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Ladli Laxmi 2.0: सरकारी अधिकारी के बयान से मचा बवाल, कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरा, उमा भी संग्राम में कूदीं - भोपाल स्तनपान पर दिए गए बयान पर हंगामा

लाडली लक्ष्मी पार्ट 2 के कार्यक्रम में शिवराज सरकार की फजीहत उनके ही अधिकारी ने करा दी. जिसके चलते कांग्रेस को सीएम शिवराज सिंह पर हमला बोलने का मौका मिल गया. भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली लक्ष्मी पार्ट-2 का शुभारंभ किया. इस दौरान मुख्यमंत्री की मौजूदगी में उनके विभाग के ACS अजय शाह के बयान ने बवाल मचा दिया. कांग्रेस का आरोप है कि, एक जिम्मेदार अधिकारी का स्तनपान संबंधी दिया गया बयान महिला विरोधी, मां विरोधी और बेटी विरोधी है. इससे भाजपा सरकार की महिला विरोधी मानसिकता दिख रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री को प्रदेश की महिलाओं से माफी मांगना चाहिए. (Ladli Laxmi Yojna) (Government officer statement created ruckus) (Bhopal Additional Chief Secretary statement)

Bhopal Additional Chief Secretary statement
सरकारी अधिकारी के बयान से मचा बवाल
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Published : Nov 4, 2022, 6:53 AM IST

Updated : Nov 4, 2022, 7:13 AM IST

भोपाल। रविंद्र भवन में शिवराज सरकार के लाडली लक्ष्मी पार्ट-2 कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक शाह द्वारा महिलाओं के स्तनपान पर दिए गए बयान पर हंगामा मच गया है. महिला बाल विकास के अपर मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कहा कि, वर्ष 2005 में प्रदेश में सिर्फ 15% माताएं अपनी बेटियों को अपना दूध पिलाती थी और आज 42% माताएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारी बालिकाएं इसलिए पीछे रह जाती है क्योंकि उनको बालकों की अपेक्षा मां का दूध कम पिलाया जाता है. (Mp Senior officers statement on gender bias in breastfeeding) (Bhopal Additional Chief Secretary statement)

नरेन्द्र सलूजा ने सरकार को घेरा

कांग्रेस ने सरकार को घेरा: इस बयान को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि, अफसर का यह बयान बेहद लज्जाजनक, दुर्भाग्यपूर्ण और आपत्तिजनक है. वह बताएं कि उनके विभाग में ऐसा कौन सा पैमाना है. जिसके आधार पर यह मापा जाता है कि, कौन मां अपनी बेटी को स्तनपान कराती है. कौन मां बेटे को स्तनपान कराती है और किस मां ने अपनी बेटी को स्तनपान नहीं कराया है. यह आंकड़ा वह कहां से लाए हैं.

सलूजा का सवाल: निश्चित तौर पर अधिकारी का यह बयान महिला विरोधी है. बेटी विरोधी है. मां विरोधी है और इससे कहीं ना कहीं प्रदेश की छवि को देशभर में शर्मसार और कलंकित किया है. सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि अधिकारी के बयान से वह सहमत हैं या सहमत. इस बयान को लेकर सरकार का रुख क्या है. यह उन्हें स्पष्ट करना चाहिए. यदि सरकार इस बयान से असहमत है और इसे वो महिलाओं का अपमान मानती है तो तुरंत अधिकारी पर सरकार को कार्रवाई करना चाहिए और खुद मुख्यमंत्री को उनके इस बयान को लेकर प्रदेश की माताओं से माफी मांगना चाहिए.

मामले में उमा की एंट्री: हालांकि ACS के इस बयान पर बीजेपी ने चुप्पी साध ली, लेकिन इस सियासी लड़ाई में पूर्व CM उमा भारती भी कूद गई है. उन्होंने सीएम से बात की और अधिकारी के शब्दों पर घोर आपत्ति जताई. CM शिवराज ने उनसे कहा कि, "मैं शोर ज्यादा होने से सुन नहीं पाया, लेकिन शिवराज ने इस पर घोर आश्चर्य जताया है.

Uma Bharti Tweet
उमा भी संग्राम में कूदीं

बेटियों को लेकर CM शिवराज का बड़ा ऐलान, MP के हर जिले में बेटी के नाम पर होगी एक सड़क

उमा ने ट्वीट पर लिखा:
- मध्यप्रदेश में लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 के क्रियान्वयन शुरू होने का स्वागत.
- मध्य प्रदेश सरकार के इस कार्यक्रम में भाषण देते हुए प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी का बेहद असंगत एवं हास्यास्पद कथन देखा.
- हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री जी महिलाओं के सम्मान के लिए बहुत सजग एवं संवेदनशील हैं, जब मैंने आज फोन पर बात करके उनको यह बात बताई तो वह इस कथन से असहमत एवं आश्चर्यचकित थे.
- मुख्यमंत्री जी की बात से लगा कि समारोह में बहुत शोर के कारण वह इस बात को सुन नहीं पाए. मुझे लगता है कि वह इस कथन को ठीक करने का रास्ता स्वयं निकाल लेंगे.
- उन्होंने कहा है कि "हमारी योजना के कारण अब 42% महिलाएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती हैं, जबकि 2005 से पहले वह 15% था."
- अगर यह कथन सही छपा है तो यह बेटी विरोधी, माता विरोधी एवं मध्यप्रदेश की मातृशक्ति की छवि खराब करने वाला है, अधिकारियों को अपने बयान के प्रति सचेत एवं जिम्मेवार रहना चाहिए.
- अमीर हो या गरीब, बेटा हो या बेटी, बच्चे के जन्मते ही हर मां अपने बच्चे को दूध पिलाती ही हैं, लाखों में एक केस में कई कारणों से ऐसा नहीं होता होगा. आखिर सारी महिलाएं बेटियां ही तो हैं.

भोपाल। रविंद्र भवन में शिवराज सरकार के लाडली लक्ष्मी पार्ट-2 कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक शाह द्वारा महिलाओं के स्तनपान पर दिए गए बयान पर हंगामा मच गया है. महिला बाल विकास के अपर मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कहा कि, वर्ष 2005 में प्रदेश में सिर्फ 15% माताएं अपनी बेटियों को अपना दूध पिलाती थी और आज 42% माताएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारी बालिकाएं इसलिए पीछे रह जाती है क्योंकि उनको बालकों की अपेक्षा मां का दूध कम पिलाया जाता है. (Mp Senior officers statement on gender bias in breastfeeding) (Bhopal Additional Chief Secretary statement)

नरेन्द्र सलूजा ने सरकार को घेरा

कांग्रेस ने सरकार को घेरा: इस बयान को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि, अफसर का यह बयान बेहद लज्जाजनक, दुर्भाग्यपूर्ण और आपत्तिजनक है. वह बताएं कि उनके विभाग में ऐसा कौन सा पैमाना है. जिसके आधार पर यह मापा जाता है कि, कौन मां अपनी बेटी को स्तनपान कराती है. कौन मां बेटे को स्तनपान कराती है और किस मां ने अपनी बेटी को स्तनपान नहीं कराया है. यह आंकड़ा वह कहां से लाए हैं.

सलूजा का सवाल: निश्चित तौर पर अधिकारी का यह बयान महिला विरोधी है. बेटी विरोधी है. मां विरोधी है और इससे कहीं ना कहीं प्रदेश की छवि को देशभर में शर्मसार और कलंकित किया है. सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि अधिकारी के बयान से वह सहमत हैं या सहमत. इस बयान को लेकर सरकार का रुख क्या है. यह उन्हें स्पष्ट करना चाहिए. यदि सरकार इस बयान से असहमत है और इसे वो महिलाओं का अपमान मानती है तो तुरंत अधिकारी पर सरकार को कार्रवाई करना चाहिए और खुद मुख्यमंत्री को उनके इस बयान को लेकर प्रदेश की माताओं से माफी मांगना चाहिए.

मामले में उमा की एंट्री: हालांकि ACS के इस बयान पर बीजेपी ने चुप्पी साध ली, लेकिन इस सियासी लड़ाई में पूर्व CM उमा भारती भी कूद गई है. उन्होंने सीएम से बात की और अधिकारी के शब्दों पर घोर आपत्ति जताई. CM शिवराज ने उनसे कहा कि, "मैं शोर ज्यादा होने से सुन नहीं पाया, लेकिन शिवराज ने इस पर घोर आश्चर्य जताया है.

Uma Bharti Tweet
उमा भी संग्राम में कूदीं

बेटियों को लेकर CM शिवराज का बड़ा ऐलान, MP के हर जिले में बेटी के नाम पर होगी एक सड़क

उमा ने ट्वीट पर लिखा:
- मध्यप्रदेश में लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 के क्रियान्वयन शुरू होने का स्वागत.
- मध्य प्रदेश सरकार के इस कार्यक्रम में भाषण देते हुए प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी का बेहद असंगत एवं हास्यास्पद कथन देखा.
- हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री जी महिलाओं के सम्मान के लिए बहुत सजग एवं संवेदनशील हैं, जब मैंने आज फोन पर बात करके उनको यह बात बताई तो वह इस कथन से असहमत एवं आश्चर्यचकित थे.
- मुख्यमंत्री जी की बात से लगा कि समारोह में बहुत शोर के कारण वह इस बात को सुन नहीं पाए. मुझे लगता है कि वह इस कथन को ठीक करने का रास्ता स्वयं निकाल लेंगे.
- उन्होंने कहा है कि "हमारी योजना के कारण अब 42% महिलाएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती हैं, जबकि 2005 से पहले वह 15% था."
- अगर यह कथन सही छपा है तो यह बेटी विरोधी, माता विरोधी एवं मध्यप्रदेश की मातृशक्ति की छवि खराब करने वाला है, अधिकारियों को अपने बयान के प्रति सचेत एवं जिम्मेवार रहना चाहिए.
- अमीर हो या गरीब, बेटा हो या बेटी, बच्चे के जन्मते ही हर मां अपने बच्चे को दूध पिलाती ही हैं, लाखों में एक केस में कई कारणों से ऐसा नहीं होता होगा. आखिर सारी महिलाएं बेटियां ही तो हैं.

Last Updated : Nov 4, 2022, 7:13 AM IST
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