भोपाल। बेहतर काम करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने महापुरुषों के नाम पर पुरस्कार और सम्मान तो कई शुरू किए, लेकिन बीते कई सालों से इनमें से कई पुरस्कार दिए ही नहीं जा सके हैं. खासतौर से युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए दिए जाने वाले शंकराचार्य, गुरु नानक, गौतम बुद्ध, रहीम राज्य स्तरीय पुरस्कार शामिल है. यह सम्मान पिछले 5 सालों से नहीं दिए जा सके. इसके अलावा सांप्रदायिक सौहार्द के लिए स्थापित इंदिरा गांधी पुरस्कार कर्मचारियों को दिए जाने वाला सम्मान भी पिछले 3 सालों से नहीं दिया गया है.
संत महापुरुषों के नाम पर दिए जाते हैं पांच पुरस्कार
मध्य प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा करीब एक दर्जन पुरस्कार दिए जाते हैं. इनमें सांप्रदायिक सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण, महिला एवं बच्चों के विकास, सामाजिक चेतना, ग्रामीण विकास आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाली युवाओं के लिए वर्ष 2005 में पांच राज्य स्तरीय सम्मान शुरू किए गए थे. इनमें कबीर राज्य सम्मान पुरस्कार, शंकराचार्य सम्मान पुरस्कार, गुरुनानक राज्य सम्मान पुरस्कार, गौतम बुद्ध राज्य सम्मान पुरस्कार, रहीम राज्य सम्मान पुरस्कार शामिल थे. इसके तहत 50000 रुपए की राशि दी जाती है. 2015 के बाद के सम्मानों की घोषणा नहीं की जा सकी है. 2015 का गुरु नानक राज्य सम्मान पिछले दिनों भिंड के राघव सिंह राठौड़ और रहीम राज्य सम्मान शुजालपुर के पुरुषोत्तम पारवानी को दिया गया है.
कर्मचारियों को भी पुरस्कार का इंतजार
बेहतर काम करने वाले प्रदेश के कर्मचारियों को भी पुरस्कार का इंतजार है. 2007 में शुरू किए गए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार पिछले 4 सालों से नहीं दिया गया है. इस पुरस्कार के तहत पहले स्थान पर आने वाले को 1 लाख रुपए, दूसरे स्थान के लिए 50000 रुपए और तीसरे स्थान के लिए 25000 रुपए की राशि दी जाती है. यह सम्मान 2016-17 से नहीं दिया गया है. वहीं पिछले दिनों राज्य सरकार ने एक और नया सुभाष चंद्र बोस सम्मान दिए जाने का ऐलान किया है. उधर राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने पिछले 4 सालों से पुरस्कार ना दिए जाने को लेकर निराशा जताई है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इन पुरस्कारों की घोषणा जल्द की जानी चाहिए.
इन पुरस्कारों की यही स्थिति
- उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को स्वर्गीय देवी प्रसाद शर्मा पुरस्कार 2017 से नहीं दिया गया.
- तृतीय वर्ग कर्मचारियों के लिए शुरू किए गए सुशील चंद्र सम्मान भी 2019-20 का नहीं दिया गया.
- भैयालाल गंगवाल के नाम पर स्थापित सद्भावना पुरस्कार 2017 से नहीं दिया गया.
- इंदिरा गांधी के नाम पर बच्चों को छात्रवृत्ति देने के लिए स्थापित सांप्रदायिक सौहार्द पुरस्कार 2018 से नहीं दिया गया.
- संस्कृति विभाग द्वारा दिया जाने वाला राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान और राष्ट्रीय तानसेन सम्मान 2018 से नहीं दिया गया.
जल्द दिए जाएंगे पुरस्कार- सामान्य प्रशासन विभाग
संस्कृति विभाग अलग-अलग विधाओं के लिए 32 पुरस्कार देती है. उधर सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार का कहना है कि पुरस्कारों को लेकर प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही यह पुरस्कार दिए जाएंगे. उधर सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार का कहना है कि पुरस्कारों को लेकर प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही सम्मानों की घोषणा की जाएगी.