भोपाल। वॉटर स्पोर्टस् इवेंट में मेजबान मध्य प्रदेश ने पहले दिन चार गोल्ड मेडल जीतकर खेलो इंडिया यूथ गेम्स धमाका कर दिया. जिसमें सीहोर के छोटे गांव से निकले नितिन और नीरज ने दो-दो मेडल अपने नाम किए. इनके पिता किसान है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि पिता के संघर्ष को देखकर इनको लगा कि देश और प्रदेश के लिए पदक लाना है. भोपाल के बड़े तालाब पर बुधवार को वाटर स्पोर्ट्स के मुकाबले हुए. जिसमें कयाकिंग और कैनोइंग में सिंगल स्कल्स और डबल स्कल्स के चारों इवेंट में मध्यप्रदेश ने स्वर्ण पदक हासिल कर पहले ही दिन धूम मचा दी.
कयाकिंग में नितिन ने दो व कैनोइंग में नीरज ने जीते 2 स्वर्णः K-1 में नितिन वर्मा ने गोल्ड जीता, जबकि k-2 में नितिन और रिम्सन की जोड़ी ने मध्य प्रदेश को स्वर्ण दिलाया. इसी तरह C-1 में नीरज वर्मा सिंगल में गोल्ड जीता. जबकि C-2 में नीरज और देवेंद्र की जोड़ी ने सोने का तमगा हासिल किया. कैनोइंग के सिंगल मुकाबले में दूसरे स्थान पर कर्नाटक केएन. नेपोलियन रहे, तीसरा स्थान तेलंगाना केपी अमित कुमार ने हासिल किया. इसी तरह कैनोइंग के डबल्स मुकाबले में दूसरे स्थान पर तेलंगाना के अभय और प्रदीप की जोड़ी रही.इस स्पर्धा में तीसरे स्थान पर उड़ीसा केएस अविनाश और पीबी सिंह की जोड़ी रही. दूसरी और कयाकिंग के सिंगल मुकाबले में राजस्थान के हर्षवर्धन सिंह दूसरे स्थान पर रहे और तीसरे स्थान पर उड़ीसा के टी नगाक्षेपम रहे.
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पिता ने खेतों में तो बेटों ने की खेल में मेहनतः बहरहाल इन मुकाबलों में सभी के आकर्षण का केंद्र मध्य प्रदेश के नितिन वर्मा और नीरज वर्मा रहे. नितिन 5 साल पहले पहले ही वॉटर स्पोर्ट्स अकादमी से जुड़े हैं. जबकि नीरज को 4 साल हो गए हैं. जीत के बाद दोनों ही खिलाड़ियों से ईटीवी संवाददाता बात की. उन्होंने बताया कि बचपन से ही इनका सपना था कि कुछ अलग करना है. नितिन के पिता और नीरज के पिता किसानी करते है. यह दोनों एक ही जिले सीहोर से आते हैं.ऐसे में नितिन बताते हैं कि जब छोटे थे तो उन्होंने अपने पिता का संघर्ष बहुत देखा है. किसानी में कम पैसा मिलता है, घर चलाना मुश्किल होता है.ऐसे में इन्होंने सोचा था कि यह कुछ ऐसा करेंगे जिससे वह अपना और माता-पिता का नाम रोशन कर सकें.
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ओलंपिक में स्वर्ण जीतने का सपनाः नीरज कहना था कि उनके पिता रात में भी खेतों पर काम किया करते थे. ऐसे में जब वह छोटे थे तो उन्हें लगता था कि पिताजी कितनी मेहनत करते हैं. इसलिए उन्होंने खेलों में कड़ी मेहनत करी और आज खेलो इंडिया के गेम्स में दो गोल्ड अपने नाम किए हैं. नितिन और नीरज एक ही जिले से हैं लेकिन सगे भाई नहीं है, लेकिन दोनों ही वर्मा सरनेम लिखते हैं. नितिन व नीरज दोनों कहते हैं कि उनका सपना है कि आगे चलकर वह ओलंपिक में पदक लेकर आएं और देश के साथ मध्यप्रदेश और अपने माता-पिता का नाम रोशन करें.