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'खेलो इंडिया' की हुई शुरूआत, पूर्व चैंपियन देंगे नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण

प्रदेश में जमीनी स्तर पर खेलों के विकास और प्रोत्साहन को देखते हुए 'खेलो इंडिया लघु केंद्र' योजना शुरु की जा रही है. जिसके लिए देशभर में एक हजार केंद्र बनाए जाएंगे, पूर्व चैंपियन खिलाड़ी नए खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देंगे.

'Khelo India' scheme launched in the state
'खेलो इंडिया' योजना की प्रदेश में शुरूआत
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Published : Jul 9, 2020, 8:10 AM IST

भोपाल। केंद्र सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के द्वारा 'खेलो इंडिया लघु केंद्र' योजना शुरु की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत पूरे देश में एक हजार केंद्र स्थापित किए जाएंगे. जहां जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जाएगा. इसका संचालन पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों के माध्यम से किया जाएगा.

हर साल 'खेलो इंडिया' के लिए तीन केंद्रों का चयन खेल और युवा कल्याण विभाग के अधिकारी, जिला कलेक्टर की अनुशंसा से करेंगे. यह प्रस्ताव संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश को प्रेषित किया जाएगा. जिसमें पूर्व चैंपियन खिलाड़ी नवोदित खिलाड़ियों के प्रशिक्षक बनेंगे और उन्हें मार्गदर्शन देंगे. साथ ही इस योजना में यह भी तय किया गया है कि, इस कार्य से पूर्व खिलाड़ियों को कुछ आय प्राप्त हो सके.

इस सिलसिले में प्रदेश के समस्त जिला खेल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि, वे अपने जिले से वर्ष 2020 -21 के लिए अधिकतम दो प्रस्ताव का चयन कर निर्धारित प्रपत्र में 20 जुलाई, 2020 तक संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण को प्रेषित करें. चार वर्षीय इस योजना में पूरे देश में 1 हजार 'खेलो इंडिया' सेंटर की स्थापना की जाएगी. इसमें ओलंपिक में खेले जाने वाले 14 खेल जैसे आर्चरी (तीरंदाजी), एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, साइकिलिंग, फेंसिंग (तलवारबाजी), हॉकी, जूडो, रोइंग, शूटिंग, स्विमिंग (तैराकी), टेबल टेनिस, वेट लिफ्टिंग (भारोत्तोलन), रेसलिंग (कुश्ती) के साथ ही फुटबॉल और पारंपरिक खेल भी शामिल होंगे.

'खेलो इंडिया' सेंटर की स्थापना के लिए पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों को प्रशिक्षक, सपोर्टिंग स्टाफ, खेल उपकरण क्रय, खेल किट, गैर-उपभोज्य एवं प्रतियोगिता में टीम को सम्मिलित करने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा. प्रशिक्षण हेतु कुछ शुल्क भी पूर्व चैंपियन खिलाड़ी नवोदित खिलाड़ियों से प्राप्त कर सकते हैं. चयनित खेलो इंडिया केंद्रों को भारत सरकार 4 साल के लिए आर्थिक सहायता देगी, चार साल के बाद पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों की पहचान स्थापित प्रशिक्षक के रूप में होने से वो स्वयं के संसाधनों से केंद्र का संचालन भविष्य मे निरंतर कर सकेंगे.

चयनित 'खेलो इंडिया' केंद्र को भारत सरकार एक मुश्त 5 लाख रुपये केंद्र प्रति खेल के मान से खेल मैदान के रख रखाव, उन्नयन, खेल उपकरण, खेल किट आदि के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षक को अधिकतम 3 लाख रुपए वार्षिक मानदेय प्राप्त करने की अनुमति होगी. विकास खंड एवं जिला स्तर पर शासकीय और अशासकीय स्कूल, कॉलेज, संस्था एवं अन्य उपलब्ध खेल अधोसंरचना का उपयोग पूर्व चैंपियन खिलाड़ी-प्रशिक्षक द्वारा इन प्रस्तावित खेलो इंडिया केंद्र के अंतर्गत किया जा सकता है. पूर्व चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षकों को नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए इन केंद्रों के प्रस्ताव प्रेषित कर सकते हैं.

भोपाल। केंद्र सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के द्वारा 'खेलो इंडिया लघु केंद्र' योजना शुरु की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत पूरे देश में एक हजार केंद्र स्थापित किए जाएंगे. जहां जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जाएगा. इसका संचालन पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों के माध्यम से किया जाएगा.

हर साल 'खेलो इंडिया' के लिए तीन केंद्रों का चयन खेल और युवा कल्याण विभाग के अधिकारी, जिला कलेक्टर की अनुशंसा से करेंगे. यह प्रस्ताव संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश को प्रेषित किया जाएगा. जिसमें पूर्व चैंपियन खिलाड़ी नवोदित खिलाड़ियों के प्रशिक्षक बनेंगे और उन्हें मार्गदर्शन देंगे. साथ ही इस योजना में यह भी तय किया गया है कि, इस कार्य से पूर्व खिलाड़ियों को कुछ आय प्राप्त हो सके.

इस सिलसिले में प्रदेश के समस्त जिला खेल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि, वे अपने जिले से वर्ष 2020 -21 के लिए अधिकतम दो प्रस्ताव का चयन कर निर्धारित प्रपत्र में 20 जुलाई, 2020 तक संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण को प्रेषित करें. चार वर्षीय इस योजना में पूरे देश में 1 हजार 'खेलो इंडिया' सेंटर की स्थापना की जाएगी. इसमें ओलंपिक में खेले जाने वाले 14 खेल जैसे आर्चरी (तीरंदाजी), एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, साइकिलिंग, फेंसिंग (तलवारबाजी), हॉकी, जूडो, रोइंग, शूटिंग, स्विमिंग (तैराकी), टेबल टेनिस, वेट लिफ्टिंग (भारोत्तोलन), रेसलिंग (कुश्ती) के साथ ही फुटबॉल और पारंपरिक खेल भी शामिल होंगे.

'खेलो इंडिया' सेंटर की स्थापना के लिए पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों को प्रशिक्षक, सपोर्टिंग स्टाफ, खेल उपकरण क्रय, खेल किट, गैर-उपभोज्य एवं प्रतियोगिता में टीम को सम्मिलित करने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा. प्रशिक्षण हेतु कुछ शुल्क भी पूर्व चैंपियन खिलाड़ी नवोदित खिलाड़ियों से प्राप्त कर सकते हैं. चयनित खेलो इंडिया केंद्रों को भारत सरकार 4 साल के लिए आर्थिक सहायता देगी, चार साल के बाद पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों की पहचान स्थापित प्रशिक्षक के रूप में होने से वो स्वयं के संसाधनों से केंद्र का संचालन भविष्य मे निरंतर कर सकेंगे.

चयनित 'खेलो इंडिया' केंद्र को भारत सरकार एक मुश्त 5 लाख रुपये केंद्र प्रति खेल के मान से खेल मैदान के रख रखाव, उन्नयन, खेल उपकरण, खेल किट आदि के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षक को अधिकतम 3 लाख रुपए वार्षिक मानदेय प्राप्त करने की अनुमति होगी. विकास खंड एवं जिला स्तर पर शासकीय और अशासकीय स्कूल, कॉलेज, संस्था एवं अन्य उपलब्ध खेल अधोसंरचना का उपयोग पूर्व चैंपियन खिलाड़ी-प्रशिक्षक द्वारा इन प्रस्तावित खेलो इंडिया केंद्र के अंतर्गत किया जा सकता है. पूर्व चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षकों को नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए इन केंद्रों के प्रस्ताव प्रेषित कर सकते हैं.

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