भोपाल। कमलनाथ सरकार ने अपने वादे के मुताबिक प्रदेश के किसानों को कर्ज तो माफ कर दिया, लेकिन सूबे की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई. सरकार ने एक बार फिर एक हजार करोड़ रुपये का ऋण लिया है, ताकि प्रदेश में संचालित विकास की योजनाओं को पूरा किया जा सके. पिछले 8 माह में सरकार बाजार से 12 हजार 6 सौ करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. इस वित्तीय वर्ष में ही प्रदेश सरकार ने कुल 6 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है.
मध्य प्रदेश की माली हालत को देखते हुए सरकार वित्तीय प्रबंधन को ठीक करने की में जुटी है. सरकार जहां नए आय के स्रोत तलाशने की कोशिश कर रही है, तो वहीं खर्चों पर लगाम लगाए हुए हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ और वित्त मंत्री तरुण भनोत वित्तीय प्रबंधन की निगरानी कर रहे हैं. सरकार ने प्रमुख विभागों को विशेष दर्जा देकर उनके मासिक खर्च की सीमा भी तय कर दी है, ताकि इन बेहतर तरीके से बजट का उपयोग किया जा सके और फिजूलखर्ची रोकी जा सके.