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लोकसभा चुनाव की कमान फिर कमलनाथ को, विधानसभा चुनाव में हार पर नेताओं ने इन मुद्दों को ठहराया जिम्मेदार

Lok sabha election 2024 Kamal Nath get responsibility of mission 29: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कमलनाथ को एक बार फिर जिम्मेदारी सौंप दी गई है.दिल्ली में हुई बैठक में आलाकमान ने कमलनाथ पर एक बार फिर भरोसा जताया है.वहीं विधानसभा चुनाव में हार को लेकर नेताओं ने अलग-अलग तर्क दिए हैं.

Lok sabha election 2024
लोकसभा चुनाव की कमान कमलनाथ को
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 9, 2023, 9:02 PM IST

भोपाल। एमपी विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया लेकिन बावजूद इसके लोकसभा की कमान फिर से कमलनाथ को दे दी गई है. कांग्रेस हाई कमान ने फिर कमलनाथ के कंधों पर 29 सीटों की जिम्मेदारी दे दी है.

कमलनाथ पर फिर जताया भरोसा: दिल्ली में हुई बैठक में एमपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर कोई भी चर्चा नहीं हुई. ठीक इसके उलट कमलनाथ की इस्तीफा देने की अटकलों के बीच हाईकमान ने कमलनाथ पर फिर भरोसा जताया है. विधायक दल का नेता चुनने के लिए जल्द दिल्ली से पर्यवेक्षक भेजे जाएंगे. प्रदेश के नेताओं ने आलाकमान को जल्द पर्यवेक्षक भेजने के लिए कहा है. वहीं हार की समीक्षा बैठक में चुनाव हारने पर सभी नेताओं ने अलग-अलग तर्क दिए.

चुनाव हारने की समीक्षा में क्या निकला: विधानसभा चुनाव में हुई हार की सभी नेता अपनी-अपनी रिपोर्ट लेकर पहुंचे थे. बैठक में चुनाव हारने की समीक्षा में ये बात सामने आई कि टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई. साथ ही संगठन की कमजोरी को भी हार के लिए जिम्मेदार माना गया. हालांकि हार की समीक्षा के दौरान हार का ठीकरा ज्यादातर नेताओं ने ईवीएम पर फोड़ दिया. एससी-एसटी वोट छिटकने के कारणों पर भी चर्चा हुई. बताया गया कि हमारे आदिवासी नेताओं की आदिवासियों पर पकड़ कमजोर हुई है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने हार की समीक्षा बैठक ली.कमलनाथ, दिग्विजय सिंह,गोविंद सिंह, कमलेश्वर पटेल, ओमकार सिंह मरकाम, मीनाक्षी नटराजन बैठक में शामिल हुए.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष का चौंकाने वाला बयान: मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर जीत की जिम्मेदारी कमलनाथ के कंधों पर डालने के बाद कमलनाथ ने बैठकों के लिए भी रणनीति बना ली है. इसी बीच पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने लोकसभा चुनाव को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जैसे परिणाम विधानसभा चुनाव में आए हैं,उसके बाद तो यही कहा जा सकता है कि विपक्ष को लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिये.

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2019 में 29 में से मिली थी एक सीट: 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने 29 में से 28 सीट जीती थीं. लेकिन कमलनाथ के गढ़ को बीजेपी नहीं भेद पाई थी. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 29 में से 2 सीटों पर विजय हासिल हुई थी. जिसमें एक छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ ने जीत हासिल की थी और दूसरी सीट गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव जीता था.

भोपाल। एमपी विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया लेकिन बावजूद इसके लोकसभा की कमान फिर से कमलनाथ को दे दी गई है. कांग्रेस हाई कमान ने फिर कमलनाथ के कंधों पर 29 सीटों की जिम्मेदारी दे दी है.

कमलनाथ पर फिर जताया भरोसा: दिल्ली में हुई बैठक में एमपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर कोई भी चर्चा नहीं हुई. ठीक इसके उलट कमलनाथ की इस्तीफा देने की अटकलों के बीच हाईकमान ने कमलनाथ पर फिर भरोसा जताया है. विधायक दल का नेता चुनने के लिए जल्द दिल्ली से पर्यवेक्षक भेजे जाएंगे. प्रदेश के नेताओं ने आलाकमान को जल्द पर्यवेक्षक भेजने के लिए कहा है. वहीं हार की समीक्षा बैठक में चुनाव हारने पर सभी नेताओं ने अलग-अलग तर्क दिए.

चुनाव हारने की समीक्षा में क्या निकला: विधानसभा चुनाव में हुई हार की सभी नेता अपनी-अपनी रिपोर्ट लेकर पहुंचे थे. बैठक में चुनाव हारने की समीक्षा में ये बात सामने आई कि टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई. साथ ही संगठन की कमजोरी को भी हार के लिए जिम्मेदार माना गया. हालांकि हार की समीक्षा के दौरान हार का ठीकरा ज्यादातर नेताओं ने ईवीएम पर फोड़ दिया. एससी-एसटी वोट छिटकने के कारणों पर भी चर्चा हुई. बताया गया कि हमारे आदिवासी नेताओं की आदिवासियों पर पकड़ कमजोर हुई है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने हार की समीक्षा बैठक ली.कमलनाथ, दिग्विजय सिंह,गोविंद सिंह, कमलेश्वर पटेल, ओमकार सिंह मरकाम, मीनाक्षी नटराजन बैठक में शामिल हुए.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष का चौंकाने वाला बयान: मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर जीत की जिम्मेदारी कमलनाथ के कंधों पर डालने के बाद कमलनाथ ने बैठकों के लिए भी रणनीति बना ली है. इसी बीच पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने लोकसभा चुनाव को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जैसे परिणाम विधानसभा चुनाव में आए हैं,उसके बाद तो यही कहा जा सकता है कि विपक्ष को लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिये.

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2019 में 29 में से मिली थी एक सीट: 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने 29 में से 28 सीट जीती थीं. लेकिन कमलनाथ के गढ़ को बीजेपी नहीं भेद पाई थी. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 29 में से 2 सीटों पर विजय हासिल हुई थी. जिसमें एक छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ ने जीत हासिल की थी और दूसरी सीट गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव जीता था.

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