ETV Bharat / state

किसानों के खाते में आई मामूली फसल बीमा राशि पर भड़की कांग्रेस, सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग

शिवराज सरकार ने किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि डालने का काम शुरू कर दिया है. पहले दिन जब किसानों के खाते में बीमा की राशि पहुंची तो कई चौंकाने वाली खबरें सामने आई हैं.किसान संगठनों का दावा है कि देवास जिले में तो किसानों के खाते में 6 और 7 रूपये तक की बीमा राशि आई है. इसे लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार को निशाने पर लिया है. पढ़िए पूरी खबर...

author img

By

Published : Sep 19, 2020, 12:34 AM IST

Chief Minister Shivraj Singh Chauhan
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने बड़े जोर शोर से किसानों के खाते में बीमा राशि डालने का एलान किया था. उज्जैन में विशेष कार्यक्रम के तहत फसल बीमा की राशि डालने का काम किया गया. जब किसानों के खाते में बीमा की राशि पहुंची है तो कई चौंकाने वाली खबरें अलग-अलग इलाकों से सामने आईं. किसान संगठनों का दावा है कि देवास जिले में तो किसानों के खाते में 6 और 7 रूपये तक की बीमा राशि आई है. एक तरफ किसान संगठन जहां सरकार से किसानों के साथ भद्दा मजाक करने का आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस इस मामले की जांच कर श्वेत पत्र जारी करने की मांग कर रही है.

फसल बीमा भुगतान की राशि पर भड़की कांग्रेस

कांग्रेस का कहना है कि शाजापुर जिले में फसल बीमा की कुछ 410 करोड़ रुपए राशि किसानों के खाते में डाली जानी थी, लेकिन महज 276 करोड़ रुपए राशि दी गई है. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि शाजापुर जिले के किसानों के खाते में 410 करोड़ रूपए की बीमा राशि डालनी जानी थी, लेकिन जब बीमा की राशि शाजापुर जिले के किसानों के खाते में डाली गई तो सिर्फ 276 करोड रुपए की राशि डाली गई है.

कई किसानों को 100 रूपये तक बीमा हासिल नहीं हुआ है. खंडवा जिले के कई किसानों के खाते में 100 रूपये से कम राशि आई है. भारतीय किसान यूनियन का दावा है कि देवास जिले में तो कई किसानों के खाते में महज 6 और 7 रूपये तक बीमा की राशि आई है. भारतीय किसान यूनियन की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि किसानों में सुबह से बड़ा उत्साह था कि बीमा राशि किसानों के खाते में आएगी और किसानों को खेती करना बड़ा आसान हो जाएगा. जो फसलों का नुकसान हुआ है. उससे भी थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन जैसे ही किसानों के खाते में बीमा राशि आती है, तो पता चला कि किसी को 50 और किसी को 100 रूपये बीमा हासिल होता है. देवास के किसानों के खाते में 6 और 7 रूपये आ रहे हैं. किस प्रकार का भद्दा मजाक सरकार ने किया, किस प्रकार की राहत राशि बीमा राशि किसानों को दी गई है और किस प्रकार सर्वे किया गया है. यह सब सोचने का विषय है.

कुणाल चौधरी ने सरकार को आड़े हाथों लिया

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में बीमा राशि किसानों के खाते में डाला गया है. उसके बारे में सरकार स्पष्ट करे कि किस प्रकार किस जगह पर कितनी बीमा राशि डाली गई है, क्योंकि शाजापुर में 410 करोड़ बीमा की पहली सूची आई थी, लेकिन 276 करोड़ रुपए की राशि डाली गई है.

भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने बड़े जोर शोर से किसानों के खाते में बीमा राशि डालने का एलान किया था. उज्जैन में विशेष कार्यक्रम के तहत फसल बीमा की राशि डालने का काम किया गया. जब किसानों के खाते में बीमा की राशि पहुंची है तो कई चौंकाने वाली खबरें अलग-अलग इलाकों से सामने आईं. किसान संगठनों का दावा है कि देवास जिले में तो किसानों के खाते में 6 और 7 रूपये तक की बीमा राशि आई है. एक तरफ किसान संगठन जहां सरकार से किसानों के साथ भद्दा मजाक करने का आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस इस मामले की जांच कर श्वेत पत्र जारी करने की मांग कर रही है.

फसल बीमा भुगतान की राशि पर भड़की कांग्रेस

कांग्रेस का कहना है कि शाजापुर जिले में फसल बीमा की कुछ 410 करोड़ रुपए राशि किसानों के खाते में डाली जानी थी, लेकिन महज 276 करोड़ रुपए राशि दी गई है. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि शाजापुर जिले के किसानों के खाते में 410 करोड़ रूपए की बीमा राशि डालनी जानी थी, लेकिन जब बीमा की राशि शाजापुर जिले के किसानों के खाते में डाली गई तो सिर्फ 276 करोड रुपए की राशि डाली गई है.

कई किसानों को 100 रूपये तक बीमा हासिल नहीं हुआ है. खंडवा जिले के कई किसानों के खाते में 100 रूपये से कम राशि आई है. भारतीय किसान यूनियन का दावा है कि देवास जिले में तो कई किसानों के खाते में महज 6 और 7 रूपये तक बीमा की राशि आई है. भारतीय किसान यूनियन की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि किसानों में सुबह से बड़ा उत्साह था कि बीमा राशि किसानों के खाते में आएगी और किसानों को खेती करना बड़ा आसान हो जाएगा. जो फसलों का नुकसान हुआ है. उससे भी थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन जैसे ही किसानों के खाते में बीमा राशि आती है, तो पता चला कि किसी को 50 और किसी को 100 रूपये बीमा हासिल होता है. देवास के किसानों के खाते में 6 और 7 रूपये आ रहे हैं. किस प्रकार का भद्दा मजाक सरकार ने किया, किस प्रकार की राहत राशि बीमा राशि किसानों को दी गई है और किस प्रकार सर्वे किया गया है. यह सब सोचने का विषय है.

कुणाल चौधरी ने सरकार को आड़े हाथों लिया

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में बीमा राशि किसानों के खाते में डाला गया है. उसके बारे में सरकार स्पष्ट करे कि किस प्रकार किस जगह पर कितनी बीमा राशि डाली गई है, क्योंकि शाजापुर में 410 करोड़ बीमा की पहली सूची आई थी, लेकिन 276 करोड़ रुपए की राशि डाली गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.