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MP पुलिस को बड़ी उपलब्धि, गुजरात-राजस्थान को पीछे छोड़ देश में पाया पहला स्थान

मध्यप्रदेश पुलिस ने दो बड़ी उपलब्धि हासिल की है. मप्र पुलिस की दो ट्रेनिंग एकेडमी को जोन और देश में अव्वल स्थान मिला है. इसके लिए करीब 80 मापदंडों पर खरा उतरना पड़ा. प्रदेश पुलिस को यह मुकाम गुजरात, राजस्थान और गोवा को टक्कर देने के बाद मिला.

Madhya Pradesh Police
एमपी पुलिस को बड़ी उपलब्धि
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Published : Apr 11, 2023, 7:47 PM IST

भोपाल। इतने ऊंचे उठो कि, जितना ऊंचा उठा गगन है. यह स्लोगन मप्र पुलिस एकेडमी भोपाल का है. इसी स्लोगन की तरह इस एकेडमी ने अपना स्थान जोन में प्रथम बनाया है. न केवल मप्र पुलिस एकेडमी, बल्कि पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पचमढ़ी को भी अव्वल स्थान मिला है. भौरी स्थित मप्र पुलिस अकेडमी को डीएसपी और एसआई की ट्रेनिंग बेहतर ढंग से कराने के साथ कैंपस में सभी मापदंडों का ख्याल रखने के लिए अव्वल स्थान मिला तो वेस्टर्न जोन में आरक्षकों का सर्वेश्रेष्ठ प्रशिक्षण केंद्र पुलिस प्रशिक्षण शाला पचमढ़ी को चुना गया है.

केंद्रीय गृहमंत्री ने दी ट्राफी: इन्हें यह स्थान ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एवं डेवलपमेंट द्वारा किए गए आकलन के बाद मिला है. यह टीम देशभर के पुलिस प्रशिक्षण संस्थानाें में उत्कृष्ट प्रशिक्षण का आकलन करती है. मप्र पुलिस एकेडमी को वर्ष 2021-22 के लिए यह स्थान मिला है. विजेता बनने के बाद अकेडमी को केंद्रीय गृहमंत्री ट्राफी प्रदान की गई है. अकेडमी के डिप्टी डायरेक्टर मलय जैन बताते हैं कि मप्र के साथ वेस्टर्न जोन में राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्य शामिल थे, लेकिन केरल और कर्नाटक से जो टीम आई. उन्होंने हमारी केपिसिटी, ट्रेनिंग वैरायटी, मेंटनेंस, हाइजीन आदि देखा और पाया कि सभी मापदंड में हम परफेक्ट हैं. टीम वर्क के कारण हमें यह अवार्ड मिल पाया.

Madhya Pradesh Police
एमपी पुलिस को बड़ी उपलब्धि

100 एकड़ में फैली है एकेडमी: डीएसपी और एसआई की ट्रेनिंग के लिए मप्र पुलिस अकादमी की स्थापना वर्ष 2013 में हुई. इसे राजधानी भोपाल के भौंरी एरिया में शुरू किया गया. जबकि मप्र में सबसे पुराना ट्रेनिंग सेंटर पचमढ़ी में है, जो 1948 में शुरू किया गया था. मप्र पुलिस अकादमी भोपाल शहर से 25 किमी दूर स्थित है और लगभग 100 एकड़ के परिसर में फैली हुई है.

यह है ट्रेनिंग मॉड्यूल: मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण के लिए विशेष कोर्स डिजाइन किए गए हैं. जो डीएसपी और एसआई को फिजिकली एवं मेंटली फिट बनाते हैं. इसमें सीधे भर्ती हुए पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी), पुलिस उप निरीक्षकों (एसआई), सीधे भर्ती से आए सूबेदारों का बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जाता है. इसके अलावा अनुसचिवीय कर्मचारियों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाता है. पुलिस विभाग के बाबू और स्टेनो के साथ कांस्टेबलों के लिए भी यहां कोर्स हैं. एडिशनल एसपी रैंक में पदोन्नत डीएसपी का इंडक्शन ट्रेनिंग, डीएसपी रैंक पर पदोन्नत निरीक्षकों का प्रेरण प्रशिक्षण और ऊर्जा महिला सहायता डेस्क के लिए हेल्प डेस्क सेवा प्रदाताओं का प्रशिक्षण कराया जाता है. पुलिस अधिकारियों के लिए सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग मॉड्यूल दिया गया है. इसमें साइबर अपराध जांच मॉड्यूल और नैतिकता और मानवाधिकार पाठ्यक्रम शामिल हैं. यौन उत्पीड़न जागरूकता प्रशिक्षण, पुलिस अधिकारियों के लिए लैंगिक न्याय प्रशिक्षण, पुलिस अधिकारियों के लिए बाल संरक्षण प्रशिक्षण, पुलिस अधिकारियों के लिए भावनात्मक खुफिया प्रशिक्षण आदि कोर्स भी यहां चलते हैं.

भोपाल। इतने ऊंचे उठो कि, जितना ऊंचा उठा गगन है. यह स्लोगन मप्र पुलिस एकेडमी भोपाल का है. इसी स्लोगन की तरह इस एकेडमी ने अपना स्थान जोन में प्रथम बनाया है. न केवल मप्र पुलिस एकेडमी, बल्कि पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पचमढ़ी को भी अव्वल स्थान मिला है. भौरी स्थित मप्र पुलिस अकेडमी को डीएसपी और एसआई की ट्रेनिंग बेहतर ढंग से कराने के साथ कैंपस में सभी मापदंडों का ख्याल रखने के लिए अव्वल स्थान मिला तो वेस्टर्न जोन में आरक्षकों का सर्वेश्रेष्ठ प्रशिक्षण केंद्र पुलिस प्रशिक्षण शाला पचमढ़ी को चुना गया है.

केंद्रीय गृहमंत्री ने दी ट्राफी: इन्हें यह स्थान ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एवं डेवलपमेंट द्वारा किए गए आकलन के बाद मिला है. यह टीम देशभर के पुलिस प्रशिक्षण संस्थानाें में उत्कृष्ट प्रशिक्षण का आकलन करती है. मप्र पुलिस एकेडमी को वर्ष 2021-22 के लिए यह स्थान मिला है. विजेता बनने के बाद अकेडमी को केंद्रीय गृहमंत्री ट्राफी प्रदान की गई है. अकेडमी के डिप्टी डायरेक्टर मलय जैन बताते हैं कि मप्र के साथ वेस्टर्न जोन में राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्य शामिल थे, लेकिन केरल और कर्नाटक से जो टीम आई. उन्होंने हमारी केपिसिटी, ट्रेनिंग वैरायटी, मेंटनेंस, हाइजीन आदि देखा और पाया कि सभी मापदंड में हम परफेक्ट हैं. टीम वर्क के कारण हमें यह अवार्ड मिल पाया.

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एमपी पुलिस को बड़ी उपलब्धि

100 एकड़ में फैली है एकेडमी: डीएसपी और एसआई की ट्रेनिंग के लिए मप्र पुलिस अकादमी की स्थापना वर्ष 2013 में हुई. इसे राजधानी भोपाल के भौंरी एरिया में शुरू किया गया. जबकि मप्र में सबसे पुराना ट्रेनिंग सेंटर पचमढ़ी में है, जो 1948 में शुरू किया गया था. मप्र पुलिस अकादमी भोपाल शहर से 25 किमी दूर स्थित है और लगभग 100 एकड़ के परिसर में फैली हुई है.

यह है ट्रेनिंग मॉड्यूल: मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण के लिए विशेष कोर्स डिजाइन किए गए हैं. जो डीएसपी और एसआई को फिजिकली एवं मेंटली फिट बनाते हैं. इसमें सीधे भर्ती हुए पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी), पुलिस उप निरीक्षकों (एसआई), सीधे भर्ती से आए सूबेदारों का बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जाता है. इसके अलावा अनुसचिवीय कर्मचारियों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाता है. पुलिस विभाग के बाबू और स्टेनो के साथ कांस्टेबलों के लिए भी यहां कोर्स हैं. एडिशनल एसपी रैंक में पदोन्नत डीएसपी का इंडक्शन ट्रेनिंग, डीएसपी रैंक पर पदोन्नत निरीक्षकों का प्रेरण प्रशिक्षण और ऊर्जा महिला सहायता डेस्क के लिए हेल्प डेस्क सेवा प्रदाताओं का प्रशिक्षण कराया जाता है. पुलिस अधिकारियों के लिए सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग मॉड्यूल दिया गया है. इसमें साइबर अपराध जांच मॉड्यूल और नैतिकता और मानवाधिकार पाठ्यक्रम शामिल हैं. यौन उत्पीड़न जागरूकता प्रशिक्षण, पुलिस अधिकारियों के लिए लैंगिक न्याय प्रशिक्षण, पुलिस अधिकारियों के लिए बाल संरक्षण प्रशिक्षण, पुलिस अधिकारियों के लिए भावनात्मक खुफिया प्रशिक्षण आदि कोर्स भी यहां चलते हैं.

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