भोपाल। नए कृषि कानून को लेकर राजधानी में पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रेसवार्ता की, कमलनाथ ने कहा कि आज देश के लाखों किसान दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं, ये समझदार किसान हैं, ये 40 साल पहले के किसान नहीं है, आज के किसान मॉडर्न किसान हैं, जो कनून को समझते हैं.
- मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित
मध्यप्रदेश की 70% अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है, गांव के किराने दुकान से लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज तक, ब्लॉक के बाजार से लेकर जिले के बाजार तक कृषि के कारण ही चलता है. इस नए कानून के तहत कोई भी व्यापारी कितना भी उपज स्टॉक कर सकता है, उपज स्टॉक होने के बाद बाजार में फसलों के दाम बढ़ेंगे और व्यापारी मनमाने दाम पर उस फसल को बेचेगा. जिससे देश में महंगाई बढ़ेगी, व्यापारी और अमीर होगा, किसान गरीब का गरीब ही रह जाएगा.
- कृषि क्षेत्र का निजीकरण किसानों को कर देगा बर्बाद
कृषि कानून के निजीकरण होने से किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे, क्योंकि व्यापारी किसानों को मनमाने दाम से फसल खरीदने की बात कहेंगे, और किसनों को मजबूरी में कम दाम में ही फसलों को बेचना पड़ेगा. जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा. वहीं निजी कंपनियां ऊंचे दाम पर किसानों की फसलों को बेचेंगी.
- मध्य प्रदेश का हूं, मध्य प्रदेश में ही रहूंगा
कमलनाथ के दिल्ली जाने की बातों को अफवाह बताया है, उन्होंने कहा कि मैं कही नहीं जा रहा हूं, मध्य प्रदेश का हूं और मध्य प्रदेश में ही रहूंगा, मीडिया में जो बात कही जा रही है, वो गलत है. मैंने किसी और बात को लेकर कहा था, मैंने खुद के आराम की बात नहीं की थीं. क्योंकि मेरी उम्र आराम करने की नहीं है.
- हनी ट्रैप, ई-टेंडर और व्यापमं घोटाले पर बोले कमलनाथ
हनी ट्रैप, व्यापम घोटाला और ई-टेंडर घोटाले को लेकर कमलनाथ ने कहा कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए, और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जब उनकी सरकार मध्यप्रदेश में बनी, तब ई-टेंडर घोटाले की जांच की जा रही थी, जिसे लेकर मैंने भी कार्रवाई और तेज करने की बात कही, बीजेपी कह रही थी, कि बदले कि भावना से ये कार्रवाई की जा रही है, लेकिन ई-टेंडर घोटाले को लेकर बीजेपी ने ही EOW को ये केस सौंपा था, कमलनाथ ने कहा कि मैं बदले की भावना से कभी काम नहीं किया, कांग्रेस के लोग भी अगर घोटाले में जुड़े हैं, तो उनकी भी जांच की जानी चाहिए, और दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए.
- छिंदवाड़ा से शुरू होगा कांग्रेस का किसान आंदोलन
नए कृषि कानूनों के खिलाफ 15 जनवरी को किसानों के साथ कांग्रेस आंदोलन करेगी. जिसके तहत चक्काजाम किया जाएगा, वहीं 20 जनवरी को मुरैना में किसान महा पंचायत होगी, जिसमें कांग्रेस के कई बड़े दिग्गज शामिल होंगे, वहीं 23 जनवरी को राजभवन का घेराव करने की घोषणा भी की गई है.
- मध्य प्रदेश में पंजाब से ज्यादा उत्पादन
कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में पंजाब से ज्यादा उत्पादन होता है, पंजाब का उत्पादन 175 टन है, जबकि मध्यप्रदेश का 196 टन उत्पादन है. लेकिन एमपी में सिर्फ 20 प्रतिशत किसानों को ही एमएसपी मिलती है. ऐसे में नए कानून आने के बाद किसान बर्बाद हो जाएगा.