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आज है भोपाल का आजादी दिवस, 1 जून 1949 को भारतीय संघ में हुआ था विलय

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 1 जून को आजादी का जश्न बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. भोपाल रियासत का आज ही के दिन 1 जून 1949 को भारतीय संघ में विलय हुआ था.

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Published : Jun 1, 2019, 3:25 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में आज आजादी का जश्न बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. भोपाल महापौर आलोक शर्मा और निगम कमिश्नर विजय दत्ता ने पुराने भोपाल स्थित भोपाल गेट पहुंचकर विलीनीकरण के लिए शहीदों को श्रद्धांजलि दी और ध्वजारोहण किया. भोपाल रियासत का आज ही के दिन 1 जून 1949 को भारतीय संघ में विलय हुआ था.

भोपाल का स्थापना दिवस

महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि हमारा भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था, पूरा देश आजादी के तराने गा रहा था, पूरे देश में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था. मिठाईयां बांटी जा रही थीं, लोग एक-दूसरे के गले मिलकर बधाई दे रहे थे, लेकिन भोपाल 15 अगस्त 1947 तक आजाद नहीं हुआ था. भोपाल के तत्कालीन नवाब हमीदुल्ला खां नहीं चाहते थे कि भोपाल रियासत आजाद भारत का अभिन्न अंग बने. नवाब अपने राज्य को स्वतंत्र रखना चाहते थे. इसके विरोध में भोपाल के नौजवानों ने इसके खिलाफ सत्याग्रह शुरू किया और भोपाल में नवाब की सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया.

नौजवानों का सत्याग्रह 22 महीनों तक चला. आलोक शर्मा ने बताया कि हैदराबाद के निजाम भोपाल को पाकिस्तान में विलय के लिए प्रेरित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आखिरकार हमारा भोपाल 1 जून 1949 को आजाद हुआ.

भोपाल। राजधानी भोपाल में आज आजादी का जश्न बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. भोपाल महापौर आलोक शर्मा और निगम कमिश्नर विजय दत्ता ने पुराने भोपाल स्थित भोपाल गेट पहुंचकर विलीनीकरण के लिए शहीदों को श्रद्धांजलि दी और ध्वजारोहण किया. भोपाल रियासत का आज ही के दिन 1 जून 1949 को भारतीय संघ में विलय हुआ था.

भोपाल का स्थापना दिवस

महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि हमारा भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था, पूरा देश आजादी के तराने गा रहा था, पूरे देश में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था. मिठाईयां बांटी जा रही थीं, लोग एक-दूसरे के गले मिलकर बधाई दे रहे थे, लेकिन भोपाल 15 अगस्त 1947 तक आजाद नहीं हुआ था. भोपाल के तत्कालीन नवाब हमीदुल्ला खां नहीं चाहते थे कि भोपाल रियासत आजाद भारत का अभिन्न अंग बने. नवाब अपने राज्य को स्वतंत्र रखना चाहते थे. इसके विरोध में भोपाल के नौजवानों ने इसके खिलाफ सत्याग्रह शुरू किया और भोपाल में नवाब की सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया.

नौजवानों का सत्याग्रह 22 महीनों तक चला. आलोक शर्मा ने बताया कि हैदराबाद के निजाम भोपाल को पाकिस्तान में विलय के लिए प्रेरित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आखिरकार हमारा भोपाल 1 जून 1949 को आजाद हुआ.

Intro:मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 1 मई को आजादी का जश्न बड़ी ही धूम धाम से मनाया गया..... दरअसल भोपाल रियासत का आज ही के दिन यानी 1 जून 1949 को भारतीय संघ में विलय हुआ था..... देश की आजादी के पूरे 659 दिन बाद ये शहर भारतीय संघ में शामिल हुआ था....आज पूरा शहर इस अपनी आजादी की खुशी मना रहा है.....





Body:इस मौेके पर शहर के महापौर आलोक शर्मा और निगम कमीश्नर विजय दत्ता पुराने भोपाल स्थित भोपाल गेट पर पहुंचे और वहां पहुंचकर विलनीयकरण के लिए जिन शहीदों ने अपनी जान गवांई थी उन्हे श्रद्धांजलि दी और ध्वाजरोहण किया...... इस दौरान वहां पर उन लोगों की फोटो की प्रदर्शनी भी लगाई गई जिन लोगों ने भोपाल को भारत में शामिल करने के लिए अपनी कुर्बानी दी थी उन्हें प्रदर्शनी के जरिए याद किया गया.....


Conclusion:बता दें भारत जब आजाद हुआ था तो भोपाल उसमें शामिल नहीं था.... आजादी के 659 दिन के बाद उस वक्त के गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भोपाल के उस वक्त के नवाब हमीदुल्लाह पर जबरदस्त दबाव डाला जिसके बाद उन्हें झुकना पड़ा और भारत में भोपाल का विलय किया गया और इसी विलीनीकरण को लेकर सालों से भोपाल में 1 जून को जश्न मनाया जाता है

बाइट, आलोक शर्मा, महापौर
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