भोपाल/दतिया/ग्वालियर। मध्य प्रदेश में पिछले 72 घंटों में मध्य प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ का कहर जारी है. बाढ़ प्रभावित शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, मुरैना जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना बुलाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. कई इलाकों में सेना की तैनाती भी की गई है. इस दौरान कई इलाकों में बाढ़ के दौरान पुल बह जाने की खबरें आई है. अब इसपर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने बाढ़ में बहे पुलों को भ्रष्टाचार का पुल बताया है.
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मध्यप्रदेश में-
— MP Congress (@INCMP) August 4, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
—लगातार पुल बह रहे हैं और सड़कें धँस रही है।
शिवराज जी,
ये केवल बारिश नहीं,
आपके भ्रष्टाचार का भी नमूना है। pic.twitter.com/y3cYsu8p13
">मध्यप्रदेश में-
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—लगातार पुल बह रहे हैं और सड़कें धँस रही है।
शिवराज जी,
ये केवल बारिश नहीं,
आपके भ्रष्टाचार का भी नमूना है। pic.twitter.com/y3cYsu8p13मध्यप्रदेश में-
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—लगातार पुल बह रहे हैं और सड़कें धँस रही है।
शिवराज जी,
ये केवल बारिश नहीं,
आपके भ्रष्टाचार का भी नमूना है। pic.twitter.com/y3cYsu8p13
पुल का बह जाना शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का नमूना
मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दतिया का एक पुल बहने के वीडियो के साथ ट्वीट किया गया है. इस ट्वीट में लिखा है कि "मध्य प्रदेश में लगातार पुल बह रहे हैं और सड़कें धंस रही है. शिवराज जी ये केवल बारिश नहीं, आपके भ्रष्टाचार का नमूना है." मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में पुलों के बह जाने और सड़कों के धंसने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है.
भूपेन्द्र गुप्ता ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि नदी में बाढ़ में बहे दोनों पुल शिवराज सरकार के कार्यकाल में बने हैं, जबकि 50 से 100 साल पुराने पुल आज भी मजबूती से खड़ें है. इससे बीजेपी के कार्यकाल में बने पुलों की गुणवत्ता पता चल गई है. कांग्रेस ने इसकी न्यायिक जांच की मांग की है. कांग्रेस ने इन पुलों को भ्रष्टाचार का पुल बताया है.
बाढ़ में फंसे लोगों की मदद की अपील की
ग्वालियर चंबल अंचल में बाढ़ से हाल-बेहाल हैं. कई गांवों में सैकड़ों लोग बाढ़ के बीच में फंसे है और राहत का इंतजार कर रहे हैं. पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने इसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. गोविंद सिंह ने लहार विधानसभा के गांवों में फंसे लोगों का रेस्क्यू करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें सिंध नदी का जल स्तर बढ़ने से गांव के टीले पर फंसे लोगों को बचाने और उनके लिए भोजन की व्यवस्था करने की मांग की है.
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कमलनाथ जी का संदेश-
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मैं बाढ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लगातार संपर्क में हूँ, और मैंने सभी कार्यकर्ताओं से भी हर संभव मदद पहुँचाने का आव्हान किया है।
मेरा प्रदेशवासियों से आग्रह है कि अपना ख़्याल रखें, पूरी सावधानी बरतें। कांग्रेस इस आपदा की घड़ी में आपके साथ है।
—कमलनाथ pic.twitter.com/Oo9QsYpR4x
">कमलनाथ जी का संदेश-
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मैं बाढ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लगातार संपर्क में हूँ, और मैंने सभी कार्यकर्ताओं से भी हर संभव मदद पहुँचाने का आव्हान किया है।
मेरा प्रदेशवासियों से आग्रह है कि अपना ख़्याल रखें, पूरी सावधानी बरतें। कांग्रेस इस आपदा की घड़ी में आपके साथ है।
—कमलनाथ pic.twitter.com/Oo9QsYpR4xकमलनाथ जी का संदेश-
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मैं बाढ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लगातार संपर्क में हूँ, और मैंने सभी कार्यकर्ताओं से भी हर संभव मदद पहुँचाने का आव्हान किया है।
मेरा प्रदेशवासियों से आग्रह है कि अपना ख़्याल रखें, पूरी सावधानी बरतें। कांग्रेस इस आपदा की घड़ी में आपके साथ है।
—कमलनाथ pic.twitter.com/Oo9QsYpR4x
संकट की घड़ी में विपक्ष सरकार के साथ
इधर पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी ट्वीट करके बाढ़ के हालातों पर चिंता जताई है. साथ ही सरकार को हरसंभव मदद करने का भरोसा भी दिया है. कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा है कि संकट की घड़ी में विपक्ष सरकार के साथ है. कमलनाथ ने कहा कहा कि मैं बाढ़ प्रभावित इलाकों के कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में हूं. मैंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से हरसंभव मदद का आह्वान किया है.
कहां-कहां बहे पुल ?
दतिया जिले में ही 3 पुलों के टूटने की खबर है. दतिया के रतनगढ़ में बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि सनकुआं पर बना पुल ही पानी में बह गया. पुल सिंध नदी के तेज बहाव में बह गया. पुल सिंध नदी के ऊपर बना था. सिंध नदी का जलस्तर बढ़ने से यह हादसा हो गया. सिंध नदी का यह रौद्र रुप देखकर हर कोई हैरान हो गया.बता दें कि सिंध नदी के बढ़े जलस्तर ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
सेवड़ा क्षेत्र में दो पुल बहे
सेवड़ा क्षेत्र में सिंध नदी पर ही बने दो पुल और बहने की खबरें हैं. इसमें पहला पुल लांच-पिछोर का है, जो इंदरगढ़ जोड़ता है. वहीं दूसरा पुल रतनगढ़ मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते मरसेनी से जुड़ता है. वह भी तेज बहाव में टूटकर बह गया.
240 गांव बाढ़ से घिरे
मध्य प्रदेश के उत्तरी इलाकों में हुई भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. ग्वालियर, भिंड, गुना, मुरैना जिलों में भारी बारिश से करीब 240 गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं. इन इलाकों में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना मोर्चा संभाले हुए हैं. यहां से अभी तक करीब 5850 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. वहीं 1400 लोग अब भी बाढ़ में फंसे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यु किए जाने का प्रयास किया जा रहा है.
वाहनों की कतारों में फंसी कई एंबुलेंस
इधर ग्वालियर में बारिश की वजह से तरह तरह की परेशानियां आ रही है. चंबल नदी में उफान आने के कारण नेशनल हाईवे पर आवागमन बंद हो गया है. इससे कारण नेशनल हाईवे पर दोनों तरफ 5-5- किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग गई है. इन वाहनों की कतारों में कई एंबुलेंस फंसी है. इनमें से ज्यादातर एंबुलेंस में शव है, जिन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा रहा है. प्रशासन की टीम शवों वाली एंबुलेंस को धीरे-धीरे पुल पार करवाया जा रहा है.