भोपाल। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ की संस्था के लिए आवंटित जमीन का आवंटन रद्द कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. जवाब में कमलनाथ सरकार ने बीजेपी नेताओं की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी गई है. तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार के समय में मध्यप्रदेश में बीजेपी के नेताओं द्वारा किए गए जमीन में निवेश की पड़ताल शुरू कर दी है.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और एनडीए में शामिल अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल द्वारा किए गए निवेश की पड़ताल कांग्रेस सरकार शुरु कर दी है. शिवराज सरकार के समय मध्यप्रदेश की वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और पार्क के आसपास रिसॉर्ट बनाने के लिए जमीन में निवेश किया था. बीजेपी और कांग्रेस के बीच चल रही इस जंग में ई टेंडर घोटाले की कार्रवाई तो शुरू हो ही चुकी है और संघ और बीजेपी से जुड़े नेताओं पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. व्यापम मामले में भी नए सिरे से जांच पड़ताल शुरू हो चुकी है.
रीवा सांसद जनार्दन मिश्र के पते पर मध्यप्रदेश में निवेश करने के मामले में स्मृति ईरानी पहले ही सुर्खियों में आई थी और और उनकी जमीन खरीदने पर सवाल उठे थे. मीडिया में भी यह मुद्दा काफी छाया रहा था, लेकिन राज्य और केंद्र में बीजेपी की सरकार होने के कारण ठंडे बस्ते में चला गया था. खबर ये भी है कि शिवराज सिंह के कार्यकाल के दौरान एनडीए में शामिल अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने भी मध्य प्रदेश के कई दौरे किए थे और उन्होंने मध्यप्रदेश में निवेश किया था. कांग्रेसी सूत्रों की मानें तो इन नेताओं के अलावा मध्यप्रदेश के कई बीजेपी नेता और केंद्र के बीजेपी और एनडीए से जुड़े नेताओं ने बीजेपी सरकार का लाभ लेते हुए गलत तरीके से कई तरह कई जमीने हथियाई हैं. जिनकी जांच कमलनाथ सरकार ने शुरू कर दी है.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि बीजेपी के राज में कई तरह की गड़बड़ियों की जांच इन दिनों कमलनाथ सरकार कर रही है. जिस में नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं. इन खुलासों में पता चला है कि शिवराज सिंह सरकार के समय में बीजेपी और बीजेपी से जुड़े लोगों ने एमपी में जमीन खरीदने में सरकारी स्तर पर लाभ लिया है.