भोपाल। लॉकडाउन में भले ही लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लाखों लोग इस दौरान बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. गरीब मजूदर वर्ग पलायन को मजबूर हैं. देश की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा हो, लेकिन इस बीच एक सुकून भरी खबर भी है. लॉकडाउन पर्यावरण की शुद्धता के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. भोपाल में एयर क्वालिटी में काफी सुधार देखने को मिल रहा है. गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगने और ज्यादातर कारखानें बंद होने के बाद देश के कई शहरों की हवा की क्वॉलिटी में जबरदस्त सुधार देखने को मिला है. जिन शहरों की एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि AQI खतरे के निशान से ऊपर होते थे, वहां अब आसमान साफ दिखने लगा है. इसका असर राजधानी में साफ दिखाई दे रहा है.
लॉकडाउन में न तो सड़कों पर वाहन चल रहे हैं और न ही आसमान में हवाई जहाज. बिजली उत्पादन और औद्योगिक इकाइयों जैसे अन्य क्षेत्रों में भी बड़ी गिरावट आई है. इससे वातावरण में डस्ट पार्टिकल न के बराबर हैं और कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन भी सामान्य से अधिक नीचे आ गया है. इस तरह की हवा स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है. इसके अलावा राजधानी में हुई बारिश ने भी धूल के कण और कार्बन पार्टिकल को आसमान से जमीन पर नीचे बैठाने का काम किया. जिससे यहां की हवा काफी शुद्ध हो गई है.