भोपाल। मध्यप्रदेश को एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने की उम्मीद जगी है. 29 जुलाई बाघ दिवस को आने वाली रिपोर्ट में इसके आंकड़े सर्वजनिक होंगे. स्टेट फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ने फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून को एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें प्रदेश में बाघों की संख्या में अच्छी बढ़ोतरी बताई गई है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश में बाघों की संख्या में अच्छी बढ़ोतरी हुई है. प्रदेश में 9 हजार में से 1,432 बीट में बाघों की मौजूदगी पाई गई. रिपोर्ट के आंकड़ों से विभागीय मंत्री उमंग सिंघार भी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि 29 जुलाई को आने वाली रिपोर्ट प्रदेश के लिए सुखद होगी.
कैमरों में कैद की गई बाघों की तस्वीर
स्टेट फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ने जंगलों में बाघों की गणना के लिए अलग-अलग एंगल पर कैमरे लगाए. एक बीट से दूसरे बीट में कर्मचारियों को भेजा. रिपोर्ट में बताया गया है कि राष्ट्रीय उद्यान सेंक्चुरी के कोर एरिया और बफर जोन के अलावा दूसरे वन क्षेत्रों में भी बाघों की मौजूदगी की तस्वीरें कैमरे में कैद हुई हैं.
1,432 बीट में पाई गई बाघों की मौजूदगी
नेशनल पार्क के अलावा सबसे ज्यादा बाघों की संख्या रातापानी अभयारण्य में पाई गई है. जाहिर है कि बाघ उन क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं, जहां उनकी मौजूदगी पहले कभी नहीं रही. 5 साल पहले 2014 में गणना के दौरान सिर्फ 717 बीट में ही बाघों की मौजूदगी पाई गई थी, जबकि पिछले साल 1,432 बीट में बाघों की मौजूदगी पाई गई है.
400 पार हो सकता है बाघों का आंकड़ा
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में तीन अलग-अलग स्थानों पर बाघों के 9 शावकों का भी पता चला है. उम्मीद जताई जा रही है कि बांधवगढ़ में बाघों की संख्या 100 से ज्यादा हो सकती है. इनमें वयस्क बाघों की संख्या करीब 70 है. कान्हा नेशनल पार्क के बालाघाट के जंगलों में बाघों की संख्या करीब 30 है. देखा जाए तो देशभर में बाघों की संख्या 2,226 है. इसमें मध्यप्रदेश में संख्या 340 है. माना जा रहा है कि पिछले इस माह के अंत में जारी होने वाली रिपोर्ट में बाघों की संख्या का आंकड़ा 400 के पार हो सकता है.