भोपाल। कमलनाथ सरकार ने हाई कोर्ट के स्टे के बावजूद OBC वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की तैयारी कर ली है. छात्रों की ओर से पैरवी करने वाले एडवोकेट का कहना कि वो हाई कोर्ट में जल्द ही अवमानना याचिका लगाएंगे.
मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट ने ओबीसी वर्ग का आरक्षण14% से बढ़ाकर 27% करने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है. इस फैसले को मॉनसून सत्र में विधानसभा में रखा जाएगा लेकिन इस फैसले को कोर्ट की अवमानना माना जा रहा है. क्योंकि कमलनाथ सरकार ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने का अध्यादेश जनवरी में भी लाई थी, जिसके खिलाफ मेडिकल छात्रों ने हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट ने 1990 की इंदिरा साहनी केस को आधार बनाते हुए राज्य सरकार के अध्यादेश पर स्टे लगा दिया था.
वकील आदित्य संघी बताते हैं कि इंदिरा सहानी केस के फैसले के मुताबिक रिजर्वेशन या आरक्षण किसी भी तरीके से 50% से ज्यादा नहीं दिया जा सकता. अगर प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण दिया जाता है तो वो 63% के पास पहुंच जाएगा जो कि गलत है. इसलिए कोर्ट ने इस अध्यादेश पर स्टे लगाया था. इसके बाद अब तक ये मामला हाई कोर्ट में 5 बार लग चुका है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से इस मामले में कोई नया दस्तावेज पेश नहीं किया गया.
सरकार ने हाई कोर्ट के सामने जल्द ही सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में ऑर्डर लेकर आने के लिए कहा था, लेकिन राज्य सरकार ने ना तो सुप्रीम कोर्ट में कोई आवेदन नहीं किया बल्कि सीधे अध्यादेश को कैबिनेट के सामने रखकर पास कर लिया. आदित्य संघी का कहना है कि छात्र जल्द ही कोर्ट की अवमानना का मामला पेश करेंगे.