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नहीं बैठ रही सरकार और शराब व्यापारियों की पटरी, कोर्ट के फैसले का इंतजार

मध्यप्रदेश में सरकार और शराब व्यापारियों की लड़ाई अब कोर्ट तक पहुंच गई है. शराब असोसिएशन का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही दुकानें खोली जाएंगी, वहीं सरकार ने एक बार फिर नियमों में बदलाव कर दुकानें खोलने के निर्देश दिए हैं.

Liquor shop Issue in Madhya Pradesh
कोर्ट के फैसले का इंतजार
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Published : May 29, 2020, 3:19 PM IST

भोपाल। सरकार शराब दुकानें खोलने को लेकर कई बार आदेश जारी कर चुकी है, लेकिन शराब व्यापारी किसी भी शर्त के साथ अपनी दुकानें खोलने को तैयार नहीं हैं. शायद यही वजह है कि सरकार और शराब व्यापारियों की ये लड़ाई अब कोर्ट तक पहुंच गई है. गुरुवार को सरकार ने फिर देर रात शराब दुकान खोलने के आदेश जारी किए गए थे, जिसमें 19 मई को लगाए गए प्रतिबंधों को हटाते हुए दुकानें खोलने के लिए कहा गया, इसके बावजूद भी शराब दुकानें नहीं खुली है.

कोर्ट के फैसले का इंतजार

दरअसल, मध्यप्रदेश में 3605 शराब दुकानें हैं, जिनमें 2544 देसी और 1061 विदेशी शराब दुकानें हैं. शराब दुकानों से सरकार को हजारों करोड़ों पर टैक्स के रूप में राजस्व मिलता है, लेकिन बीते मार्च-अप्रैल मई के माह में सरकार को राजस्व का बड़ा घाटा हुआ है. सरकार ने लॉकडाउन के दौरान भी शराब दुकानें खोलने के आदेश जारी किए दिए थे, लेकिन शराब व्यापारियों ने कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए शराब दुकानें खोलने से इंकार किया था. शराब दुकान व्यापारी सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स को लेकर भी विरोध में थे, इसको लेकर कई बार सरकार और व्यापारियों के बीच बैठक हुई लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला.

सरकार ने एक बार फिर 19 मई को लगाए गए प्रतिबंधों को हटाते हुए नई व्यवस्था के अनुसार शराब दुकान खोलने के लिए आदेश जारी किए हैं, लेकिन शराब व्यापारी खपत के आधार पर एक्साइज ड्यूटी लेने और वार्षिक शुल्क 25 फीसदी कम करने की मांग कर रहे हैं, जो सरकार मंजूर नहीं कर पा रही है और जब सरकार ने एक बार फिर आदेश जारी किया है तो शराब व्यापारियों का कहना है कि अब वह 2 जून को हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे, उसके बाद दुकानें खोलने पर विचार किया जाएगा.

आपको बता दें कि प्रदेश सरकार को मार्च-अप्रैल और मई माह में करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है. मार्च और अप्रैल के माह में सरकार को करोड़ों के राजस्व का घाटा हुआ और अब मई माह में शराब ठेके नहीं खुलने से राज्य सरकार को करीब 1000 करोड़ का नुकसान होने की संभावना है.

भोपाल। सरकार शराब दुकानें खोलने को लेकर कई बार आदेश जारी कर चुकी है, लेकिन शराब व्यापारी किसी भी शर्त के साथ अपनी दुकानें खोलने को तैयार नहीं हैं. शायद यही वजह है कि सरकार और शराब व्यापारियों की ये लड़ाई अब कोर्ट तक पहुंच गई है. गुरुवार को सरकार ने फिर देर रात शराब दुकान खोलने के आदेश जारी किए गए थे, जिसमें 19 मई को लगाए गए प्रतिबंधों को हटाते हुए दुकानें खोलने के लिए कहा गया, इसके बावजूद भी शराब दुकानें नहीं खुली है.

कोर्ट के फैसले का इंतजार

दरअसल, मध्यप्रदेश में 3605 शराब दुकानें हैं, जिनमें 2544 देसी और 1061 विदेशी शराब दुकानें हैं. शराब दुकानों से सरकार को हजारों करोड़ों पर टैक्स के रूप में राजस्व मिलता है, लेकिन बीते मार्च-अप्रैल मई के माह में सरकार को राजस्व का बड़ा घाटा हुआ है. सरकार ने लॉकडाउन के दौरान भी शराब दुकानें खोलने के आदेश जारी किए दिए थे, लेकिन शराब व्यापारियों ने कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए शराब दुकानें खोलने से इंकार किया था. शराब दुकान व्यापारी सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स को लेकर भी विरोध में थे, इसको लेकर कई बार सरकार और व्यापारियों के बीच बैठक हुई लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला.

सरकार ने एक बार फिर 19 मई को लगाए गए प्रतिबंधों को हटाते हुए नई व्यवस्था के अनुसार शराब दुकान खोलने के लिए आदेश जारी किए हैं, लेकिन शराब व्यापारी खपत के आधार पर एक्साइज ड्यूटी लेने और वार्षिक शुल्क 25 फीसदी कम करने की मांग कर रहे हैं, जो सरकार मंजूर नहीं कर पा रही है और जब सरकार ने एक बार फिर आदेश जारी किया है तो शराब व्यापारियों का कहना है कि अब वह 2 जून को हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे, उसके बाद दुकानें खोलने पर विचार किया जाएगा.

आपको बता दें कि प्रदेश सरकार को मार्च-अप्रैल और मई माह में करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है. मार्च और अप्रैल के माह में सरकार को करोड़ों के राजस्व का घाटा हुआ और अब मई माह में शराब ठेके नहीं खुलने से राज्य सरकार को करीब 1000 करोड़ का नुकसान होने की संभावना है.

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