई भी की थी.