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हॉस्टल नंबर 11 को बनाया जाएगा क्वारेंटाइन सेंटर, मैनिट के छात्र हुए नाराज

मैनिट ने एक सर्कुलर जारी कर इस बात की जानकारी दी है कि मैनिट कैंपस के हॉस्टल नंबर 11 को कोविड केयर सेंटर के लिए जिला प्रशासन को सौंपेगा. इस फैसले से नाराज छात्रों ने सोशल मीडिया पर इस फैसले के खिलाफ एक कैंपेन शुरू कर दिया है, जिसमें वे हॉस्टल को कोविड सेंटर नहीं बनाने की मांग कर रहे हैं.

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Published : May 27, 2020, 11:48 PM IST

भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हॉस्टल नंबर 11 जिला प्रशासन को सौंपेगा. गौरतलब है कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मैनिट प्रशासन से कहा था कि यदि वे क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए व्यवस्था करा रहे हैं तो ठीक वर्ना प्रशासन अपने हिसाब से व्यवस्था संभालेगा, जिसके बाद मैनिट ने सर्कुलर जारी कर ये बताया है कि शुरुआत में हॉस्टल नंबर 11 को जिला प्रशासन के सुपुर्द किया जाएगा.

भोपाल के मैनिट के होस्टल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने पर एक तरफ छात्रों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है तो वहीं दूसरी और जिला प्रशासन ने मैनिट प्रशासन से स्पष्ट रूप से जवाब मांगा था कि मैनिट व्यवस्था कर रहा है तो ठीक है, वरना जिला प्रशासन अपने स्तर पर व्यवस्था संभालेगा, ऐसे में मैनिट ने एक सर्कुलर जारी कर इस बात की जानकारी दी है कि मैनिट कैंपस के हॉस्टल नंबर 11 को कोविड केयर सेंटर के लिए जिला प्रशासन को सौंपेगा.

Circular issued by MANIT
मैनिट द्वारा जारी किया गया सर्कुलर

गौरतलब है कि जिला प्रशासन के सुपरविजन में मैनिट के अधिकारियों की एक कमेटी बनाई है, जो इसकी व्यवस्था देखेगी वहीं छात्रों की सामग्री जो होस्टल में रखी है, उसे पैक किया जाएगा और हॉस्टल परिसर में ही सुरक्षित स्थान पर रखवाया जाएगा. मैनिट प्रशासन के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी.

फैसले से छात्र बिल्कुल भी खुश नहीं

आपको बता दें मैनिट के सर्कुलर के अनुसार 23 मई को जिला प्रशासन ने पूरे परिसर को कोविड-19 केयर सेंटर के लिए चिन्हित किया और इस संबंध में जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा है, इसके बाद नगर निगम आयुक्त ने 26 मई को एक मीटिंग बुलाई और मैनिट के हॉस्टल को तत्काल खाली करने के बारे में पूछा इसके चलते बुधवार को डायरेक्टर ने मीटिंग बुलाई, जिसमें पहले हॉस्टल नंबर 11 को प्रशासन को देने का निर्णय लिया गया है, लेकिन कॉलेज प्रशासन के इस फैसले से छात्र बिल्कुल भी खुश नहीं है. छात्र इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि उनका सामान हॉस्टल में रखा हुआ है. लॉकडाउन के चलते छात्र अपना सामान हॉस्टल में ही छोड़कर आए हैं, जिसमें उनका लैपटॉप से लेकर कई कीमती समान है. ऐसे में उन सामानों को कहां रखा जाएगा.

छात्रों के हॉस्टल ही क्यों

छात्र अपने घरों में हैं और अगर हॉस्टल के ताले तोड़े जाएंगे तो छात्रों के कई जरूरी समान है, जिसकी सुरक्षा का ख्याल कैसे रखा जाएगा, इस बात को लेकर चिंतित छात्र सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं और ट्विटर के माध्यम से हॉस्टल को क्वॉरेंटाइन सेंटर ना बनाने की मांग कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में और भी जगह हैं जिसे क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया जा सकता है, लेकिन छात्रों के हॉस्टल को ही क्यों.

भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हॉस्टल नंबर 11 जिला प्रशासन को सौंपेगा. गौरतलब है कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मैनिट प्रशासन से कहा था कि यदि वे क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए व्यवस्था करा रहे हैं तो ठीक वर्ना प्रशासन अपने हिसाब से व्यवस्था संभालेगा, जिसके बाद मैनिट ने सर्कुलर जारी कर ये बताया है कि शुरुआत में हॉस्टल नंबर 11 को जिला प्रशासन के सुपुर्द किया जाएगा.

भोपाल के मैनिट के होस्टल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने पर एक तरफ छात्रों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है तो वहीं दूसरी और जिला प्रशासन ने मैनिट प्रशासन से स्पष्ट रूप से जवाब मांगा था कि मैनिट व्यवस्था कर रहा है तो ठीक है, वरना जिला प्रशासन अपने स्तर पर व्यवस्था संभालेगा, ऐसे में मैनिट ने एक सर्कुलर जारी कर इस बात की जानकारी दी है कि मैनिट कैंपस के हॉस्टल नंबर 11 को कोविड केयर सेंटर के लिए जिला प्रशासन को सौंपेगा.

Circular issued by MANIT
मैनिट द्वारा जारी किया गया सर्कुलर

गौरतलब है कि जिला प्रशासन के सुपरविजन में मैनिट के अधिकारियों की एक कमेटी बनाई है, जो इसकी व्यवस्था देखेगी वहीं छात्रों की सामग्री जो होस्टल में रखी है, उसे पैक किया जाएगा और हॉस्टल परिसर में ही सुरक्षित स्थान पर रखवाया जाएगा. मैनिट प्रशासन के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी.

फैसले से छात्र बिल्कुल भी खुश नहीं

आपको बता दें मैनिट के सर्कुलर के अनुसार 23 मई को जिला प्रशासन ने पूरे परिसर को कोविड-19 केयर सेंटर के लिए चिन्हित किया और इस संबंध में जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा है, इसके बाद नगर निगम आयुक्त ने 26 मई को एक मीटिंग बुलाई और मैनिट के हॉस्टल को तत्काल खाली करने के बारे में पूछा इसके चलते बुधवार को डायरेक्टर ने मीटिंग बुलाई, जिसमें पहले हॉस्टल नंबर 11 को प्रशासन को देने का निर्णय लिया गया है, लेकिन कॉलेज प्रशासन के इस फैसले से छात्र बिल्कुल भी खुश नहीं है. छात्र इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि उनका सामान हॉस्टल में रखा हुआ है. लॉकडाउन के चलते छात्र अपना सामान हॉस्टल में ही छोड़कर आए हैं, जिसमें उनका लैपटॉप से लेकर कई कीमती समान है. ऐसे में उन सामानों को कहां रखा जाएगा.

छात्रों के हॉस्टल ही क्यों

छात्र अपने घरों में हैं और अगर हॉस्टल के ताले तोड़े जाएंगे तो छात्रों के कई जरूरी समान है, जिसकी सुरक्षा का ख्याल कैसे रखा जाएगा, इस बात को लेकर चिंतित छात्र सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं और ट्विटर के माध्यम से हॉस्टल को क्वॉरेंटाइन सेंटर ना बनाने की मांग कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में और भी जगह हैं जिसे क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया जा सकता है, लेकिन छात्रों के हॉस्टल को ही क्यों.

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