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औरैया हादसे के बाद महोबा प्रशासन सख्त, यूपी एमपी बॉर्डर पर किए खास इंतजाम

यूपी के औरैया में हुए सड़क हादसे के बाद मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर प्रवासी मजदूर-कामगारों को बॉर्डर पर ही रोककर जांच के बाद उनके लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव के आदेश के बाद महोबा जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. अब यूपी एमपी बॉर्डर पर जांच के बाद मजदूरों को बसों घर भेजा जा रहा है.

Mahoba administration strict after Auraiya accident in UP
यूपी एमपी बॉर्डर
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Published : May 17, 2020, 11:16 PM IST

भोपाल/महोबा। उत्तर प्रदेश के औरैया में हुए सड़क हादसे के बाद मुख्य सचिव ने आदेश जारी किए हैं. इसमें पैदल, दो पहिया और ट्रकों से अपने गृह जनपद जा रहे प्रवासी मजदूर-कामगारों को बॉर्डर पर ही रोककर जांच के बाद उनके गन्तव्य स्थान तक पहुंचाने की व्यवस्था करने को जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.

Investigators are also being investigated for their own vehicles
खुद के वाहनों से आने वालों की भी हो रही जांच

मुख्य सचिव के आदेश के बाद महोबा जिला प्रशासन अलर्ट हो गया और यूपी-एमपी बॉर्डर में एमपी से यूपी की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी मजदूरों को रोककर जांच के बाद बसों द्वारा उनके गन्तव्य स्थान पर भेजा रहा है.

महोबा जिले में यूपी एमपी के कैमाहा बॉर्डर से हजारों प्रवासी मजदूर यूपी में प्रवेश कर रहे हैं. कोई पैदल तो कोई लोडर, और ट्रक आदि से जिसको जो साधन मिल रहा है उसी से अपने घर पहुंचने का प्रयास कर रहा है.

There is also a good system for laborers to eat and drink.
मजदूरों के लिए खाने पीने की भी अच्छी व्यवस्था है

औरैया हादसे के बाद महोबा जिले में कैमाहा बॉर्डर पर जिला प्रशासन ने महानगरों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को रोककर उनकी जांच कराकर खाने की व्यवस्था और मजदूरों की लिस्ट बनाकर उनको गंतव्य स्थान पर छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था की गई. जो प्रवासी लोडर या अपने साधन से आ रहे हैं, उनको खाना खिलाकर जाने दिया जाता है.

Mahoba administration strict after Auraiya accident in UP
महोबा में यूपी एमपी बॉर्डर पर प्रवासी मजदूर-कामगारों की जांच हो रही है

प्रवासी मजदूर ने बताया अपना अनुभव

लोडर में अपने 13 साथियों के साथ सवार होकर सूरत से आ रहे प्रवासी मजदूर कहते हैं कि वह 15 मई को सूरत से निकले थे. जिन्हें वहां की पुलिस द्वारा बहुत परेशान किया गया.

जबकि एमपी और यूपी सरकार की तारीफ करते हुए कहते हैं कि हम लोगों को यहां पर खाना खिलाया गया है, यहां पर भी बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है.

एसडीएम ने किया अच्छी व्यवस्था का दावा

एसडीएम राकेश कुमार कहते हैं कि बॉर्डर पर जो भी प्रवासी मजदूर आ रहे हैं. उनकी पहले जांच की जा रही है, उसके बाद खाना खिलाया जा रहा है और उनके गंतव्य स्थान पर छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है. जिन्हें लिस्ट बनाकर बसों में बैठाकर भेजा जा रहा है. आज अभी तक 98 वाहनों द्वारा 1634 लोगों को भेजा जा चुका है.

भोपाल/महोबा। उत्तर प्रदेश के औरैया में हुए सड़क हादसे के बाद मुख्य सचिव ने आदेश जारी किए हैं. इसमें पैदल, दो पहिया और ट्रकों से अपने गृह जनपद जा रहे प्रवासी मजदूर-कामगारों को बॉर्डर पर ही रोककर जांच के बाद उनके गन्तव्य स्थान तक पहुंचाने की व्यवस्था करने को जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.

Investigators are also being investigated for their own vehicles
खुद के वाहनों से आने वालों की भी हो रही जांच

मुख्य सचिव के आदेश के बाद महोबा जिला प्रशासन अलर्ट हो गया और यूपी-एमपी बॉर्डर में एमपी से यूपी की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी मजदूरों को रोककर जांच के बाद बसों द्वारा उनके गन्तव्य स्थान पर भेजा रहा है.

महोबा जिले में यूपी एमपी के कैमाहा बॉर्डर से हजारों प्रवासी मजदूर यूपी में प्रवेश कर रहे हैं. कोई पैदल तो कोई लोडर, और ट्रक आदि से जिसको जो साधन मिल रहा है उसी से अपने घर पहुंचने का प्रयास कर रहा है.

There is also a good system for laborers to eat and drink.
मजदूरों के लिए खाने पीने की भी अच्छी व्यवस्था है

औरैया हादसे के बाद महोबा जिले में कैमाहा बॉर्डर पर जिला प्रशासन ने महानगरों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को रोककर उनकी जांच कराकर खाने की व्यवस्था और मजदूरों की लिस्ट बनाकर उनको गंतव्य स्थान पर छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था की गई. जो प्रवासी लोडर या अपने साधन से आ रहे हैं, उनको खाना खिलाकर जाने दिया जाता है.

Mahoba administration strict after Auraiya accident in UP
महोबा में यूपी एमपी बॉर्डर पर प्रवासी मजदूर-कामगारों की जांच हो रही है

प्रवासी मजदूर ने बताया अपना अनुभव

लोडर में अपने 13 साथियों के साथ सवार होकर सूरत से आ रहे प्रवासी मजदूर कहते हैं कि वह 15 मई को सूरत से निकले थे. जिन्हें वहां की पुलिस द्वारा बहुत परेशान किया गया.

जबकि एमपी और यूपी सरकार की तारीफ करते हुए कहते हैं कि हम लोगों को यहां पर खाना खिलाया गया है, यहां पर भी बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है.

एसडीएम ने किया अच्छी व्यवस्था का दावा

एसडीएम राकेश कुमार कहते हैं कि बॉर्डर पर जो भी प्रवासी मजदूर आ रहे हैं. उनकी पहले जांच की जा रही है, उसके बाद खाना खिलाया जा रहा है और उनके गंतव्य स्थान पर छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है. जिन्हें लिस्ट बनाकर बसों में बैठाकर भेजा जा रहा है. आज अभी तक 98 वाहनों द्वारा 1634 लोगों को भेजा जा चुका है.

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