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भोपाल में कोरोना का कहर जारी, कोलार क्षेत्र बना कोरोना का नया हॉटस्पॉट

भोपाल के कोलार क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के अब तक करीब 2 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं . कोलार इलाका तेजी से शहर का नया बड़ा हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. यह शहर का काफी भीड़भाड़ वाला इलाका है.

Corona havoc in Bhopal
भोपाल में कोरोना का कहर
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Published : Nov 23, 2020, 7:44 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस की दूसरी लहर शुरू हो गई है. पिछले लगातार तीन दिनों से यहां पर 300 से ज्यादा संक्रमण के नए मरीज सामने आए हैं. वहीं कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां पर अब कोरोना बेकाबू होता हुआ नजर आ रहा है. शहर का कोलार क्षेत्र अब कोरोना वायरस का नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. जहां अब तक दो हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 200 से ज्यादा एक्टिव केस इसी क्षेत्र के हैं.

भोपाल में कोरोना का कहर

नए शहर में संक्रमण की रफ्तार

जहां पहले भोपाल के पुराने क्षेत्र जहांगीराबाद, शाहजहानाबाद,अशोका गार्डन, सुभाष नगर, बाणगंगा बस्ती, इन क्षेत्रों से संक्रमण के मामले सामने आ रहे थे, तो वहीं अब भोपाल के नए क्षेत्र कोलार,मिसरोद, कटारा हिल्स, बागसेवनिया, शाहपुरा,अरेरा कॉलोनी इन क्षेत्रों से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.

कोलार बना कोरोना का नया हॉटस्पॉट

कोलार क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के अब तक करीब 2 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. कोलार इलाका तेजी से शहर का नया बड़ा हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. यह शहर का काफी भीड़भाड़ वाला इलाका है. जहां निगरानी में भी लापरवाही बरती गई थी. इसके नतीजतन कोरोना के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि नाइट कर्फ्यू की घोषणा के बाद से ही प्रशासन ने एक बार फिर से यहां सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है.

कंटेनमेंट जोन फिर से बनाने की तैयारी

शहर के जिन क्षेत्रों से अब संक्रमण के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. खासतौर पर कोलार क्षेत्र में संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से क्या कवायद की जाने वाली है. इस बारे में भोपाल कलेक्टर अविनाश लावण्या का कहना है कि हमने इस बारे में विचार किया है कि जिन क्षेत्रों से कोविड-19 संक्रमण के मामले ज्यादा मिल रहे हैं वहां पर कंटेनमेंट जोन को बनाना फिर से शुरू किया जा सकता है.

प्रशासन के लिए फिर चुनौती

कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही शहर में जिन जिन क्षेत्रों से संक्रमित पाए जा रहे थे, उन्हें कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा था. पर फिर धीरे-धीरे इसमें भी लापरवाही बरती जाने लगी और कंटेनमेंट जोन बनाने का काम लगभग खत्म कर दिया गया. पर अब जब एक बार फिर से राजधानी में संक्रमण के मामले में बेहताशा बढ़ रहे हैं. तो यह प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय है. जिसे लेकर के अब फिर से उन तरीकों को ही अपनाया जा रहा है, जो पहले अपनाए गए थे ताकि संक्रमण को काबू किया जा सके.

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस की दूसरी लहर शुरू हो गई है. पिछले लगातार तीन दिनों से यहां पर 300 से ज्यादा संक्रमण के नए मरीज सामने आए हैं. वहीं कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां पर अब कोरोना बेकाबू होता हुआ नजर आ रहा है. शहर का कोलार क्षेत्र अब कोरोना वायरस का नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. जहां अब तक दो हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 200 से ज्यादा एक्टिव केस इसी क्षेत्र के हैं.

भोपाल में कोरोना का कहर

नए शहर में संक्रमण की रफ्तार

जहां पहले भोपाल के पुराने क्षेत्र जहांगीराबाद, शाहजहानाबाद,अशोका गार्डन, सुभाष नगर, बाणगंगा बस्ती, इन क्षेत्रों से संक्रमण के मामले सामने आ रहे थे, तो वहीं अब भोपाल के नए क्षेत्र कोलार,मिसरोद, कटारा हिल्स, बागसेवनिया, शाहपुरा,अरेरा कॉलोनी इन क्षेत्रों से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.

कोलार बना कोरोना का नया हॉटस्पॉट

कोलार क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के अब तक करीब 2 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. कोलार इलाका तेजी से शहर का नया बड़ा हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. यह शहर का काफी भीड़भाड़ वाला इलाका है. जहां निगरानी में भी लापरवाही बरती गई थी. इसके नतीजतन कोरोना के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि नाइट कर्फ्यू की घोषणा के बाद से ही प्रशासन ने एक बार फिर से यहां सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है.

कंटेनमेंट जोन फिर से बनाने की तैयारी

शहर के जिन क्षेत्रों से अब संक्रमण के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. खासतौर पर कोलार क्षेत्र में संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से क्या कवायद की जाने वाली है. इस बारे में भोपाल कलेक्टर अविनाश लावण्या का कहना है कि हमने इस बारे में विचार किया है कि जिन क्षेत्रों से कोविड-19 संक्रमण के मामले ज्यादा मिल रहे हैं वहां पर कंटेनमेंट जोन को बनाना फिर से शुरू किया जा सकता है.

प्रशासन के लिए फिर चुनौती

कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही शहर में जिन जिन क्षेत्रों से संक्रमित पाए जा रहे थे, उन्हें कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा था. पर फिर धीरे-धीरे इसमें भी लापरवाही बरती जाने लगी और कंटेनमेंट जोन बनाने का काम लगभग खत्म कर दिया गया. पर अब जब एक बार फिर से राजधानी में संक्रमण के मामले में बेहताशा बढ़ रहे हैं. तो यह प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय है. जिसे लेकर के अब फिर से उन तरीकों को ही अपनाया जा रहा है, जो पहले अपनाए गए थे ताकि संक्रमण को काबू किया जा सके.

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