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CAA के समर्थन में आए मैनिट के छात्र, कॉलेज परिसर के बाहर लगाए नारे

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आए दिन देश में उसके विरोध और समर्थन में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. भोपाल के मौलाना आज़ाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भी कुछ छात्रों ने CAA के समर्थन में प्रदर्शन करते हुए कॉलेज परिसर के बाहर नारे लगाए और मार्च निकाला.

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Published : Jan 1, 2020, 7:32 PM IST

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CAA के समर्थन में आए मैनिट के छात्र

भोपाल। जहां एक तरफ पूरे देश के छात्र नागरिकता संशोधन एक्ट का विरोध कर रहे है, तो वहीं दूसरी ओर राजधानी भोपाल स्थित मौलाना आज़ाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कुछ छात्र इसके समर्थन में आगे आए हैं. छात्रों ने मैनिट परिसर में समर्थन में नारे लगाकर मार्च निकाला.

CAA के समर्थन में आए मैनिट के छात्र


CAA के समर्थन के बारे में छात्रों का कहना है कि लोगों को CAA के बारे में सही जानकारी नहीं है, इसे समझना जरूरी है. इसके बारे में देश में भ्रम फैलाया जा रहा है. देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में बाहर के लोग आकर प्रोपेगेंडा के तहत आंदोलन कर रहे है. इसी झूठ के खिलाफ हम CAA को सपोर्ट कर रहे हैं. जिन लोगों को नागरिकता देने की बात कहीं गई है वो भारत से ही सम्बन्ध रखते हैं. 1947 या 1971 में जो लोग भारत नहीं आ पाए और उन्हें दूसरे देशों में प्रताड़ित किया गया, ऐसे अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता देना हमारे देश की ड्यूटी है.


बता दें कि जब से नागरिकता संशोधन बिल को संसद में पास होने के बाद नागरिकता संशोधन एक्ट बनाया गया है, तब से ही देश में कई जगह इसके विरोध और समर्थन में आंदोलन हो रहे हैं.

भोपाल। जहां एक तरफ पूरे देश के छात्र नागरिकता संशोधन एक्ट का विरोध कर रहे है, तो वहीं दूसरी ओर राजधानी भोपाल स्थित मौलाना आज़ाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कुछ छात्र इसके समर्थन में आगे आए हैं. छात्रों ने मैनिट परिसर में समर्थन में नारे लगाकर मार्च निकाला.

CAA के समर्थन में आए मैनिट के छात्र


CAA के समर्थन के बारे में छात्रों का कहना है कि लोगों को CAA के बारे में सही जानकारी नहीं है, इसे समझना जरूरी है. इसके बारे में देश में भ्रम फैलाया जा रहा है. देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में बाहर के लोग आकर प्रोपेगेंडा के तहत आंदोलन कर रहे है. इसी झूठ के खिलाफ हम CAA को सपोर्ट कर रहे हैं. जिन लोगों को नागरिकता देने की बात कहीं गई है वो भारत से ही सम्बन्ध रखते हैं. 1947 या 1971 में जो लोग भारत नहीं आ पाए और उन्हें दूसरे देशों में प्रताड़ित किया गया, ऐसे अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता देना हमारे देश की ड्यूटी है.


बता दें कि जब से नागरिकता संशोधन बिल को संसद में पास होने के बाद नागरिकता संशोधन एक्ट बनाया गया है, तब से ही देश में कई जगह इसके विरोध और समर्थन में आंदोलन हो रहे हैं.

Intro:भोपाल- जहां एक पर पूरे देश के छात्र नागरिकता संशोधन एक्ट का विरोध कर रहे है तो वहीं दूसरी ओर राजधानी भोपाल स्थित मौलाना आज़ाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कुछ छात्र इसके समर्थन में आगे आये और मैनिट परिसर में समर्थन में नारे लगाकर मार्च निकाला।


Body:अपने समर्थन के बारे में छात्र प्रशांत का कहना है कि लोगों को सीएए के बारे में सही जानकारी नहीं है, इसे समझना जरूरी है। इसके बारे में देश में भ्रम फैलाया जा रहा है।
देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में बाहर के लोग आकर प्रोपेगेंडा के तहत आंदोलन कर रहे है।
इसी झूठ के खिलाफ हम सी ए ए को सपोर्ट करते है।
जिन लोगों को नागरिकता देने की बात कहीं गयी है वो भारत से ही सम्बन्ध रखते है। 1947 या 1971 में ऐसे लोग भारत नहीं आ पाए और उन्हें दूसरे देशों में प्रताड़ित किया गया। ऐसे अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता देना हमारे देश की ड्यटी है।



Conclusion:बता दें कि जब से नागरिकता संशोधन बिल को संसद में पास के नागरिकता संशोधन एक्ट बनाया गया है तब से ही देश मे कई जगह आंदोलन इसके विरोध और समर्थन में हो रहे है।

बाइट- प्रशांत गोखले
छात्र ,मैनिट

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