ETV Bharat / state

बढ़ते जलसंकट पर नहीं होनी चाहिए राजनीति, सर्वदलीय बैठक में निकालना चाहिए हल: महापौर - जल संकट सर्वदलीय बैठक

प्रदेश भीषण जलसंकट से जूझ रहा है. इस पर भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने कहा है कि इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए. इससे निपटने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए.

भोपाल महापौर आलोक शर्मा
author img

By

Published : Jun 15, 2019, 8:31 AM IST

Updated : Jun 15, 2019, 11:52 AM IST

भोपाल। प्रदेश में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है. भोपाल में भी जलसंकट की स्थिति बनती जा रही है. नर्मदा और कोलार से 6 एमजीडी अतिरिक्त पानी लिया जा रहा है. वहीं नर्मदा से 34 के बजाय 36 एमजीडी पानी लिया जा रहा है. वहीं भोपाल महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि बढ़ते जल संकट को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए.

पानी की किल्लत से जूझता भोपाल

नगर निगम के अधिकारियों ने ये आंकड़े पेश किए हैं. इस समय राजधानी में जलापूर्ति के लिए 110 टैंकर लगाए गए हैं. इसमें से 29 टैंकर नगर निगम ने किराए पर लिए हुए हैं. इसके बावजूद भी जल संकट की स्थिति जस की तस बनी हुई है. भोपाल की लाइफ लाइन कहा जाने वाला बड़ा तालाब भी लगातार सिमटता जा रहा है. कोलार डैम में भी पानी खत्म होने की कगार पर है.

भोपाल महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि पिछले साल भोपाल में मानसून ठीक से नहीं आया था. जल संकट की स्थिति को उन्होंने भोपाल प्रभारी और मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह से मुलाकात की और उन से निवेदन किया था कि जल संकट को देखते हुए एक सर्वदलीय बैठक जल्द बुलाई जाए. क्योंकि इस समय भोपाल में पानी का संकट पैदा हो गया है और ऐसे मामलों को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए.

उन्होंने जनता से निवेदन किया है कि पानी का उपयोग कम से कम करें ताकि पानी बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में जल संकट की स्थिति ज्यादा पैदा होती हो उन क्षेत्रों में किराए से टैंकर लेकर पानी वितरित करने का काम भी लगातार नगर निगम कर रहा है.

भोपाल। प्रदेश में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है. भोपाल में भी जलसंकट की स्थिति बनती जा रही है. नर्मदा और कोलार से 6 एमजीडी अतिरिक्त पानी लिया जा रहा है. वहीं नर्मदा से 34 के बजाय 36 एमजीडी पानी लिया जा रहा है. वहीं भोपाल महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि बढ़ते जल संकट को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए.

पानी की किल्लत से जूझता भोपाल

नगर निगम के अधिकारियों ने ये आंकड़े पेश किए हैं. इस समय राजधानी में जलापूर्ति के लिए 110 टैंकर लगाए गए हैं. इसमें से 29 टैंकर नगर निगम ने किराए पर लिए हुए हैं. इसके बावजूद भी जल संकट की स्थिति जस की तस बनी हुई है. भोपाल की लाइफ लाइन कहा जाने वाला बड़ा तालाब भी लगातार सिमटता जा रहा है. कोलार डैम में भी पानी खत्म होने की कगार पर है.

भोपाल महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि पिछले साल भोपाल में मानसून ठीक से नहीं आया था. जल संकट की स्थिति को उन्होंने भोपाल प्रभारी और मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह से मुलाकात की और उन से निवेदन किया था कि जल संकट को देखते हुए एक सर्वदलीय बैठक जल्द बुलाई जाए. क्योंकि इस समय भोपाल में पानी का संकट पैदा हो गया है और ऐसे मामलों को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए.

उन्होंने जनता से निवेदन किया है कि पानी का उपयोग कम से कम करें ताकि पानी बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में जल संकट की स्थिति ज्यादा पैदा होती हो उन क्षेत्रों में किराए से टैंकर लेकर पानी वितरित करने का काम भी लगातार नगर निगम कर रहा है.

Intro:बढ़ते जल संकट को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए बुलाई जानी चाहिए सर्वदलीय बैठक = भोपाल महापौर


भोपाल | राजधानी में जल संकट की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है .राजधानी के सभी बड़े जलाशय लगातार सूखते जा रहे हैं . नर्मदा और कोलार से 6 एमजीडी अतिरिक्त पानी लिया जा रहा है . नर्मदा से 34 के बजाय 36 एमजीडी पानी लिया जा रहा है . नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा एक दिन पहले ही यह आंकड़े पेश किए गए हैं . इस समय राजधानी में जलापूर्ति के लिए 110 टैंकर लगाए गए हैं इसमें से 29 टैंकर नगर निगम ने किराए पर लिए हुए हैं . इसके बावजूद भी जल संकट की स्थिति जस की तस बनी हुई है . भोपाल की लाइफ लाइन कहा जाने वाला बड़ा तालाब भी लगातार सिमट आ जा रहा है . कोलार डैम में भी पानी लगातार समाप्त हो रहा है .


Body:जल संकट को लेकर एक दिन पहले ही नगरीय प्रशासन विभाग ने बैठक ली थी . लेकिन इसके बावजूद भी कुछ खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है . वही भोपाल महापौर ने भी सरकार से मदद की गुहार लगाई थी लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल पाई है .

वही महापौर आलोक शर्मा को अब बरसात पर ही भरोसा नज़र आ रहा है . उनका मानना है कि 5 से 7 दिनों में मानसून राजधानी में सक्रिय हो जाएगा और जल संकट की स्थिति समाप्त हो जाएगी .


Conclusion:भोपाल महापौर आलोक शर्मा का कहना है कि यह बात सही है कि भोपाल में जल संकट की स्थिति है . पिछले वर्ष भी मानसून भोपाल में सही ढंग से नहीं आया था . जिसकी वजह से बारिश कम मात्रा में हुई थी . यही वजह रही कि भोपाल की लाइफ लाइन कहा जाने वाला बड़ा तालाब काफी हद तक खाली रह गया था . भोपाल में पिछले वर्ष 50 प्रतिशत ही जल संग्रहण हो पाया था . अभी फिलहाल भोपाल की जनता को कोलार डैम , नर्मदा , केरवा और बड़े तालाब से ही पानी वितरित किया जा रहा है . जल संकट की स्थिति को देखते हुए हमने भोपाल प्रभारी और मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह से मुलाकात की थी और उन से निवेदन किया था कि जल संकट को देखते हुए एक सर्वदलीय बैठक जल्द बुलाई जानी चाहिए . क्योंकि इस समय भोपाल में पानी का संकट पैदा हो गया है और ऐसे मामलों को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए . तमाम राजनीतिक विचारधाराओं से ऊपर उठकर जनप्रतिनिधियों को सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेना चाहिए और सभी के सुझाव के बाद ही हमें कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए .


उन्होंने कहा कि केरल में मानसून का आगाज हो चुका है . हमें पूरी उम्मीद है कि 5 से 7 दिनों में भोपाल में भी मानसून सक्रिय हो जाएगा और जो जल संकट की स्थिति निर्मित हो रही है उससे सभी को राहत मिल जाएगी .

उन्होंने जनता से निवेदन करते हुए कहा कि पानी का उपयोग कम से कम करें ताकि पानी को बचाया जा सके . उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में जल संकट की स्थिति ज्यादा निर्मित हो रही है उन क्षेत्रों में किराए से टैंकर लेकर पानी वितरित करने का काम भी लगातार नगर निगम भोपाल के द्वारा किया जा रहा है . हम जलापूर्ति की स्थिति पर पूरी तरह नजर बनाए हुए .
Last Updated : Jun 15, 2019, 11:52 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.