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हाई कोर्ट को आदेश के लिए मजबूर न करे सरकार, मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा की परिपालन रिपोर्ट करे पेश - madhya pradesh High court double bench expressed displeasure

भोपाल गैस त्रासदी केस की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की युगल पीठ ने नाराजगी (madhya pradesh High court double bench expressed displeasure) जताई है, साथ ही राज्य सरकार को चेतावनी भी दी है और मॉनीटरिंग कमेटी की अनुशंसा परिपालन रिपोर्ट भी तलब किया है.

bhopal gas tragedy
भोपाल गैस त्रासदी केस
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Published : Jan 17, 2022, 7:37 PM IST

जबलपुर। भोपाल गैस त्रासदी केस की मॉनिटरिंग कमेटी की अब तक की अनुशंसा पर विस्तृत परिपालन रिपोर्ट पेश करने का आदेश (Bhopal Gas Tragedy Case Update) हाई कोर्ट ने दिया है. हाई कोर्ट के जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस सुनीता यादव ने याचिका पर अगली सुनवाई 14 फरवरी को निर्धारित की है. सर्वाेच्च न्यायालय ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन व अन्य की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनार्वास संबंधी 20 निर्देश जारी किये थे.

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मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा का नहीं हुआ पालन

सुप्रीम कोर्ट ने 20 बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी गठित करने का आदेश दिया था. मॉनिटरिंग कमेटी हर तीसरे महीने अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष पेश करती, ताकि रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश दे सके. उक्त याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की. याचिका लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा का राज्य सरकार ने परिपालन नहीं किया था, जिसके खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गयी थी. अवमानना में कहा गया कि सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशों का परिपालन केन्द्र व राज्य सरकार नहीं कर रही हैं.

आदेश के लिए मजबूर न करे सरकार

गैस त्रासदी पीड़ितों के हेल्थ कार्ड तक नहीं बने हैं, इसके अलावा अस्पतालों में अवश्यकता अनुसार उपकरण व दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. बीएमएचआरसी के भर्ती नियम निर्धारित होने के कारण डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टॉफ स्थाई तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं. पूर्व में पेश की गयी परिपालन रिपोर्ट पर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त की थी. कैंसर के अलावा अन्य बीमारियों का समुचित उपचार नहीं मिलने पर युगलपीठ ने तल्ख टिप्पणी करने हुए कहा है कि मजबूरन हमें यह आदेश पारित न करना पड़े कि पीड़ित अपनी मर्जी से किसी भी अस्पताल में उपचार करवायें और उनका खर्च सरकार उठायेगी.

हाई कोर्ट ने तलब की विस्तृत रिपोर्ट

याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने केन्द्र व राज्य सरकार को आदेशित किया है कि अब तक मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा पेश की गयी 18 त्रैमासिक रिपोर्ट में कितनी अनुशंसा (high court hearing of Bhopal gas tragedy case) की गयी है और कितनी अनुशंसाओं का परिपालन किया गया है, इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करें. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ तथा अधिवक्ता राजेश चंद्र उपस्थित हुए.

जबलपुर। भोपाल गैस त्रासदी केस की मॉनिटरिंग कमेटी की अब तक की अनुशंसा पर विस्तृत परिपालन रिपोर्ट पेश करने का आदेश (Bhopal Gas Tragedy Case Update) हाई कोर्ट ने दिया है. हाई कोर्ट के जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस सुनीता यादव ने याचिका पर अगली सुनवाई 14 फरवरी को निर्धारित की है. सर्वाेच्च न्यायालय ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन व अन्य की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनार्वास संबंधी 20 निर्देश जारी किये थे.

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मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा का नहीं हुआ पालन

सुप्रीम कोर्ट ने 20 बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी गठित करने का आदेश दिया था. मॉनिटरिंग कमेटी हर तीसरे महीने अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष पेश करती, ताकि रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश दे सके. उक्त याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की. याचिका लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा का राज्य सरकार ने परिपालन नहीं किया था, जिसके खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गयी थी. अवमानना में कहा गया कि सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशों का परिपालन केन्द्र व राज्य सरकार नहीं कर रही हैं.

आदेश के लिए मजबूर न करे सरकार

गैस त्रासदी पीड़ितों के हेल्थ कार्ड तक नहीं बने हैं, इसके अलावा अस्पतालों में अवश्यकता अनुसार उपकरण व दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. बीएमएचआरसी के भर्ती नियम निर्धारित होने के कारण डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टॉफ स्थाई तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं. पूर्व में पेश की गयी परिपालन रिपोर्ट पर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त की थी. कैंसर के अलावा अन्य बीमारियों का समुचित उपचार नहीं मिलने पर युगलपीठ ने तल्ख टिप्पणी करने हुए कहा है कि मजबूरन हमें यह आदेश पारित न करना पड़े कि पीड़ित अपनी मर्जी से किसी भी अस्पताल में उपचार करवायें और उनका खर्च सरकार उठायेगी.

हाई कोर्ट ने तलब की विस्तृत रिपोर्ट

याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने केन्द्र व राज्य सरकार को आदेशित किया है कि अब तक मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा पेश की गयी 18 त्रैमासिक रिपोर्ट में कितनी अनुशंसा (high court hearing of Bhopal gas tragedy case) की गयी है और कितनी अनुशंसाओं का परिपालन किया गया है, इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करें. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ तथा अधिवक्ता राजेश चंद्र उपस्थित हुए.

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