भोपाल। मध्य प्रदेश में पहली बार सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) किया गया है. भोपाल के हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में डॉक्टर्स की एक टीम ने मंगलवार को इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम ने इस सफलता के असली हीरो, यानी डॉक्टर्स की टीम से खास बातचीत. जिसमें डॉक्टर हिमांशु शर्मा (Himanshu Sharma), चेतन्य कुलकर्णी (Chetanya Kulkarni) और सौरभ जैन (Saurabh Jain) ने बताया कि इस ऑपरेशन में उन्हे क्या-क्या परेशानियां आई और आगे उनके सामने क्या चुनौतियां है.
सफलतापूर्वक किया जटिल ऑपरेशन
डॉक्टर्स का कहना है की मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों (Government Hospital) में अगर और सुविधाएं बढ़ा दी जाए, तो आने वाले दिनों में किडनी ट्रांसप्लांट के बेहतर रिजल्ट सामने आएंगे. फिलहाल मुरैना के रहने वाले किशन दत्त का किडनी ट्रांसप्लांट भोपाल के हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में किया गया है. जिसमें उनकी पत्नी ही डोनर थी. अभी 7 दिन तक किशन को ऑब्जर्वेशन में रखा है. फिलहाल किशन और उनकी पत्नी दोनों स्वस्थ हैं.
आयुष्मान कार्ड के तहत किया गया ऑपरेशन
नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist) डॉ. हिमांशु शर्मा (Himanshu Sharma) का कहना है कि "हमारी तैयारियां पहले से थी, लेकिन मानसिक रूप से कहीं न कहीं थोड़ा डर था. क्योंकि प्रदेश के सरकारी अस्पताल में पहली बार हो रहे ऑपरेशन को किसी भी हाल में सक्सेसफुल बनाना था. फिलहाल यह व्यवस्था आयुष्मान कार्ड के तहत हो रही है. जिसके तहत किडनी का ट्रांसप्लांट निशुल्क किया जा रहा है. अगर सरकार अन्य अस्पतालों में और अन्य मरीजों को भी यह व्यवस्था दें तो बेहतर होगा."
सुविधाओं में हो इजाफा तो मरीजों को मिलेगी मदद
वहीं न्यूरोसर्जन (Neurosurgeon) सौरभ जैन (Saurabh Jain) ने बताया कि "सरकार की तरफ से अगर व्यवस्थाओं में इजाफा होता है, तो आने वाले दिनों में और बेहतर विकल्प खुलेंगे और ज्यादा से ज्यादा मरीजों का इलाज सरकारी अस्पताल में हो सकेगा."
दो शहरों में होता है किडनी ट्रांसप्लांट
मध्य प्रदेश में किडनी का ट्रांसप्लांट अभी तक इंदौर और भोपाल में ही होता है. इन दोनों शहरों में भी सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों में ही यह सुविधा थी. इससे पहले सरकारी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में हमीदिया पहला सरकारी अस्पताल है, जहां किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था की गई है. आगे चलकर इन सुविधाओं को प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी शुरू किया जा सकता है.
कितना आता है खर्च ?
सरकारी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट को फिलहाल आयुष्मान योजना से जोड़ा गया है. जिसके तहत मरीज को कुछ भी पैसा नहीं देना होता. सारा खर्च सरकार उठाती है. वहीं दूसरी और अगर प्राइवेट अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता है तो उसका खर्चा अलग-अलग अस्पतालों में अलग-अलग होता है, सामान्य रूप से 5 लाख से लेकर 12 लाख रुपए तक इस ऑपरेशन में खर्च होते हैं.
एमपी में हर साल कितने ऑपरेशन है?
मध्य प्रदेश में पिछले सालों में किडनी ट्रांसप्लांट के कई केस सामने आए हैं, लेकिन प्रदेश के मरीज दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में जाकर ही ऑपरेशन करवाते हैं. इस लिहास से प्रदेश में हर साल सिर्फ 8 से 12 किडनी ट्रांसप्लांट किए जाते हैं. मध्य प्रदेश में इंदौर और भोपाल में ही प्राइवेट अस्पतालों में यह सुविधा है. हालांकि सरकारी अस्पताल में इसकी शुरुआत होने के साथ गरीब मरीजों की उम्मीदें जगी है कि प्रदेश में भी गंभीर बीमारी का इलाज सरकारी अस्पताल में हो सकता है.