भोपाल। एमपी के खरगोन में हुए दंगों में 12 साल के लड़के संपत्ति के नुकसान के मामले में हर्जाना भरने नोटिस दिया गया है, वहीं यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब मध्यप्रदेश जमीयत उलेमा ने इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट के साथ ये आरोप लगाया है कि ये एकतरफा कार्रवाई है. जमीयत उलेमा ने भी खरगोन दंगे की जांच के लिए दल भेजा था और उसकी जांच रिपोर्ट ये कहती है कि जिस बच्चे से जुर्माना वसूला जा रहा है, वो दंगे में शामिल ही नहीं था. वह घर पर सो रहा था. जमीयत उलेमा का आरोप है कि एक ही समुदाय के खिलाफ लगातार एकतरफा कार्रवाई की जा रही है. (khargone violence case) (12 year old boy for property damage issue)
बच्चा मुजरिम नहीं फिर सज़ा क्यों: खरगोन दंगों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए जो ट्रिब्यूनल का गठन किया गया. ट्रिब्यूनल ने पीड़ितों की शिकायत सुनने के बाद 12 साल के एक लड़के को नोटिस जारी किया है. जिसमें संपत्ति का जो नुकसान हुआ है. उसे लेकर 2.9 लाख रुपए भुगतान करने को कहा गया. मध्यप्रदेश प्रिवेंशन एंड रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत स्थापित ट्रिब्यूनल की ओर से अगस्त 2022 में एक महिला की शिकायत पर इस लड़के समेत सात अन्य को नोटिस जारी किया गया. अब ये मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. मध्यप्रदेश जमीय़त उलेमा ने इसे एकतरफा कार्रवाई बताया है. उलेमा ने अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर ये भी कहा है कि ये लड़का उस समय घर पर था.
जिनके खिलाफ सबूत उन पर कार्रवाई नहीं: जमीयत उलेमा के प्रदेश महासचिव मोहम्मद कलीम खान का कहना है कि जिनके खिलाफ सबूत मौजूद हैं. उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. एकतरफा सुनवाई की जा रही है. जब दूसरे तरफ की शिकायत की गई तो उनकी रिपोर्ट भी नहीं लिखी गई.
क्या है पूरा मामला: रामनवमी पर खरगोन में हुए दंगों में नुकसान की भरपाई को लेकर एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया. ट्रिब्यूनल ने खरगोन में पीड़ितों की सुनवाई की. उसके बाद दंगों में हुए नुकसान को लेकर 12 वर्ष के लड़के को नोटिस जारी किया. जिसमें संपत्ति के नुकसान को लेकर 2.9 लाख रुपए की राशि का हर्जाना भरने को कहा गया है. बताया जा रहा है कि जिस समय दंगे हुए थे, खरगोन में उस समय इस लड़के की उम्र 11 वर्ष थी. (khargone violence case) (12 year old boy for property damage issue) (jamiat ulema alleges one sided action in khandwa)