भोपाल। मंत्रालय में भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में डॉक्टरों की कमी को लेकर चिंता जाहिर की गई है. बैठक में भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री आरिफ अकील, प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
समीक्षा बैठक के दौरान गैस पीड़ितों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश मंत्री आरिफ अकील ने दिए. साथ ही यूनियन कार्बाइड के केमिकल को हटाने और इस स्थान को विकसित करने के काम में तेजी लाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए हैं.
बैठक में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा भी चर्चा में रहा, जिसे ध्यान में रखते हुए मंत्री आरिफ अकील ने अब रिटायर हो चुके डॉक्टरों की सेवा एक बार फिर से संविदा आधार पर लेने के लिए विभाग को कहा है, ताकि गैस पीड़ितों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके.
डॉक्टरों की कमी से पीड़ित चिंतित
डॉक्टरों की कमी के कारण कई अस्पतालों में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं भोपाल मेमोरियल अस्पताल में पदस्थ 14 डॉक्टरों ने भी एक साथ सामूहिक इस्तीफा प्रबंधन को सौंप दिया है. ऐसी स्थिति में चिकित्सा व्यवस्था को लेकर गैस पीड़ित चिंतित हैं. यही वजह है कि इस बैठक में मंत्री आरिफ अकील ने चिकित्सा व्यवस्था को ठीक करने की कवायद शुरू की है.
तेजी से बढ़ाया जाए काम
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास मंत्री आरिफ अकील ने कहा कि गैस पीड़ितों के आर्थिक पुर्नवास के लिए कौशल उन्नयन का प्रस्ताव तैयार करें. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति बनाएं. विभागीय अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए रिटायर्ड चिकित्सकों को संविदा आधार पर पदस्थ करें. आरिफ अकील ने अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों को इन्सेंटिव देने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए. आरिफ अकील ने अस्पतालों को अपग्रेड करने के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए.
संजीवनी क्लीनिक खुलवाने की व्यवस्था के निर्देश
मंत्री आरिफ अकील ने गैस पीड़ित वार्डों में संजीवनी क्लीनिक खुलवाने की व्यवस्था करने को भी कहा है. मंत्री आरिफ अकील ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सरकार संजीवनी क्लीनिक खोल रही है, इसी क्रम में भोपाल के उन क्षेत्रों में भी संजीवनी क्लीनिक खोलने का काम शुरू किया जाए, जहां पर गैस पीड़ितों का निवास है, इससे भी उन्हें बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मिल सकेगी.