भोपाल। एम्स भोपाल दिनों-दिन नई बुलंदियों को छू रहा है. पहले डॉक्टर्स ने अवेक क्रेनियोटॉमी सर्जिकल प्रक्रिया के जरिए एक मरीज के ब्रेन का ऑपरेशन किया था. अब एक और मरीज को मौत के मुंह से बचाया है. युवक ने 14 सेंटीमीटर लंबा चाकू निगल लिया था. डॉक्टर्स की टीम ने सफल ऑपरेशन किया और गले से चाकू निकाल दिया है.मरीज सही सलामत है.
युवक ने निगला चाकू
छतरपुर के रहने वाले 38 साल के युवक ने 14 सेमी लंबा और साढ़े तीन सेमी चौड़ा चाकू निगल लिया था. जिसके बाद उसे असहनीय दर्द हुआ.परिजन उसे भोपाल स्थित एम्स लेकर पहुंचे. जहां मरीज ने बताया कि उसने दो दिन पहले एक चाकू निगला था. इसके बाद डॉक्टर्स ने बुधवार को युवक की इमरजेंसी सर्जरी की प्लानिंग की.
कैसे हुई सर्जरी ?
पहले मरीज के आहारनाल की एंडोस्कोपी की गई. जिसमें चाकू की पॉजिशन के बारे में पता चला. ऑपरेशन की दूसरी विधियां अपनाने में आहारनली के कटने या जख्मी होने का रिस्क था. लिहाजा डॉक्टर्स ने मरीज की ओपन सर्जरी करने का फैसला किया.
डॉक्टर्स ने गर्दन के बायीं तरफ से ऑपरेट कर आहार नली में चार सेमी का चीरा लगाया. इसके बाद धीरे-धीरे चाकू को बाहर निकाला गया. इस तरह एक जटिल सर्जरी पूरी हुई. मरीज की हालत स्थिर बताई जा रही है.
कुछ दिन पहले भी डॉक्टर्स ने की थी जटिल सर्जरी
एक मरीज को कुछ दिन पहले एम्स के न्यूरोसर्जरी विभाग की ओपीडी में जांच के लिए भर्ती कराया गया था. जहां एमआरआई करने पर पता चला कि रोगी के मस्तिष्क के दाएं भाग में ट्यूमर है. विशेषज्ञों ने इस पूरे मामले पर चर्चा की. जिसके बाद निष्कर्ष निकाला गया कि ट्यूमर को निकालने के लिए जरूरी है कि सर्जरी के दौरान मरीज जागृत अवस्था में रहे. फिर अवेक क्रेनियोटॉमी सर्जिकल प्रक्रिया के तहत सर्जरी की गई. इस दौरान खास बात ये थी कि मरीज माला जपता रहा और उसकी सर्जरी हो गई.
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क्या है अवेक क्रेनियोटोमी ?
अवेक क्रेनियोटोमी एक इंट्राक्रेनियल सर्जिकल प्रक्रिया है. जिसमें रोगी को सर्जरी के एक हिस्से के दौरान जानबूझकर जागृत अवस्था में रखा जाता है. सामान्य तौर पर यह प्रक्रिया घाव को मापने और स्नेहीकरण के दौरान काम में लाई जाती है. पिछले कुछ सालों में यह प्रक्रिया काफी लोकप्रिय हुई है.