भोपाल। प्रदेश में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है. भोपाल में भी जलसंकट की स्थिति बनती जा रही है. नर्मदा और कोलार से 6 एमजीडी अतिरिक्त पानी लिया जा रहा है. वहीं नर्मदा से 34 के बजाय 36 एमजीडी पानी लिया जा रहा है. वहीं भोपाल महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि बढ़ते जल संकट को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए.
नगर निगम के अधिकारियों ने ये आंकड़े पेश किए हैं. इस समय राजधानी में जलापूर्ति के लिए 110 टैंकर लगाए गए हैं. इसमें से 29 टैंकर नगर निगम ने किराए पर लिए हुए हैं. इसके बावजूद भी जल संकट की स्थिति जस की तस बनी हुई है. भोपाल की लाइफ लाइन कहा जाने वाला बड़ा तालाब भी लगातार सिमटता जा रहा है. कोलार डैम में भी पानी खत्म होने की कगार पर है.
भोपाल महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि पिछले साल भोपाल में मानसून ठीक से नहीं आया था. जल संकट की स्थिति को उन्होंने भोपाल प्रभारी और मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह से मुलाकात की और उन से निवेदन किया था कि जल संकट को देखते हुए एक सर्वदलीय बैठक जल्द बुलाई जाए. क्योंकि इस समय भोपाल में पानी का संकट पैदा हो गया है और ऐसे मामलों को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए.
उन्होंने जनता से निवेदन किया है कि पानी का उपयोग कम से कम करें ताकि पानी बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में जल संकट की स्थिति ज्यादा पैदा होती हो उन क्षेत्रों में किराए से टैंकर लेकर पानी वितरित करने का काम भी लगातार नगर निगम कर रहा है.