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टाइगर स्टेट के बाद एमपी बना घड़ियाल स्टेट, 1255 पहुंची घड़ियालों की संख्या - MP got the status of Alligator State

मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट के बाद अब घड़ियाल स्टेट का भी दर्जा हासिल कर लिया है. वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चंबल नदी में 1255 घड़ियाल पाए गए हैं.

MP got the status of Alligator  State after Tiger State
एमपी को मिला घड़ियाल स्टेट का दर्जा
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Published : Feb 3, 2020, 6:38 PM IST

Updated : Feb 3, 2020, 8:00 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश को 526 बाघों के साथ ही जहां एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है. वहीं अब राज्य को जलीय जीव के संरक्षण के मामले में भी बड़ी उपलब्धि मिली है. वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक चंबल नदी में 1255 घड़ियाल पाए गए हैं. वहीं बिहार की गंडक नदी में 255 घड़ियाल मिले हैं. लिहाजा मध्य प्रदेश ने घड़ियाल स्टेट का दर्जा भी हासिल कर लिया है.

एमपी को मिला घड़ियाल स्टेट का दर्जा

दुनिया भर में घड़ियालों की संख्या में अस्सी के दशक में भारी कमी आई थी. खुद दौरान 200 घड़ियाल ही बचे थे, उस समय देश में 96 और चंबल में गलियारों के संख्या 46 की गई थी. उसके बाद मुरैना जिले में चंबल नदी के 435 किलोमीटर क्षेत्र को चंबल घड़ियाल अभ्यारण घोषित किया गया था.

चंबल नदी में घड़ियाल ओं की वृद्धि में बड़ी वजह देवरी इको सेंटर है. यहां घड़ियाल के अंडे लाए जाते हैं और उन से बच्चे निकलने के बाद उनका पालन पोषण किया जाता है. जब घड़ियाल की उम्र 3 साल हो जाती है तब उन्हें चंबल नदी में छोड़ दिया जाता है. हर साल लगभग 200 घड़ियाल को ग्रो एंड रिलीज कार्यक्रम के तहत चंबल नदी में छोड़ा जाता है.

भोपाल। मध्य प्रदेश को 526 बाघों के साथ ही जहां एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है. वहीं अब राज्य को जलीय जीव के संरक्षण के मामले में भी बड़ी उपलब्धि मिली है. वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक चंबल नदी में 1255 घड़ियाल पाए गए हैं. वहीं बिहार की गंडक नदी में 255 घड़ियाल मिले हैं. लिहाजा मध्य प्रदेश ने घड़ियाल स्टेट का दर्जा भी हासिल कर लिया है.

एमपी को मिला घड़ियाल स्टेट का दर्जा

दुनिया भर में घड़ियालों की संख्या में अस्सी के दशक में भारी कमी आई थी. खुद दौरान 200 घड़ियाल ही बचे थे, उस समय देश में 96 और चंबल में गलियारों के संख्या 46 की गई थी. उसके बाद मुरैना जिले में चंबल नदी के 435 किलोमीटर क्षेत्र को चंबल घड़ियाल अभ्यारण घोषित किया गया था.

चंबल नदी में घड़ियाल ओं की वृद्धि में बड़ी वजह देवरी इको सेंटर है. यहां घड़ियाल के अंडे लाए जाते हैं और उन से बच्चे निकलने के बाद उनका पालन पोषण किया जाता है. जब घड़ियाल की उम्र 3 साल हो जाती है तब उन्हें चंबल नदी में छोड़ दिया जाता है. हर साल लगभग 200 घड़ियाल को ग्रो एंड रिलीज कार्यक्रम के तहत चंबल नदी में छोड़ा जाता है.

Intro:भोपाल- मध्य प्रदेश को 526 बाघों के साथ ही जहां एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है। वहीं अब राज्य को जलीय जीव के संरक्षण के मामले में भी बड़ी उपलब्धि मिली है। वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक चंबल नदी में 1255 घड़ियाल पाए गए हैं। वहीं बिहार की गंडक नदी में 255 घड़ियाल मिले हैं। लिहाजा मध्य प्रदेश ने घड़ियाल स्टेट का दर्जा भी हासिल कर लिया है।


Body:दुनिया भर में घड़ियालो की संख्या में अस्सी के दशक में भारी कमी आई थी। खुद दौरान 200 घड़ियाल ही बचे थे उस समय देश में 96 और चंबल में गलियारों के संख्या 46 की गई थी। उसके बाद मुरैना जिले में चंबल नदी के 435 किलोमीटर क्षेत्र को चंबल घड़ियाल अभ्यारण घोषित किया गया था। चंबल नदी मध्य प्रदेश राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बहती है। चंबल नदी में घड़ियाल ओं की वृद्धि में बड़ी वजह देवरी इको सेंटर है। यहां घड़ियाल के अंडे लाए जाते हैं और उन से बच्चे निकलने के बाद उनका पालन पोषण किया जाता है। जब घड़ियाल की उम्र 3 साल हो जाती है तब उन्हें चंबल नदी में छोड़ दिया जाता है। हर साल लगभग 200 घड़ियाल को ग्रो एंड रिलीज कार्यक्रम के तहत चंबल नदी में छोड़ा जाता है।


Conclusion:देश की कई नदियों में घड़ियाल पाए जाते हैं पर उनकी संख्या दहाई के आंकड़े तक भी नहीं है। घड़ियाल साफ और गहरे पानी में ही रहते हैं यह बेहद शर्मीले होते हैं और अन्य जीवो से दूरी बनाकर रखते हैं। यह समूह में रहते हैं चंबल नदी में घड़ियाल पर्यटकों के आकर्षण का भी केंद्र रहते हैं।
Last Updated : Feb 3, 2020, 8:00 PM IST
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