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MP शबे मेराज 17 व 18 फ़रवरी की रात को अक़ीदत से मनाने की तैयारी - शबे मेराज अक़ीदत से मनाने की तैयारी

पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद साहिब स.अ.व. के मेराज के आसमानी सफ़र की यादग़ार 'शबे मेराज' का परम्परागत पवित्र इस्लामी पर्व 17 व 18 फ़रवरी की दरम्यानी रात को प्रदेशभर में मनाया जाएगा. लाखों मुसलमान इस पवित्र पर्व को अ़कीदत के साथ मनाएंगे.

Shabe Meraj with devotion in MP
शबे मेराज 17 व 18 फ़रवरी की रात को
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Published : Feb 16, 2023, 3:10 PM IST

भोपाल। शबे मेराज की रात को अनेक स्थानों पर 'चिरागां' होगा. इसके साथ ही परम्परागत कुरानख़्वानी, दरूदख़्वानी, नियाज़ फ़ातेहा के जलसे एवं धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद साहिब की पवित्र मुकद्दस निशानियां मूए मुबारक़ की ज़ियारत की मेहफ़िलों सहित नातिया मेहफ़िलें और रूहानी मज़हबी जलसे भी होंगे. जिनमें पीरज़ादगान और उलेमा साहेबान की तक़रीरें होंगी. ऑल इण्डिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के चैयरमेन हज़रत पीरज़ादा डॉ.औसाफ़ शाहमीर खुर्रम मियॉं चिश्ती ने बताया कि इस्लामी मान्यता के अनुसार शबे मेराज में इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंम्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तुफ़ा स.अ.व. 1444 वर्ष पहले अपने रब्बुल आलमीन यानी अल्लाह पाक से मिलने के लिए आसमानों से भी ऊपर अर्श-ए-आज़म पर पहुंचे और इसी रात में मुलाक़ात करके दुनिया में वापस भी आए. इसीलिए मुस्लिम धर्मावलम्बियों में इस रात को विशेष इबादत करने का महत्व है. अनेक मुस्लिम बंधु शबे मेराज के मौके़ पर विशेष इबादत करने के साथ रोज़े भी रखते हैं.

कई जगहों पर सूफियाना क़व्वाली : उन्होंने बताया कि शबे मेराज में राजधानी सहित प्रदेश की अनेक मस्जिदों, ख़ानक़ाहों, दरग़ाहों, मदरसों, आस्तानों में मज़हबी जलसे और नातिया मेहफ़िलों के कार्यक्रम होते हैं. रोशनी चिरागां किया जाता है, तबर्रूक़ (प्रसाद) बांटा जाता है. कई जगह सूफियाना क़व्वाली की महफ़िलें भी होती हैं. जिनमें सभी मुस्लिम धर्मावलम्बी शामिल होकर परम्परात रूप से जश्न मनाते हैं और मज़हबी जलसों में उलेमा साहेबान अपनी तकरीरों में पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तुफ़ा स.अ.व. की मुकद्दस पवित्र जीवनी पर प्रकाश डालते हैं. उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से शबे मेराज का पवित्र पर्व आपसी सद्भाव भाईचारे और एकता के साथ परम्परागत तरीके़ से मनाने की अपील की है.

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भोपाल में 18 की शाम से ज़ियारत शुरू होगी : सुन्नी सक़लैनी जामा मस्जिद भोपाल के अध्यक्ष एवं ऑल इण्डिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी मध्यप्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष सूफ़ी नूरउद्दीन सक़लैनी ने बताया कि 18 फ़रवरी को शाम से ही जश्न-ए-शबे मेराज का परम्परागत रूहानी कार्यक्रम मस्जिद में शुरू होगा और इंशा की नमाज़ के बाद उलेमाओं की तक़रीरें होंगी. उसके बाद पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद स.अ.व. की पवित्र निशानियों की ज़ियारत शुरू होगी. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दूसरे दिन 19 फरवरी 2023 को सुबह से शाम तक महिलाओं के लिए भी ज़ियारत का कार्यक्रम होगा तथा सभी बहनों-बेटियों को और उनके साथ बच्चों को भी मूए मुबारक़ शरीफ़ के बाअदब दीदार कराए जाएंगे.

भोपाल। शबे मेराज की रात को अनेक स्थानों पर 'चिरागां' होगा. इसके साथ ही परम्परागत कुरानख़्वानी, दरूदख़्वानी, नियाज़ फ़ातेहा के जलसे एवं धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद साहिब की पवित्र मुकद्दस निशानियां मूए मुबारक़ की ज़ियारत की मेहफ़िलों सहित नातिया मेहफ़िलें और रूहानी मज़हबी जलसे भी होंगे. जिनमें पीरज़ादगान और उलेमा साहेबान की तक़रीरें होंगी. ऑल इण्डिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के चैयरमेन हज़रत पीरज़ादा डॉ.औसाफ़ शाहमीर खुर्रम मियॉं चिश्ती ने बताया कि इस्लामी मान्यता के अनुसार शबे मेराज में इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंम्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तुफ़ा स.अ.व. 1444 वर्ष पहले अपने रब्बुल आलमीन यानी अल्लाह पाक से मिलने के लिए आसमानों से भी ऊपर अर्श-ए-आज़म पर पहुंचे और इसी रात में मुलाक़ात करके दुनिया में वापस भी आए. इसीलिए मुस्लिम धर्मावलम्बियों में इस रात को विशेष इबादत करने का महत्व है. अनेक मुस्लिम बंधु शबे मेराज के मौके़ पर विशेष इबादत करने के साथ रोज़े भी रखते हैं.

कई जगहों पर सूफियाना क़व्वाली : उन्होंने बताया कि शबे मेराज में राजधानी सहित प्रदेश की अनेक मस्जिदों, ख़ानक़ाहों, दरग़ाहों, मदरसों, आस्तानों में मज़हबी जलसे और नातिया मेहफ़िलों के कार्यक्रम होते हैं. रोशनी चिरागां किया जाता है, तबर्रूक़ (प्रसाद) बांटा जाता है. कई जगह सूफियाना क़व्वाली की महफ़िलें भी होती हैं. जिनमें सभी मुस्लिम धर्मावलम्बी शामिल होकर परम्परात रूप से जश्न मनाते हैं और मज़हबी जलसों में उलेमा साहेबान अपनी तकरीरों में पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तुफ़ा स.अ.व. की मुकद्दस पवित्र जीवनी पर प्रकाश डालते हैं. उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से शबे मेराज का पवित्र पर्व आपसी सद्भाव भाईचारे और एकता के साथ परम्परागत तरीके़ से मनाने की अपील की है.

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भोपाल में 18 की शाम से ज़ियारत शुरू होगी : सुन्नी सक़लैनी जामा मस्जिद भोपाल के अध्यक्ष एवं ऑल इण्डिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी मध्यप्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष सूफ़ी नूरउद्दीन सक़लैनी ने बताया कि 18 फ़रवरी को शाम से ही जश्न-ए-शबे मेराज का परम्परागत रूहानी कार्यक्रम मस्जिद में शुरू होगा और इंशा की नमाज़ के बाद उलेमाओं की तक़रीरें होंगी. उसके बाद पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद स.अ.व. की पवित्र निशानियों की ज़ियारत शुरू होगी. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दूसरे दिन 19 फरवरी 2023 को सुबह से शाम तक महिलाओं के लिए भी ज़ियारत का कार्यक्रम होगा तथा सभी बहनों-बेटियों को और उनके साथ बच्चों को भी मूए मुबारक़ शरीफ़ के बाअदब दीदार कराए जाएंगे.

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